देशभक्ति : अभिनंदन ✍️ गोपाल कौशल
अभिनंदन
यह भारत माँ के वीर बेटे
सिर ऊंचा करके जीते है ।
यह सबकी आंखों के तारें
शत्रुओं को देख बने चीते हैं ।।
आती जब इन पर आंच
पूरा देश करता क्रंदन हैं।
पराक्रम जिनकी पहचान
ऐसे वीरों को कोटि वंदन हैं ।।
वायु पुत्र अभिनंदन का
कोटिश बार अभिनंदन है ।
आंतकियों के ठिकानों को
किया ढेर,जय हिंद वंदन हैं ।।
मातृभूमि शीश रक्त तिलक
किया वो रक्त चंदन हैं ।
शत्रु के बीच खड़ा धैर्य से वह
वीर जननी भारती का नंदन हैं ।।
मर मिटते हैं देश के खातिर
शौर्य आग से निकले कुंदन हैं ।
घर आने तक,देश करें कामना
हे ! वीर तुम्हारा अभिनंदन हैं ।।
✍ गोपाल कौशल
नागदा जिला धार मध्यप्रदेश
99814-67300
“© स्वरचित ® 27/2/19