महिलाओं के जीवन में मां बनना सबसे बड़ा सुख

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सच की दस्तक डेस्क चन्दौली

महिलाओं के जीवन में मां बनना सबसे बड़ा सुख माना जाता है लेकिन आजकल की आधुनिक जीवनशैली और अन्य कारणों की वजह से अब महिलाओं में बांझपन यानि इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। अगर आप भी बांझपन का शिकार हैं या इससे बचना चाहती हैं तो आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
बांझपन वह स्थिति है जिसमें महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। अगर कोई महिला प्रयास करने के बाद भी 12 महीने से अधिक समय तक गर्भधारण नहीं कर पाती है तो इसका मतलब है कि वो महिला बांझपन का शिकार है। गौरतलब है कि गर्भधारण न हो पाने का कारण पुरुष बांझपन भी हो सकता है।
कुछ महिलाएं शादी के बाद कभी कंसीव नहीं कर पाती हैं तो कुछ स्त्रियों को एक शिशु को जन्म देने के बाद दूसरी बार गर्भधारण करने में मुश्किलें आती हैं। इस तरह बांझपन दो प्रकार का होता है।
पुरुषों में प्रजनन क्षमता उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या पर निर्भर करती है। अगर संभोग के दौरान इरेक्शन होने पर पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या कम होती है या स्पर्म कमजोर होते हैं तो इस परिस्थिति में उसकी महिला पार्टनर गर्भधारण कर पाने में असफल रहती है। डॉ अमिताभ अग्रवाल ने बताया की
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक भारत में बांझपन से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 9% से 16.8% के बीच है। भारतीय राज्यों में बांझपन की स्थिति हर राज्य में भिन्न है जैसे उत्तर प्रदेश में 3.7 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में 5 प्रतिशत और कश्मीर में 15 प्रतिशत महिलाएं बांझपन से ग्रस्त हैं। प्रोफ़ेसर डॉ अनिल यादव जी ने जनपद में निरंतर सेमिनार होने के लिए नीमा प्रदेश प्रवक्ता डॉ ओ पी सिंह को बधाई दी कार्यक्रम में नीमा चकिया चंदौली के चिकित्सक मौजद थे।

Sach ki Dastak

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