‘वैग्नर’ प्रमुख और उनके लड़ाकों पर कोई अभियोग नहीं चलाया जाएगा : रूस

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वैगनर समूह की बगावत को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सख्ती से देखा है। उन्होंने कहा है कि ये बर्ताव देश की सेना के साथ धोखा है। पुतिन ने बागियों को देशद्रोही बताया है। इस बीच रूस ने वैग्नर समूह को लेकर बड़ी बात भी कही है।

No prosecution of ‘Wagner’ chief and his fighters: Russia

मॉस्को। यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस के वैगनर समूह के प्रमुख ने रूसी रक्षा मंत्रालय के खिलाफ बगावत कर दी है। इस बगावत को देखते हुए रूसी रक्षा मंत्रालय ने वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसी बीच रूस ने शनिवार को ये जानकारी भी दी है कि निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई अभियोग नहीं चलाया जाएगा। रूस के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का ऐलान करने वाले प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था।

हालांकि, बाद में उन्होंने लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा, जिसके बाद वे पड़ोसी देश बेलारूस जाएंगे। ‘वैग्नर’ प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ न बढ़ने और यूक्रेन में अपने आधार शिविरों में लौटने का आदेश दिया है, ताकि रूसी नागरिकों का खून न बहे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दो दशक से अधिक समय के कार्यकाल में यह उनके समक्ष पेश आई सबसे बड़ी चुनौती है।

क्रेमलिन (रूस का राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने घोषणा की कि प्रीगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह भड़काने के आरोप हटा दिए जाएंगे और उनके साथ शामिल होने वाले लड़ाकों पर भी कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। पेसकोव ने यह भी कहा कि ‘वैग्नर’ समूह के जिन लड़ाके ने विद्रोह में प्रीगोझिन का साथ दिया, उन्हें रक्षा मंत्रालय की ओर से अनुबंध की पेशकश की जाएगी।

इससे पहले, पुतिन ने शनिवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम दिए संबोधन में ‘वैग्नर ग्रुप’ द्वारा सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को ‘‘विश्वासघात’’ और ‘‘राजद्रोह’’ करार दिया था। पेसकोव ने प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति देते हुए कहा कि पुतिन का ‘‘सबसे बड़ा मकसद’’ उस ‘‘रक्तपात एवं आंतरिक टकराव से बचना है, जिसके अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं।’’ गौरतलब है कि प्रीगोझिन ने उनके लड़ाकों के मॉस्को से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर होने पर उन्हें वापस भेजने का फैसला किया था, ताकि रूसी लोगों का खून न बहे। प्रीगोझिन ने कहा था कि उनकी निजी सेना में 25,000 लड़ाके हैं और उन्होंने आत्मसमर्पण न करने का फैसला किया है, क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि देश भ्रष्टाचार, छल और नौकरशाही के साये में रहे।’’ संदेश एप ‘टेलीग्राम’ पर जारी एक ऑडियो संदेश में प्रीगोझिन ने कहा था, ‘‘राष्ट्रपति का मातृभूमि से विश्वासघात का आरोप लगाना गलत है। हम अपनी मातृभूमि से प्यार करने वाले देशभक्त हैं।

प्रिगोझिन ने रूसी सेना के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने लड़ाकों को भी भेजने की बात कही है। हथियारबंद बगावत के आरोप में प्रिगोझिन को 20 साल की सजा हो सकती है। बता दें कि वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार को रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने का ऐलान किया था। प्रिगोझिन ने आरोप लगाया कि रूसी सैन् नेतृत्व उनपर हमले करवा रहे है। प्रिगोझिन ने ऐलान किया है कि चंद घंटे पहले ही रूसी रक्षा मंत्रालय ने प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह करने का आरोप लगाया था।

Sach ki Dastak

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