_मनोज उपाध्याय, स्पोर्ट्स एडीटर सच की दस्तक
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज यशपाल शर्मा के निधन से पूरा क्रिकेट जगत स्तब्ध है। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है। यशपाल भारत की 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट में कभी शून्य पर पवेलियन नहीं लौटने का उनका एक अनोखा रिकॉर्ड रहा।
11 अगस्त 1954 को लुधियाना में जन्मे क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू चिर प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान के खिलाफ साल 1978 में किया था। इसके बाद वह इंग्लैंड में खेले गए 1983 के विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे, जहां भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा था। 1985 में अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले यशपाल शर्मा को सात साल के अंतराल में कभी कोई गेंदबाज वनडे क्रिकेट में शून्य पर आउट नहीं कर सका।ऐसी थी वो शख्सियत।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर भी शामिल रहे। ठाकुर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘दिग्गज क्रिकेटर और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा के निधन से दुखी हूं। उनका करियर शानदार रहा और 1983 विश्व कप में वह भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वालों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।’’ महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को भी उनके निधन पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने लिखा, ‘‘यशपाल शर्मा जी के निधन से स्तब्ध और बेहद दुखी हूं। उन्हें 1983 विश्व कप में बल्लेबाजी करते हुए देखने की अच्छी यादें मेरे जेहन में हैं।
सूत्रों के अनुसार सुबह की सैर से लौटने के बाद यशपाल घर में बेहोश होकर गिर पड़े। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, ‘‘यशपाल शर्मा के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध और दुखी हूं। उन्हें हमेशा वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रन की पारी के लिए याद रखा जाएगा जिसने 1983 विश्व कप में भारत की यात्रा को प्रेरणा दी। उनके टीम इंडिया को दिए योगदान को याद रखा जाएगा। ’’ पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने भी उन्हें ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी। पूर्व कप्तान और लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने लिखा, ‘‘यशपाल शर्मा के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। हमारी पहली विश्व कप खिताबी जीत के नायकों में से एक। उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदनाएं।’’ पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, ‘‘यशपाल शर्मा पाजी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ, विश्व कप 1983 में हमारी जीत के हीरो में से एक। तहेदिल से शोक व्यक्त करता हूं।’’ ग़ौरतलब है कि मध्यक्रम के पूर्व बल्लेबाज यशपाल का यहां दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को निधन हो गया। वह 66 बरस के थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटी और एक बेटा है। विश्व कप 1983 की चैंपियन भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव से जब पीटीआई ने संपर्क किया तो वह काफी दुखी और कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थे और सिर्फ इतना ही बोल पाए, ‘‘मैं कुछ नहीं बोल पाऊंगा।’’ यशपाल के टीम के अन्य साथी भी स्तब्ध हैं। विश्व कप 1983 की चैंपियन टीम दो हफ्ते पहले ही यहां एक किताब के विमोचन के मौके पर मिली थी।
पूर्व आलराउंडर युवराज सिंह ने लिखा, ‘‘यशपाल शर्मा पाजी के निधन की बुरी खबर सुनी। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’ पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट किया, ‘‘यश पाजी के निधन की बुरी खबर मिली। वह 1983 विश्व कप विजेता टीम के हीरो में से एक थे और बेहद शानदार व्यक्ति। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं।’’ पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने लिखा, ‘‘विश्व कप विजेता, यशपाल शर्मा जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। वह भारतीय चयनकर्ता भी रहे। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं।’’
बता दें, कि यशपाल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 37 टेस्ट में 1606 रन और 42 एक दिवसीय मैचों में 883 रन बनाए। उन्होंने दोनों प्रारूपों में एक-एक विकेट भी हासिल किया। वह 2000 के दशक में राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे। बड़े ही द्रवित मन से सच की दस्तक की टीम की तरफ़ से इस महान हस्ती को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।