सीबीआई के रेड से रेड हुए ममता दीदी
सच की दस्तक डेस्क
शारदा चिट एंड फंड घोटाले में 2011 के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सीबीआई की टीम ने पुलिस कमिश्नर कोलकाता कि घर पर छापेमारी करने गई टीम को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सच की दस्तक को मिली जानकारी के अनुसार 2011 में शारदा चिट एंड फंड घोटाला सामने आया था ।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई इस मामले की जांच में लगी थी ।उसी के तहत रविवार की शाम को इस मामले में आरोपी पुलिस कमिश्नर कोलकाता राजीव कुमार के घर सीबीआई की टीम छापेमारी के लिए पहुंची थी लेकिन जैसे ही है भनक स्थानीय पुलिस अधिकारियों को लगी वैसे ही पुलिस अधिकारियों ने सीबीआई की टीम को पहले तो अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया और हिरासत में लेने के बाद ममता के निर्देश पर गिरफ्तार कर लिया।
भारतीय संविधान के इतिहास में यह पहला अवसर था जब सीबीआई की टीम ही छापेमारी के दौरान गिरफ्तार हुई हो। वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों से वार्ता के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पुलिस अधिकारियों का साथ देते हुए न केवल उन्हें कुशल अधिकारी वह बेदाग छवि का अधिकारी बताया। मुख्यमंत्री ने आरोप भी लगाया कि मोदी और अमित शाह की इशारे पर यह छापेमारी की जा रही है ।बंगाल के दौरे पर आए थे देश के प्रधानमंत्री ने सीबीआई से कहा कुछ करो कुछ करो ।उसके बाद इस प्रकार की घिनौनी कार्यवाही सीबीआई के द्वारा हमारी पुलिस अधिकारी पर की गई जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह आपातकाल से भी बुरी स्थिति आ गई है। इसके विरोध में मेट्रो सिनेमा के सामने में धरने पर बैठेगी ।सोमवार को पश्चिम बंगाल बजट पेश करने वाली है लेकिन मैं विधानसभा में मौजूद नहीं रहूंगी । फोन से ही बजट पेश करूंगी ।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय कहा कि यह घटना शर्मनाक है इस घटना से संविधान संकट में आ गया है।
2011 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में नहीं थी लेकिन उसी समय से यह जांच चल रही थी। मोदी सरकार से सीबीआई का कोई लेना देना नहीं है ।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की टीम छापेमारी करने गई थी। जब ममता दीदी खुद फ़सती हुई नजर आई तो अपने पुलिस अधिकारी को ना केवल बचा रही हैं बल्कि खुद पर आरोप साबित ना हो यह करने का प्रयास कर रही हैं।