नई दिल्ली – 

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन की जर्मनी की सरकारी यात्रा (12-13 फरवरी, 2019) समाप्‍त हो गई है। श्रीमती सीतारमन जर्मनी के रक्षामंत्री डॉक्‍टर उर्सूला वॉन देर लेयन के निमंत्रण पर जर्मनी गई थीं।

उनकी यात्रा के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विप‍क्षीय रक्षा सहयोग के विस्‍तार की विस्‍तृत समीक्षा की जो भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी का एक महत्‍वपूर्ण पहलू है। उन्‍होंने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के विकास पर संतोष व्‍यक्‍त किया। दोनों मंत्रियों ने रक्षा और रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने के बारे में प्रबंधों को लागू करने के बारे में हस्‍ताक्षर किए जिससे दोनों सेनाओं के साथ रक्षा उद्योग और अनुसंधान तथा विकास संबंधों को और मजबूत बनाया जा सकेगा। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय विकास के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया।

रक्षामंत्री ने ‘’इंडियाज डिफेंस एनगेजमेंट इन अ डिस्‍आर्डर्ड वर्ल्‍ड :प्रिंसिपल्‍स, प्राओरिटीज एंड पार्टनरशिप’ विषय पर प्रति‍ष्ठित जर्मन विचारक बीजीएपी (जर्मन काउंसिल ऑन फॉरन रिलेशंस) में श्रोताओं को सम्‍बोधित किया। रक्षामंत्री ने भारत की रक्षा प्राथमिकताओं और कार्यों को उजागर किया, जिनका उद्देश्‍य सभी के लिए एक सुरक्षित स्थिर और शांतिपूर्ण माहौल बनाना तथा अधिक समृद्धि लाना है। रक्षामंत्री ने समान विचारधारा वाले उदार लोकतंत्रों की आवश्‍यकता पर बल दिया, जहां साझा मूल्‍य और साझा हित जैसे भारत और जर्मनी, ताकि रणनीतिक मुद्दों पर समान मूल्‍यांकन और नियम आधारित विश्‍व व्‍यवस्‍था को मजबूत बनाने के लिए मिलकर कार्य किया जा सके।

अपनी यात्रा के दौरान रक्षामंत्री जर्मन और भारत रक्षा उद्योग के सीईओ के साथ बातचीत की। उन्‍होंने आग्रह किया कि मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में रक्षा निर्माण के क्षेत्र का विस्‍तार किया जाए और भारतीय कम्‍पनियों के साथ रक्षा प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास सहयोग को भी बढ़ाया जाए।

Sach ki Dastak

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