दुनिया ने अंतरिक्ष में जाना तो पहले ही शुरु कर दिया था लेकिन भारत से पहली बार अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) हैं. उन्होंने अपने जीवन का अब तक का सारा पल स्पेस सेंटर में बिता दी. राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष के लिए उडान भरकर भारत का नाम रोशन किया और 8 दिन तक अंतरिक्ष में रहने के बाद कज़ाखिस्तान में उनकी लैंडिग हुई, और ये भारत के लिए गर्व की बात रही है.
राकेश शर्मा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य :
1. राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ और उनकी शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद के सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से बैचलर की पढाई की.
2. राकेश शर्मा की शादी रिटायर्ड कर्नल श्री पी. एन. शर्मा की बेटी मधु शर्मा से साल 1982 में हुई थी. उनके दो बच्चे हैं जिनका नाम कपिल और मानसी शर्मा हैं.
3. साल 1966 में राकेश शर्मा का सिलेक्शन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में हुआ और वे इंडियन एयर फोर्स में कैडेट के रूप शामिल हुए. एनडीए पास करने के बाद वे साल 1970 में भारतीय वायु सेना में बतौर टेस्ट पायलट भर्ती हो गये.
4. साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय राकेश शर्मा ने मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण जीत प्राप्त की थी. अपनी मेहनत के बल पर वे आगे बढ़ते रहे और साल 1984 में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर पहुंच गए.
5. इसी समय 20 सितम्बर, 1982 को उनका सिलेक्शन भारत (इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर) और सोवियत संघ (इन्टरकॉसमॉस) के एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए हो गया जिससे उन्हे अंतरिक्ष यात्रा करने का सुनहरा मौका मिला.
6. इसके बाद राकेश शर्मा को सोवियत संघ के कज़ाकिस्तान में स्थित बैकानूर में अंतरिक्ष प्रशिक्षण के लिए भेज दिया. उनके साथ एक और भारतीय रविश मल्होत्रा भी भेजे गए थे.
7. प्रशिक्षण के बाद भारतीयों का इंतजार खत्म हुआ और 3 अप्रैल, 1984 का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक बन गया, जब तत्कालीन सोवियत संघ के बैकानूर से सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी. इस अंतरिक्ष दल में राकेश शर्मा के साथ अंतरिक्ष यान के कमांडर वाई. वी. मालिशेव और फ़्लाइट इंजीनियर जी.एम स्ट्रकोलॉफ़ भी शामिल थे.
8. अंतरिक्ष यान सोयूज टी-11 ने सफलता पूर्वक तीनों यात्रियों को सोवियत रूस के ऑर्बिटल स्टेशन सेल्यूत-7 में पहुंचा दिया गया. राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताया.
9. इस अंतरिक्ष दल ने 43 प्रयोग किये, जिसमें वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन शामिल था. इस मिशन पर राकेश शर्मा को बायो-मेडिसिन और रिमोट सेंसिंग के क्षेत्र से सम्बंधित जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
10. अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि अंतरिक्ष से हमारा भारत कैसा दिखाई देता है ? तो राकेश शर्मा ने जवाब दिया, ‘सारे जहाँ से अच्छा’. उस समय किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजने वाला भारत 14वां देश बना था.
11. राकेश शर्मा को हीरो ऑफ़ सोवियत संघ के पद से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने भी उन्हें अपने सर्वोच्च अवार्ड (शांति के समय में) अशोक चक्र से सम्मानित किया था.
12. अशोक चक्र सोवियत संघ के दो और सदस्य मलयशेव और स्ट्रेकलोव को भी दिया गया था, जो राकेश शर्मा के साथ ही अंतरिक्ष में गए थे. वे ऐसे पहले इंसान थे जिन्होंने अंतरिक्ष में रशियन को भारतीय खाना खिलाया था.
13. अंतरिक्ष में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए राकेश शर्मा योगा किया करते थे. साल 2009 की कांफ्रेंस में शर्मा ने अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को सलाह भी दी थी की वे अंतरिक्ष में जाने से पहले वहां की बीमारियो से बचने के लिए योग अभ्यास करें.
14. साल 2014 में 65 साल की उम्र में राकेश शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया कि अगर उनका बस चले तो वे एक बार फिर अंतरिक्ष की यात्रा कर लें. उम्र के इस पड़ाव में भी उनके अंदर का जज्बा बूढ़ा नहीं हुआ.
15. नवम्बर, 2006 में राकेश शर्मा ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) की समिति में भी सदस्य रूप में शामिल थे. इस समिति ने नए भारतीय अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को अनुमति दी थी. अब राकेश शर्मा ऑटोमेटेड वर्कफ़्लोर कम्पनी के बोर्ड चेयमैन की पद से काम कर रहतेम हैं.
16. राकेश शर्मा के जीवन पर निर्देशक महेश मथाई एक फिल्म बना रहे हैं इसमें शाहरख खान एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा का किरदार निभा रहे हैं और फिल्म की शूटिंग भी शुरु हो गई है॥
एक और बडी़ खबर सामने आ गई, वो यह है कि इस शाहरुख खान अब अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का किरदार निभाएंगे और ये फिल्म अगले साल मार्च में फ्लोर पर जाएगी॥