सभापति की बैठक में नहीं पहुंचे विपक्षी दल के नेता, पीयूष गोयल बोले- विपक्ष ने पूरे सदन का किया अपमान

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पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के सदस्य चिंतित हैं कि युवाओं में किस तरह का संदेश जा रहा है। मैं मानता हूं कि विपक्ष ने एक बार फिर सदन का अपमान किया है। उनके पास सुर्खियों में बने रहने का कोई और आधार नहीं है।

लोकतंत्र को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान पर भाजपा संसद में विपक्ष पर हमलावर है। तो वहीं विपक्षी दल अडानी मुद्दे को लेकर जेपीसी की लगातार मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि संसद के दोनों सदनों में कामकाज नहीं हो पा रहा है। आज बजट सत्र के दूसरे चरण के सातवें दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका।

इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने विपक्ष पर संस्था के अपमान का आरोप लगाया और कहा कि राज्यसभा के सभापति द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कुछ प्रमुख दलों ने बहिष्कार किया है। पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के सदस्य चिंतित हैं कि युवाओं में किस तरह का संदेश जा रहा है। मैं मानता हूं कि विपक्ष ने एक बार फिर सदन का अपमान किया है। उनके पास सुर्खियों में बने रहने का कोई और आधार नहीं है।

पीयूष गोयल ने साफ तौर पर कहा कि इससे पता चलता है कि विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले और देश को गुमराह कर रहा है। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में देश कड़ा जवाब देगा। राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से मंगलवार को बुलाई गई विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया। धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित’’ बताया।

सभापति ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा को छोड़कर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आप, बीजद, राजद, माकपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, राकांपा, सपा, शिवसेना, भाकपा, टीआरएस, अगप और अन्य दलों के नेता अनुपस्थित थे।

Sach ki Dastak

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