आरयूजे समूह ने स्विस विशेषज्ञता के साथ जयपुर में स्थापित की पूरी तरह से स्वचालित डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट –

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रुफिल की वर्तमान उत्पादन क्षमता प्रति दिन लगभग 50,000 लीटर (एलपीडी)

● संयंत्र की उत्पादन क्षमता को 1,00,000 एलपीडी तक बढ़ाने का वादा

● रुफिल अगले 3 वर्षों में लगभग 150 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 100 लोगों को संविदात्मक रोजगार उपलब्ध कराएगा, साथ ही कायम करेगा लगभग 100 एजेंसियों, 1,200 किसानों और 1,500 खुदरा विक्रेताओं का नेटवर्क

● इस संयंत्र में 40 करोड़ रुपए के निवेश के साथ रुफिल का लक्ष्य भारतीय बाजार में संभावनाओं का पता लगाना

● 2019 तक खुदरा बाजार में अपनी मौजूदगी का विस्तार करते हुए समूचे राज्य को कवर करने की रुफिल की योजना

● रुफिल वर्तमान में कर रहा है 500 मिलीलीटर/1000 मिलीलीटर की पैकिंग में दूध (फुल क्रीम, टोण्ड और डबल टोण्ड), दही (1 किलो) और छाछ (450 मिलीलीटर) का उत्पादन

जयपुर में आम लोगों के लिए बेहतरीन गुणवत्ता वाले दूध और इससे जुड़े उत्पाद उपलब्ध कराने की अपनी कोशिश के तहत स्विट्जरलैंड स्थित वैज्ञानिक डॉ• राजेंद्र कुमार जोशी और उनकी पत्नी उर्सुला जोशी (आरयूजे समूह) ने अपने एक ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करते हुए महिंद्रा वर्ल्ड सिटी, जयपुर में डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की है। यह इकाई अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाने वाले उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराती है और इस तरह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार नजर आती है।

राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (रुफिल) एक डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट है जो वर्तमान में बेहतरीन गुणवत्ता वाले दूध, दही और मक्खन का उत्पादन कर रहा है। बाद में योगर्ट्स, आइसक्रीम और अन्य डेयरी उत्पादों का निर्माण करने की भी योजना है।

बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रुफिल ने दूध संग्रह के लिए एक मजबूत प्रणाली के साथ अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट विकसित किया है। साथ ही, 100 प्रतिशत बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) मॉडल के माध्यम से ताजा दूध खरीदने, हर दिन उत्पादन के दौरान और भेजने से पहले सुरक्षित और लगातार उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए दूध संग्रह के स्रोत पर ही अनेक गुणवत्ता जांच के साथ शुद्धता परीक्षण करने और फैक्ट्री में पूरी तरह से स्वचालित प्रसंस्करण को लागू करते हुए दूध को संभालने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करके स्वच्छ दूध सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया है।

आरयूजे समूह के संस्थापक और भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ• राजेंद्र कुमार जोशी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है और इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, ब्राजील आदि देशों का नाम आता है। यह दुनियाभर में कुल दूध उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है। हालांकि भारत दूध बाजार में एक प्रमुख उत्पादक देश है, लेकिन स्विट्जरलैंड के विपरीत यहां दूध की प्रोसेसिंग में गुणवत्ता की कमी है, जबकि स्विट्जरलैंड में तकनीक इतनी परिष्कृत है कि वे डेयरी उत्पादों को संसाधित करने में जीरो-हैंड-टच तकनीक सुनिश्चित करते हैं और इस तरह मिलावट की आशंका को पूरी तरह समाप्त कर देते हैं। अब रुफिल के आने के बाद हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता स्विस मानकों के अनुरूप ही हो।

रुफिल दिसंबर 2014 में अस्तित्व में आया था और 28 सितंबर 2017 को इसने कामकाज शुरू कर दिया था। रुफिल 7 बीएमसी संग्रह केंद्रों में फैले अपने 200 किसानों के साथ मिलकर काम करता है। रुफिल ने मवेशियों के लिए फीड पोषण के बारे में विशेषज्ञों की सेवाएं जुटाईं, बेहतर कृषि प्रबंधन के तौर-तरीकों पर सत्रों का आयोजन किया और प्रत्येक उपभोक्ता के लाभ के लिए स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन के महत्व के बारे में पशुपालकों को जागरूक किया।

लगभग 40 करोड़ रुपए के निवेश के साथ अपने आधुनिक डेयरी संयंत्र में रुफिल ने उच्च गुणवत्ता वाली उन्नत मशीनरी स्थापित की हैं, जिन्हें इटली, डेनमार्क, जर्मनी जैसे देशों से आयात किया गया है।

इसके अलावा रुफिल में श्रमिकों की स्वच्छता पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है और फैक्ट्री में विशेष स्वच्छता जोन तैयार किए जाते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय विनिर्माण मानकों के अनुरूप हैं। फैक्ट्री को डेयरी, विद्युत और यांत्रिक पृष्ठभूमि वाले स्विस विशेषज्ञों के सहयोग से डिजाइन किया गया है और इस तरह जयपुर में एक अत्याधुनिक सुविधा का निर्माण संभव हो पाया है। बाजार में भेजे जाने से पहले प्रत्येक उत्पाद का परीक्षण 25 से अधिक गुणवत्ता मानकों पर किया जाता है।

रुफिल के एमडी अभिषेक जोशी कहते हैं कि रुफिल में हमारा दृष्टिकोण एक ऐसा ब्रांड बनाना है, जिस पर लोग भरोसा कर सकते हैं। आज के समय में जब मिलावट सर्वव्यापी हो गई है, हम रुफिल में अपने उत्पादों और प्रणालियों को लगातार सुधारने के लिए कड़ी गुणवत्ता जांच और आरएंडडी का पालन कर रहे हैं। हम एक ब्रांड के रूप में कुछ अलग हटकर करना चाहते हैं और यही कारण है कि हमने ‘जरा हटके’ फिलॉसफी को अपनाया है। हमारा मानना है कि भारतीय डेयरी उद्योग पारंपरिक दूध और बुनियादी डेयरी उत्पादों के अलावा दूसरे उत्पादों पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं करता है। हमारा लक्ष्य है कि इसे अगले स्तर पर ले जाएं और मूल्यवर्धित सेगमेंट में अपनी एक अलग पहचान बनाएं। हम पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भी बेहद चिंतित हैं और इसीलिए बॉयलर ऑपरेशन के लिए ऊर्जा के अक्षय स्रोत का उपयोग करके, पानी की खपत को कम करने और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज जैसी प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को अपना रहे हैं और अब सौर ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं।

रुफिल तेजी से आगे बढ़ रही है और आज जयपुर और बाहर इसके 25 से अधिक वितरक हैं और 2019 के आखिर तक समूचे राजस्थान को कवर करने की कंपनी की योजना है।

Sach ki Dastak

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