गाजियाबाद में जहां जल गयीं 40 गौमाता,, वहां मिली अब्दुल की ID
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां 40 गौमाता की आग में जलकर मौत हो गई. ये आग गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कनावनी गांव में लगी. कहा जा रहा है कि आग पहले गौशाला के समीप झुग्गी बस्ती में लगी, जिसने गौशाला को अपनी चपेट में ले लिया.
ये भी जानकारी मिली है कि जिस झुग्गी बस्ती में आग लगी, वहां रोहिंग्या रहते थे. आग लगने के बाद से वो सभी वहां से गायब हैं. कुछ स्थानीय लोग रोहिंग्याओं पर ही आगजनी का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि गौशाला में भी आग इन्हीं के द्वारा लगाई गई हो सकती है.
इन आरोपों में दम भी इसलिए नजर आ रहा है क्योंकि जहां 40 गौमाताओं की आग में जलकर मौत हुई है, वहां से एक आईडी बरामद हुई है. जो आईडी बरामद हुई है, उस पर अब्दुल नाम लिखा हुआ है. इसके बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर गौशाला में अब्दुल की आईडी कैसे पहुंची? जिस अब्दुल की आईडी मिली है, वह गौशाला में क्या कर रहा था?
आग एक झुग्गी बस्ती में लगी, जहां पर कबाड़ का गोदाम भी था और उसी बस्ती के बराबर में स्थित गौशाला में भी आग फैल गयी. दोपहर का समय था. गाय खूंटे से बंधी हुई थी. आग इतनी तेजी से फैली की सभी गायों को खोल पाना मुश्किल साबित हुआ और जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में गायों की झुलसने से मौत हो गई.
फिलहाल गाजियाबाद पुलिस मामले की जांच कर रही है. साथ ही साथ प्रशासन ने भी इस मामले में जांच करने की बात कही है और ये भी कहा है कि जो झुग्गी बस्ती बसी हुई थी, वह किन हालातों में बसाई गई थी, इसकी भी जांच होगी, क्योंकि आसपास के लोगों का कहना है कि बस्ती में रहने वाले लोग कबाड़ का काम करते हैं और वहीं पर कबाड़ का गोदाम भी बनाया हुआ था. इस संदर्भ में कई बार पुलिस व प्रशासन से शिकायत भी की जा चुकी थी. इस आग में गेहूं का एक खेत भी जल गया.