Russia Rebellion Live: बगावत के सामने झुके पुतिन ? हटाए जा सकते हैं रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, वैगनर चीफ ने की थी मांग
Putin News Russia: शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नाक में दम करने के बाद वैगनर पैरामिलिट्री ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिनी ने अब पीछे हटने का ऐलान किया है। उनके ऐलान के साथ ही रूस के तख्तापलट का खतरा भी अब टल गया है। इस पूरे संकट ने पुतिन की कमजोरी को भी सामने लाकर रख दिया।
Wagner Group Mercenaries Vs Russia Govt : वैगनर आर्मी की बगावत व्लादिमिर पुतिन के लिए भारी पड़ गई. अब पुतिन को वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की शर्त माननी होंगी
हाइलाइट्स
- वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार शाम पीछे हटने का ऐलान कर दिया
- क्रेमलिन ने भी कहा गया कि प्रीगोझिन पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा
- पुतिन के सामने दो दशक से ज्यादा समय के कार्यकाल में बाद यह सबसे बड़ी चुनौती थी
मॉस्को: रूस की तरफ से शनिवार शाम हुए ऐलान किसी फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं था। पूरे दिन रूस के शहर रोस्तोव पर ड्रामा हुआ। प्राइवेट आर्म वैगनर के लड़ाकों ने आर्मी हेडक्वार्ट्स पर कब्जा कर लिया। लेकिन शाम होते-होते वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने पीछे हटने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अब उनके लड़ाके मॉस्को की तरफ नहीं बढ़ेंगे। क्रेमलिन की तरफ से भी कहा गया कि प्रीगोझिन और उनके लड़ाकों पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। प्रिगोझिन ने पहले अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ जाने का आदेश दिया मगर फिर लड़ाकों से अचानक रास्ता बदलने को कहा। प्रिगोझिन अब बेलारूस जाएंगे। पुतिन के सामने दो दशक से ज्यादा समय के कार्यकाल में बाद यह सबसे बड़ी चुनौती थी। जिसने उनकी कमजोरियों को भी सामने लाकर रख दिया है।
असहाय और कमजोर नजर आए पुतिन
हाल के कुछ सालों में पुतिन ने अपने कार्यकाल का ज्यादातर समय एकांत में गुजारा है। वह अक्सर मॉस्को के लेकर काला सागर के तट तक बने महलों में रहे। विशेषज्ञों के मुताबिक हैरानी की बात है कि पुतिन अक्सर रूस की जनता, नौकरशाही और सिक्योरिटी सर्विसेज से दूर रहते हैं जबकि इनकी कमान उन्हीं के हाथ में हैं। शनिवार को स्थानीय समयानुसार पुतिन ने सुबह करीब 10 बजे जनता को संबोधित किया। एक पीढ़ी पहले सत्ता संभालने के बाद से पुतिन को कभी किसी ने इतना कमजोर और असहाय नहीं देखा था जितना वह अपने संबोधन में नजर आ रहे थे। डेढ़ साल पहले जो पुतिन यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे का सोच रहे थे अब मॉस्को को बचाने की जुगत में लगे थे।
प्रिगोझिन पीछे हटे, पुतिन की परेशानियां बढ़ीं
भले ही प्रिगोझिन पीछे हट गए लेकिन पुतिन के लिए और बाकी रूसी नेतृत्व के लिए परेशानियां बढ़ चुकी हैं। क्रेमलिन सत्ता के बड़े जानकार पत्रकारों और टिप्पणीकारों में से एक मिखाइल जाइगर ने द न्यूयॉर्कर के साथ लंबी बातचीत में पुतिन को लेकर कई टिप्पणियां की। जाइगर, टीवी रेन के एडीटर रह चुके हैं। यह वह चैनल है जिसे पुतिन ने युद्ध शुरू होने के बाद बंद कर दिया था। साल 2016 में आई उनकी किताब, ‘ऑल द क्रेमलिन्स मेन’ रूस में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब थी। इस किताब में उन्होंने पुतिन के शासन और उनके सत्तारूढ़ करीबियों के बारे में विस्तार से लिखा था। 42 साल के जाइगर फिलहाल यूरोप में रह रहे हैं।
पुतिन के बाद रूस की कल्पना
जाइगर के मुताबिक शनिवार को जो विद्रोह हुआ उसका सबसे उल्लेखनीय पहलू यही है कि सबको पता लग गया है पुतिन कमजोर हैं। उन्होंने अखबार से कहा, ‘मुझे लगता है कि वह अब वास्तव में देश नहीं चला रहे हैं। निश्चित रूप से उनका शासन उस तरह का तो नहीं है जिसके लिए वह मशहूर थे। वह अभी भी राष्ट्रपति हैं लेकिन सरकार के भीतर के मौजूद गुटों, सेना और सबसे महत्वपूर्ण, सुरक्षा सेवाओं को अब यह महसूस हो रहा है कि रूस को अब पुतिन के बाद के लिए तैयार करना होगा।’ जाइगर के मुताबिक पुतिन अभी भी जीवित हैं। वह अभी भी वहीं अपने बंकर में है। लेकिन अब यह भावना बढ़ रही है कि वह एक कमजोर हैं और पुतिन के बाद रूस कैसा होगा, इसकी तैयारी करनी पड़ेगी।