भारत बंद का आह्वान
राजनीति के गलियारों से…
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10 सितम्बर पर मंहगाई के खिलाफ़ विपक्ष का भारत बंद का आह्वान –
जिस प्रकार आप सभी जानते हैं कि लालकिले की प्राचीर से स्वच्छता की बात करने वाले लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमेशा विपक्ष की कड़वे बयान का सामना करना पड़ता है चाहे वह बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ नारा हो या जनधन योजना। हाल ही में केन्द्रीय हिन्दी समिति की 31वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा का प्रसार, आम बोलचाल की भाषा में ही होना चाहिए और सरकारी काम-काज में भी क्लिष्ट तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल कम से कम किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री यहीं न रूके उन्होंने आगें कहा कि तमिल जैसी, विश्व की प्राचीनतम भारतीय भाषाओं पर भारतीयों को गर्व हैं. देश की सभी भाषाएं हिन्दी को भी समृद्ध कर सकती हैं. इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री ने सरकार की “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” पहल का उल्लेख किया। उनके इस भाषण पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पहले आप मेकिगं इंडिया व राईजिंग इंडिया को हिन्दी में लायें। देश में कोई भी अच्छा कार्यक्रम हो वह भी राजनीति की भेंट चढ़ जाया करता है।
मीडिया से जब भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी के दूसरे दिन वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर रूबरू हुये तो उन्होंने साफ कहा कि न्यू-इंडिया का सपना पूरा होकर ही रहेगा । वर्ष 2019 में जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा, ” हमारे पास कार्यक्रम है, नीति है, नेता है और रणनीति है । जबकि विपक्ष के पास ना कोई नेता है, ना कोई नीति है और ना ही कोई रणनीति है।जिसपर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हल्ला बोलते हुए कहा कि भाजपा ‘हिंसा की राजनीति’ का सहारा लेने और विपक्षी पार्टियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है का आरोप लगा दिया । राज्य में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव का हवाला देते हुए उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सदस्य उन गुंडों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं, जो पहले माकपा के लिए काम करते थे।
तृणमूल छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, ‘हत्या की राजनीति का सहारा लेने के बावजूद पूर्व में माओवादियों के गढ़ रहे जंगलमहल में भाजपा केवल कुछ सीटें ही जीत पाई। 2019 के चुनावी रण में हम प्रशांत किशोर प्रशांत को कैसे भूल सकते हैं जो अब सीधे राजनीति में कूदने का मन बना चुके हैं । प्रशांत किशोर 2014 में बीजेपी, 2015 में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के लिये काम कर चुके हैं। एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार की स्ट्रैटिजी के तहत उन्होंने ‘मोदी लहर’ में बदल दिया था।
हाल ही में हुए एससी एसटी बंद के उग्र प्रदर्शन की आंच और सुलगाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऐलान किया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश के अंदर एक ‘ब्राह्मण कल्याण बोर्ड’ का गठन किया जाएगा। यह बयान उन्होंने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर तट पर आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में दिया और कहा, मेरे एक साथी ने कहा कि आप कांग्रेस के झंडे के नीचे ब्राह्मण समाज का सम्मेलन क्यों कर रहे हैं, तो मैं जवाब देना चाहता हूं कि ब्राह्मण समाज का खून कांग्रेस के डीएनए में है। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो देश के अंदर एक ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। इस बोर्ड का चेयरमैन भी ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को ही बनाया जाएगा। आप बात आती है राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा की कि जिसपर भी राजनीति बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। राहुल गांधी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि कैलाश वही पहुंचता है, जिसे वहां से बुलावा आता है।मैं ख़ुशक़िस्मत हूं कि मुझे यह अवसर प्राप्त हुआ और यहां किसी भी तरह की घृणा नहीं है…यही वजह है कि हम भारत में इसकी पूजा करते हैं।
राहुल गांधी 31 अगस्त को नेपाल पहुंचे थे।राहुल गांधी नेपाल की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा कर रहे हैं। पूरा देश गवाह है कि राहुल गांधी अपने हर कार्य और बयान को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं और नित नये व्यंग का शिकार भी बनते हैं। वह नेपाल पहुंचते ही वे विवादों में घिर गये थे।वहां उन्होंने काठमांडू के आनंद भवन स्थित वूटू फूड बुटिक में भोजन किया जिसपर विवाद हो गया।नेपाली मीडिया में खबर छपी कि राहुल गांधी ने नॉनवेज यानी मांसाहारी भोजन का सेवन किया। जिस पर कांग्रेस और बीजेपी में आरोप – प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब यह रार भाजपा के अंदर भी दिखती नज़र आ रही है कि