भारत के राजपत्र में अति गोपनीय जानकारियां हुईं सार्वजनिक – ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना

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दोस्तों! आज बात हमारी मूर्खता की हो रही है –
राजपत्र क्रमांक संख्या को सुरक्षा के कारणों से नहीं लिख रही हूँ और इस फोटो को धुंधला करके आपके सामने रख रहीं हूं ताकि रक्षामंत्रालय इस गम्भीर विषय पर संज्ञान ले –

इस क्लासीफाइड ऑफीसिएल गजेट ऑफ इंडिया में बेहद गोपनीय जानकारी खुले आम गजट में छाप दी गयीं हैं.. हद है। एक तरफ हम देश का कोई भी नागरिक हवाई अड्डों की हर तरह से फोटो नहीं ले सकता वहीं दूसरी ओर सिविल और मिलिट्री हवाई पट्टियों की जानकारियां सार्वजनिक कर दीं जाती हैं यानि सरकारी गजट में छापी जा रहीं हैं।

भारत का राजपत्र क्रमांक…….सुरक्षा के कारणों से तारीख लिखना नहीं चाहती। इस ऑफीसिएल हिन्दी और अंग्रेजी गजेट  ऑफ इंडिया की अनुसूची 3,4,5,6,7 में वो भी गुप्त जानकारियां छाप दी गयीं हैं जिन्हें छापना अपराध है। 

यह है भारतीय विमान प्राधिकरण नियन्त्रित सौ हवाई पट्टियों हैं। राज्य सरकार नियन्त्रित कुल 13 हवाई पट्टियां हैं।अनियंत्रित निजि क्षेत्र के कुल 130 रनवे हैं और सबसे अधिक संवेदनशील जानकारी का पूरा ब्यौरा यहां तक कि भारतीय वायुसेना और फौज के युद्ध काल में आने वाले कुल 88 अति गोपनीय हवाई पट्टियों की हैं।

इन आंकड़ों से टारगेट की एग्जेक्ट लोकेशन अंक्षाश और देशांतर के अकों में यानि डिग्री मिनट सेकण्ड की संख्या में है। थल सेना व वायुसेना के काम आने वाली अति गोपनीय हवाई पट्टियां की जानकारियां हम आप सोच भी नहीं सकते कि यह कितनी बहुमूल्य है।हिमालय में चीन की सीमा पर पहाड़ी दर्दे घाटी की ढ़लानों में यह हवाई पट्टियां शांति और युद्ध दोनों ही परिस्थिति में हमारे फौजियों के लिए मानो ऑक्सीजन का काम करतीं है।

यहां से सुदूर इलाकों में  हमारे वायु योद्धा पूरे देश की सुरक्षा हेतु अपने प्राण दांव पर लगाकर उड़ान भरकर हमारे ही फौजियों तक सुरक्षा हेतु हथियार आदि जरूरी सामग्री पहुंचाते हैं जिसे बिल्कुल गोपनीय रखा जाता है। दोस्तों!  इन गजट तैयार करने वालों और छापने वालों की बेवकूफ़ी ने देश की हवाई पट्टियों की अति गोपनीय जानकारियां जगजाहिर कर दीं हैं।

हद है कि डिफेन्स सीक्रेट एक्ट ऑफ इंडिया, आफीसिएल सिक्रेट एक्ट, गुप्तचर विरोधी कानून यह सब किसलिए बने हैं जो छापने वाले बिना सोचे समझे यह सब लीक करने में लगे हैं जिसका फायदा दुश्मन देश उठाते हैं और नुकसान हमारे फौजियों योद्धाओं को सपरिवार झेलना पड़ता है जिससे पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगते हैं।

इस पोस्ट को लिखने का मतलब देश केे गुप्तचर विभाग को जागरूक करना था कि वह इन सब चीजों का गहराई से संज्ञान ले और गहराई से पड़ताल करे  कि भारतीय राजपत्र में  क्या छापा जा रहा? और क्या छापा जा चुका है?

– ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना
न्यूज ऐडीटर सच की दस्तक नेशनल मैग्जीन वाराणसी

Sach ki Dastak

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