मनीष गुप्ता हत्याकांड: आरोपी इंस्पेक्टर के मकान पर चला बुलडोजर, पत्नी बोली- CM पर भरोसा और बढ़ा, UP में कानून का राज
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुए बहुचर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलिसकर्मी की संपत्ति पर योगी सरकार का बुलडोजर चल गया है. दरअसल, तिहाड़ जेल में बंद आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह का मकान पर लखनऊ में स्थित है, जहां रविवार को पुलिस और विकास प्राधिकरण की टीम ने ये कार्रवाई की. प्रशासन की इस कार्रवाई पर एडीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई कानूनी तरीके से की जाती हैं और कानूनी नोटिस देने के बाद ही अवैध निर्माण को तोड़ा जाता है. कार्रवाई के बाद अब मृतक की पत्नी मीनाक्षी ने भी योगी सरकार को धन्यवाद दिया है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह का चिनहट के देवराजी विहार, सरायशेख, सतरिख रोड पर 900 वर्गफीट का मकान है. जिसमें 10 से अधिक कमरे बने हैं. इसकी कीमत करीब एक करोड़ बताई जा रही है. इस मकान का निर्माण बिना नक्शा पास कराए ही करवा लिया गया था. इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद रविवार को एलडीए ने कार्रवाई की है. अवैध निर्माण को स्वत: गिराने के लिए 3 मार्च को नोटिस दी गई थी. एक महीने तक कोई कार्रवाई न होने पर एलडीए ने कदम उठाया है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के जोन-एक के प्रभारी अधिकारी अमित सिंह राठौर की माने तो रविवार को एलडीए व चिनहट पुलिस की टीम की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण किया गया. इसके पहले घर में रह रहे किराएदारों को ढहाने से पहले बाहर निकाल दिया गया था. मकान जगत नारायण सिंह व प्रिंस और एक अन्य के नाम से दर्ज है.
मृतक की पत्नी ने किया योगी सरकार का धन्यवाद
इस कार्रवाई के बाद मृतक की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने थोड़ी संतुष्टि जाहिर की है. मीनाक्षी ने कहा, खाकीधारी के मकान पर बुलडोजर चलने का मतलब है कि कानून का राज है.मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसके साथ आम अपराधी जैसा ही सुलूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि असल न्याय तभी मिलेगा, जब सभी आरोपियों को कड़ी सजा होगी. मीनाक्षी ने बताया कि उन्हें योगी सरकार और न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि उनके पति के मामले में न्याय जरूर मिलेगा.
मामला ?
कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की बीते साल गोरखपुर में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. चार्जशीट के मुताबिक, 27 सितंबर को इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मी कथित रूप से होटल के कमरे में गए. इस कमरे में कानपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ मौजूद थे. इस दौरान पुलिस और मनीष गुप्ता के बीच बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने उनकी पिटाई की. पुलिस की पिटाई से मनीष घायल हो गए और उन्हें पुलिस ने अधमरी हालत में अपनी गाड़ी में रखा और फिर उसे मानसी हॉस्पिटल ले गए. इसके बाद मनीष को बीआरडी हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में जगत नारायण सिंह समेत छह पुलिसकर्मी जेल में है.