द गुरुकुलम स्कूल में मनी नेचर वाली अनोखी दीपावली
सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी
चन्दौली
इस बार दिवाली पर द गुरुकुलम स्कूल ने कुछ अलग कर दिखाया। पटाखों और शोर-शराबे से दूर, स्कूल ने “नेचरवाली दिवाली” मनाकर पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश दिया। इस पहल में स्कूल ने आसपास की हाउसिंग सोसाइटीज़, प्री-स्कूल्स, आरडब्ल्यूए (RWA) संगठनों और स्थानीय सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भागीदारी की।
स्कूल की इस मुहिम का मकसद था — “प्रकृति के साथ मनाएं दिवाली, रोशनी हो लेकिन धुएं के बिना।” इसी विचार को साकार करने के लिए गुरुकुलम स्कूल ने पौधा वितरण अभियान चलाया। अभियान के तहत आसपास की सभी सोसाइटीज़, स्कूलों और संस्थानों के हर सदस्य को एक-एक पौधा उपहार में दिया गया। बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी ने इस हरित पहल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
स्कूल परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में जब पौधों का वितरण हुआ तो माहौल बेहद सकारात्मक रहा। लोग इस पहल से प्रभावित हुए और इसे सच्चे अर्थों में “हरियाली वाली दिवाली” बताया। एक निवासी ने कहा, “इस बार की दिवाली कुछ अलग थी — पटाखों की जगह पौधे मिले। ये पौधे हर साल बढ़ेंगे और याद दिलाएंगे कि असली रोशनी तो हरियाली में है।”
अभियान में स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने भी भाग लिया और स्कूल की पहल की सराहना की। एक अधिकारी ने कहा कि द गुरुकुलम स्कूल ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा संस्थान केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी बन सकते हैं।
“नेचरवाली दिवाली” अभियान ने यह दिखा दिया कि जब बच्चे, शिक्षक और समाज किसी नेक उद्देश्य से एकजुट होते हैं, तो उसका असर दूर तक पहुँचता है। गुरुकुलम स्कूल की यह हरित पहल न केवल पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का संदेश देती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, शांतिपूर्ण और हरियाली से भरे भविष्य की राह भी दिखाती है।
