India’s first war memorial पीएम मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया, 25 हजार से अधिक शहीदों के नाम अंकित-

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  • 40 एकड़ में बना है हिंदुस्तान का पहला वॉर मेमोरियल
  • मोदी सरकार ने ही अक्टूबर 2015 में मंजूरी दी थी।
  • सभी धर्म के गुरुओं ने वॉर मेमोरियल पर शांति पाठ किया
  • मेमोरियल 25 हजार 942 से ज्यादा वीर जवानों की यादें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान के पहले वॉर मेमोरियल को देश की जनता को समर्पित किया । वॉर मेमोरियल पर सभी धर्म के गुरुओं ने शांति पाठ किया। 40 एकड़ में बना ये मेमोरियल 25 हजार 942 से ज्यादा वीर जवानों की याद में बनाया गया है। इंडिया गेट के पास बने नेशनल वॉर मेमोरियल को बनाने के लिए मोदी सरकार ने ही अक्टूबर 2015 में मंजूरी दी थी।

‘अब देश नई नीति से आगे बढ़ रहा’-


देश के पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सबसे पहले पुलवामा के शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि देश की भूमिका में सैनिकों के शौर्य और समर्पण का योगदान है। देश सैनिकों ने हमेशा पहला वार अपने ऊपर लिया है। अब देश नई नीति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सरकारों पर रक्षा सौदों और सेना की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि पहले सरकारों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। उन्होंने कहा कि पहले सरकारों ने देश के वीर बेटे-बेटियों के साथ सैनिकों और राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। पीएम ने आगे कहा कि पिछली सरकारें जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं खरीदी लेकिन हमारी सरकार ने 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीदारी की है। इतना ही नहीं 72 हजार आधुनिक राइफल खरीदने का ऑर्डर दिया गया है।

पांच साल से नहीं मिली बुलेट प्रूफ जैकेट- मोदी

उन्‍होंने कहा कि सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया गया इसका अंदाजा इस बात से लगाईए कि साल 2009 में सेना ने 1 लाख, 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। 2009 से लेकर 2014 तक पांच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। यह हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा हमारे प्रयासों में दुनिया के बड़े-बड़े देश हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहते हैं। यही कारण है कि 2016 में हमारे इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू में 50 देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया था। यही कारण है कि एक के बाद एक देश हमारे साथ रक्षा सहयोग के समझौते करना चाहते हैं। देश की सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। जिन फैसलों को नामुमकिन समझा जाता था, उन्हें मुमकिन बना रहे हैं।

 

‘मोदी नहीं देश की सभ्यता और संस्कृति महत्वपूर्ण’-

मोदी ने कहा कि सेना ने हमेशा बेहतर जवाब दिया। हमारी सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेना में से एक है। हम सेना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। सरकार को नामुमकिन को मुमकिन बनाना आता है। उन्होंने कहा कि मोदी नहीं देश की सभ्यता और संस्कृति महत्वपूर्ण है। देश की परंपरा को एक परिवार के आगे महत्व नहीं मिला, देश निर्माण को लेकर मेरा लक्ष्य पवित्र है।

वॉर मेमोरियल में यह है खास

इस वॉर मेमोरियल में चार वृत्ताकार परिसर हैं। साथ ही एक ऊंचा स्मृति स्तंभ भी है, जिसके अंदर हमेशा अखंड ज्योति जलता रहेगा इस नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो।

स्मारक में अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ शाश्वत लौ भी जलती रहेगी। इसके साथ ही केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया गया यह स्मारक लगभग 40 एकड़ में फैला है और इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है।

Sach ki Dastak

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