अमित शाह को CAA के खिलाफ बैनर दिखाकर नारा लगाने वाली महिलाओं से मकान मालिक ने खाली कराया फ्लैट

0

गृहमंत्री अमित शाह की दिल्ली के लाजपत नगर में रैली के दौरान दो महिलाओं ने अपने फ्लैट की बालकनी से नागरिकता कानून के विरोध में बैनर लहराते हुए नारे कानून के खिलाफ लगाए थे। बैनर पर ‘शेम सीएए-एनआरसी, आजादी और नॉट इन माई नेम’ लिखा था।

राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में बीते रविवार को गृहमंत्री अमित शाह की रैली के दौरान अपने फ्लैट की बालकोनी से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बैनर लहराकर नारे लगाने वाली महिला वकील और उनकी रूम पार्टनर को अपना किराये का घर खाली करना पड़ा है। दोनों महिलाओं में से एक सूर्या राजप्पन जो कि पेशे से वकील भी हैं, ने बताया अमित शाह को बैनर दिखाने से नाराज सैंकड़ों की भीड़ ने उनके घर को घेर लिया था, जिसमें उनका मकान मालिक भी शामिल था। करीब 7 घंटे अपने फ्लैट में कैद रहने के बाद एक पुलिस अधिकारी के साथ पिता के पहुंचने पर उन्हें वहां से अपना सामान लेकर निकलना पड़ा।

यहां बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में एक रैली को संबोधित करने रविवार को लाजपत नगर पहुंचे थे। उस दौरान जैसे ही अमित शाह का काफिला उनके घर के सामने की सड़क से गुजरा, तो सूर्या राजप्पन और उनकी फ्लैटमेट ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपनी बालकनी से बैनर दिखाते हुए We Reject CAA के नारे लगाए थे। वहीं हाथ से बनाए बैनर पर शेम सीएए-एनआरसी, आजादी और #NotInMyName लिखा हुआ था। इसके बाद रैली में शामिल भीड़ भड़क गई और उसने महिला के घर को घेर लिया था।

पूरी घटना के बारे में केरल की रहने वाली वकील सूर्या राजप्पन ने बताया कि उस दिन जैसे ही उन लोगों को नागरिकता कानून के समर्थन में अमित शाह की रैली का पता चला तो उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने का फैसला किय।

राजप्पन ने कहा कि “एक आम नागरिक होने के कारण गृहमंत्री के सामने असहमति जताने का यह बेहतरीन अवसर था। मेरा मानना है कि अगर मैं ऐसा नहीं कर पाती तो मेरी अंतर्रात्मा मुझे कभी माफ नहीं करती।”

इसके बाद की घटना का जिक्र करते हुए सूर्या राजाप्पन ने बताया कि उनके विरोध से नाराज रैली में शामिल कुछ बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए फ्लैट के नीचे एकत्र हो गए। थोड़ी ही देर में इमरात के नीचे की सड़क पर लगभग 150 लोगों की भीड़ एकत्र हो गई और गालियां देने लगी। उन लोगों ने विरोध के बैनर को फाड़ दिया और कुछ लोग सीढ़ियों के सहारे ऊपर आने लगे। इनमें शामिल कई लोग दरवाजे तक आने की कोशिश करने लगा, जिससे डर के मारे दोनों महिलाओं ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया। सूर्या के अनुसार उनका मकान मालिक भी उन्हें बाहर से इमारत में बंद कर भीड़ में शामिल हो गया।

सूर्या ने आगे बताया कि “बुरी तरह से घर में घिरने के बाद उन्होंने अपने कुछ दोस्तों से मदद मांगी, लेकिन जब वे वहां पहुंचे, तो भीड़ ने उनके साथ धक्कामुक्की कर मारने की धमकी दी। इसके बाद हम घर के अंदर करीब 3-4 घंटे तक घिरे रहे और बाहर भीड़ कुछ भी करने पर तैयार खड़ी थी। इसके कुछ घंटे बाद एक पुलिस अधिकारी के साथ पिता के घर के अंदर घुस पाने के बाद उन्हें राहत मिली। इसके बाद मकान मालिक ने सबके सामने हमें कह दिया कि अब हम इस घर में नहीं रह सकती हैं। फिर घटना के करीब 7 घंटे के अंदर पुलिस की मौजूदगी में ही हम लोगों ने अपना सामान पैक किया और पिता के साथ वहां से निकल गए।”

वहीं, दोनों महिलाओं को घर से निकाले जाने पर मीडिया से बात करते हुए सूर्या के मकान मालिक ने कहा कि “अमित शाह की रैली के दौरान नागरिकता कानून के खिलाफ बैनर दिखाए जाने के अगले दिन वे अपने माता-पिता के साथ चली गईं और हमें नहीं पता कि वे कहां गईं। जो हुआ वह सब के लिए परेशानी का कारण था। मुझे पहली बार में ही उन्हें किराये पर अपना घर नहीं देना चाहिए था।”

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x