मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं का जीता विश्वास –
नई दिल्ली। राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बताने वाला बिल लाखों मुस्लिम महिलाओं के सम्मान की खातिर आखिरकार पास हो ही गया। एक टीवी प्रोग्राम में बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि मुस्लिम बहनों के भाईजान मोदी ने उन सभी का विश्वास जीत लिया, आज का दिन बहुत गौरव का दिन है, खुशी का दिन है कहकर तालियाँ बजाकर सरकार का धन्यवाद किया।
इस बिल के, विधेयक के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े हैं। इससे पहले राज्यसभा में तीन तालक बिल
( Triple Talaq Bill ) पर वोटिंग हुई। अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। उच्च सदन में 183 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। जिसमें 99 सांसदों ने पक्ष में और 84 सांसदों ने विपक्ष में वोटिंग की।
तीन तलाक बिल को गैर कानूनी बनाते हुए तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल है। इससे पहले उच्च सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बिल को लेकर लंबी चर्चा हुई । बता दें कि लोकसभा में बिल पहले ही पास हो चुका है।
इससे पहले सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजने के पक्ष में 100 वोट पड़े, जबकि कमेटी को भेजने के पक्ष में 84 मत डाले गए। विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव गिर गए। हालांकि कई दलों ने इस बिल को लेकर सदन का वॉकआउट कर दिया । TRS AIADMK, JDU ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया । PDP और BSP ने भी हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा कई बड़े नेताओं ने वोटिंग नहीं की।
राज्यसभा में तीन तलाक पर किसने क्या कहा –
कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया- पीएम मोदी –
पीएम मोदी ने कहा कि कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया। आज ऐतिहासिक भूल को संसद ने सुधार लिया । इससे समाज में समानता आएगी। साथ ही बिल का पास होना लैंगिक न्याय की जीत होगी। यह भारत के लिए खुशी का दिन है। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पूरे देश को संतोष।
वहीं भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। शाह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को अभिशाप से मुक्ति मिली है। यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। इस विधेयक के पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे ‘न्यू इंडिया‘ के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी।
राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा पूरी
अब तक सभी बड़े संशोधन प्रस्ताव गिरे
दिग्विजय सिंह का प्रस्ताव भी गिरा
सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजने के पक्ष में 100 वोट
सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के पक्ष में 84 वोट
सेलेक्ट कमेटी के पास नहीं भेजा जाएगा बिल
100-84 से गिरा सेलेक्ट कमेटी वाला प्रस्ताव
बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने पर वोटिंग
बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव गिरा
1986 के बाद कांग्रेस को बहुमत नहीं- रविशंकर प्रसाद
1986 से 2019 तक कांग्रेस एक ही जगह खड़ी है- रविशंकर प्रसाद
दहेज को गैर जमानती बनाया गया- रविशंकर प्रसाद
समाज आगे बढ़ता है तो बदलाव जरूरी
हम सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं
तीन तलाक पीड़ित महिलाएं 75% गरीब
शाहबानो मामले पर कांग्रेस के कदम क्यों नहीं डगमगाए
2019 में भी शाहबानो मॉडल नहीं चलेगा
कोर्ट के फैसले के चलते हम कानून नहीं ला रहे हैं
पीड़ित महिलाओं को हम फुटफाथ पर नहीं छोड़ सकते
कानून में ताकत के बिना FIR नहीं
कांग्रेस को बिल पर विचार करने की जरूरत
एनडीए के घटक दल जेडीयू ने तीन तलाक बिल पर वोटिंग नहीं की
एआईएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया
राज्यसभा में फिलहाल इस बिल को पास कराने के लिए 121 वोटों की जरूरत
तीन तलाक बिल वोट बैंक का मसला नहीं, यह नारी न्याय का सवाल- रविशंकर
इससे पहले सदन के सामने बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravishankar Prasad ) ने कहा कि तीन तलाक बिल वोट बैंक का मसला नहीं है। यह नारी न्याय का सवाल है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक का सिलसिला जारी रहा। तीन तलाक ( Triple Talaq Bill ) की वजह से शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल संभव नहीं हो पा रहा था।
बिल का मूल मकसद मुस्लिम परिवारों को तोड़ना- ___गुलाम नबी आजाद
राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस बिल का मूल मकसद मुस्लिम परिवारों को तोड़ना है। सरकार इस बिल के जरिए मुस्लिम महिलाओं के नाम पर मुसलमानों को निशाना बना रही है। सरकार का साफ सोचना है कि न रहे बांस, न बजेगी बांसुरी, अब इस बिल से सरकार घर से चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है।
आजाद ने कहा कि इस बिल में कई आपत्तियां हैं, लेकिन उसे हटाया नहीं गया। बस थोड़ा बहुत बदलाव किया गया है जो काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है जिसे आप क्रिमिनल रूप दे रहे हैं।
यही वजह है कि हम तीन तलाक बिल
(Triple Talaq Bill) लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की शिकायतों के बाद बिल में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। अब इसमें जमानत और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है। इसलिए तीन तलाक बिल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए। यह नारी न्याय, गरिमा और नारी उत्थान का मसला है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर प्रतिबंध लगा रखा है।
सभी से समर्थन देने की अपील की गयी-
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ( Ravishankar prasad ) ने कहा कि एक तरफ बेटियां फाइटर प्लेन चला रही हैं। दूसरी तरफ तीन तलाक की पीड़ित बेटियों को फुटपाथ पर नहीं छोड़ा जा सकता। केंद्रीय मंत्री ने सभी दलों से नारी न्याय को ध्यान में रखते हुए बिल को पास करने की अपील की थी। बता दें कि 25 जुलाई ( गुरुवार ) को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 लोकसभा में पास हो गया था। वोटिंग के दौरान कांग्रेस, एआईएडीएमके, डीएमके और समाजवादी पार्टी ने वॉक आउट किया था।
एनडीए सांसदों की संख्या 103
दरअसल, राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं था । पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद अरुण जेटली वोटिंग नहीं किए। भाजपा के पास महज 77 सीटें । जबकि राज्यसभा में एनडीए सांसदों की संख्या 103 है।
एनडीए का फार्मूला –
बिल के खिलाफ़ सांसदों की संख्या 109
कांग्रेस – 48, तृणमूल कांग्रेस – 13, आम आदमी पार्टी – 3, बहुजन समाज पार्टी – 4, समाजवादी पार्टी – 12, द्रविण मुनेत्र कड़गम – 3, जेडीएस – 1, राष्ट्रीय जनता दल – 5, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी – 4, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – 2, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी – 5, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग – 1, केरल मणि कांग्रेस – 1, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी – 2, तेलगू देशम पार्टी – 2, निर्दलीय- 2 व नामित – 1 सदस्य हैं।