बीजेपी में शोक- नहीं रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर-
देश के पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के वर्तमान सीएम मनोहर पर्रिकर कैंसर से पीड़ित थे।लंबे वक्त से उनका इलाज चल रहा था।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 की उम्र में शनिवार को निधन हो गया. पर्रिकर लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. वह पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे. शनिवार दिन में खबर आई थी कि वह बेहद गंभीर हैं, हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि पर्रिकर पूरी तरह स्वस्थ हैं.पर्रिकर को 31 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था. हाल ही में बीमार मुख्यमंत्री ने 3 मार्च को गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में चेक-अप कराया था. फरवरी में पर्रिकर का जीएमसीएच में एक ऑपरेशन भी हुआ था.कुछ दिनों पहले गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने बयान दिया था कि मनोहर पर्रिकर बहुत बीमार हैं. लोगों को समझना होगा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. लोबो ने कहा कि पर्रिकर को जो बीमारी हुई है, उसका कोई इलाज नहीं है. भगवान की कृपा से वह अब भी जीवित हैं. इस साल 30 जनवरी को मनोहर पर्रिकर ने नाक में ट्यूब लगाकार गोवा का बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘आज मैं एक बार फिर वादा करता हूं कि मैं पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ और अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करूंगा. मुझमें काफी जोश है और मैं पूरी तरह होश में हूं.’। यह जो जिंदादिल शख्सियत जिजीविषा के पर्याय रहे मनोज पर्रिकर जी।
गोवा में सोमवार को स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। मनोहर पर्रीकर का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक पणजी में भाजपा हेडक्वार्टर में रखा जाएगा। उसके बाद 10:30 बजे कला अकादमी ले जाया जाएगा। सुबह 11 से शाम 4 बजे तक आम जनता मनोहर पर्रीकर को श्रद्धांजलि दे सकेंगे। शाम 5 बजे मनोहर पर्रीकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। पर्रीकर की अंतिम यात्रा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।
मनोहर पर्रीकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को मापुसा के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम गोपालकृष्ण और मां का नाम राधाबाई था। इनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रीकर था। पर्रीकर के एक और भाई अवधूत पर्रीकर भी हैं। उनके दो बेटे हैं। उनकी पत्नी मेधा पर्रीकर की भी मौत कैंसर से ही हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय ने भी पूर्व रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर के निधन पर शोक जताया। गौरतलब है कि पर्रीकर 2014 से 2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रीकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 63 वर्षीय पर्रीकर गंभीर पैंक्रिएटिक बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने डोना पौला स्थित निजी निवास में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया।
उल्लेखनीय है कि पर्रीकर पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। पिछले दो दिनों में उनकी सेहत और बिगड़ती चली गई। सेहत बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद उनके आवास पर उनके रिश्तेदारों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रणब नंदा भी पहुंचे।
सादगी, ईमानदारी और मुस्कुराहट भरी भाव भंगिमा मनोहर पर्रीकर की पहचान थी। पर्रीकर के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गायिका लता मंगेशकर, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, थावर चंद गहलोत, मुख्तार अब्बास अंसारी, मनोज सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शरद यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रीकर को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि गोवा और देश के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को पीढ़ियों द्वारा याद किया जाएगा। रक्षा मंत्री के रूप में उनके योगदान के लिए देश सदा आभारी रहेगा। जब वह रक्षा मंत्री थे तब भारत ने कई फैसलों को देखा, जिसने भारत की सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाया, स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ाया और पूर्व सैनिकों के जीवन को बेहतर बनाया। राष्ट्र के प्रति उनकी त्रुटिहीन सेवा को पीढ़ियों द्वारा याद किया जाएगा। उनके निधन से गहरा दुख हुआ। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। पर्रीकर आधुनिक गोवा के निर्माता थे। अपने मिलनसार व्यक्तित्व और सुलभ स्वभाव की बदौलत वे वर्षों तक राज्य के पसंदीदा नेता बने रहे। उनकी जन-समर्थक नीतियों ने गोवा को प्रगति की उल्लेखनीय ऊंचाइयों को सुनिश्चित किया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन ही देश के लिए समर्पित कर दिया। पूरी भाजपा पर्रीकर जी के परिवार के साथ है। मैं लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ और महत्वपूर्ण रूप से गोवा के लोगों के साथ जो उनके परिवार थे, अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। भगवान इस दुखद नुकसान का सामना करने के लिए शोक संतप्त परिवार को शक्ति दे।
सुषमा स्वराज ने कहा कि मनोहर पर्रीकर के देहांत का समाचार सुनकर बहुत दुःख हुआ। हालांकि वो बहुत समय से बीमार थे तो भी मन इसके लिए तैयार नहीं था कि वह हमें इतनी जल्दी छोड़ जायेंगे। मेरे लिए तो वो भाई की तरह थे इसलिए उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैया जोशी ने शोक संदेश जारी करते हुए कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर के निधन से एक अध्ययनशील नेता, उत्तम प्रशासक, आदर्श नागरिक और एक निष्ठावान स्वयंसेवक हमने गंवाया है। उनकी दिवंगत आत्मा को सद्गति प्राप्त हो।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि गोवा के सीएम के निधन से बेहद दुखी हूं। वह बीते एक साल से बीमारी से पूरी जीवटता के साथ संघर्ष कर रहे थे। पार्टी लाइन से ऊपर वह सम्मानित नेता थे और गोवा के सबसे अच्छे लोगों में से थे। वह गोवा के सबसे पसंदीदा पुत्रों में से एक थे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
एक साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे 63 वर्षीय मनोहर पर्रीकर सबसे पहले 14 फरवरी, 2018 को बीमार पड़े थे। इसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। कुछ दिनों तक उनका अमेरिका में इलाज चला।
पिछले साल 15 सितंबर को उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद पर्रीकर 14 अक्टूबर को गोवा लौट आए थे। उन्होंने 29 जनवरी को गोवा के बजट सत्र में भाग लेने के साथ ही अगले दिन राज्य का बजट भी पेश किया। हाल में गोवा का बजट पेश करने से पहले मनोहर पर्रीकर ने कहा था कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि विस्तृत बजट पेश नहीं कर सकता लेकिन मैं बहुत ज्यादा जोश और पूरी तरह होश में हूं। सत्र के अंतिम दिन 31 जनवरी को उन्हें दिल्ली के एम्स में ले जाया गया था। वह पांच फरवरी को गोवा लौट आए।
13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रीकर ने 1978 में आइआइटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। वह किसी आईआईटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले शख्स थे। पर्रीकर पहली बार 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह लगातार चार बार इस सीट से जीतते रहे।
राजनीति में उतरने से पहले पर्रीकर का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़ाव था। वह आरएसएस की उत्तर गोवा यूनिट में सक्रिय थे। वर्ष 2000 में वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। उनकी छवि आम आदमी के सीएम के रूप में थी। अकसर स्कूटी से सीएम दफ्तर जाते उनकी तस्वीरें मीडिया में काफी चर्चित रहीं। हालांकि, उनकी पहली सरकार फरवरी 2002 तक ही चल सकी।
सच की दस्तक की तरफ से इन महान शख्सियत को भावपूर्ण श्रध्दांजलि💐