सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाईयों का पहला सम्मेलन आयोजित हुआ-
नई दिल्ली –
सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में एक – कर्नल राठौड़
● आईआईएस अधिकारियों को संचार क्षेत्र की आधुनिक तकनीकों को अपनाने की जरूरत – कर्नल राठौड़
● सरकारी कामकाज में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग महत्वपूर्ण – कर्नल राठौड़
● बेहतर आऊटरीच सुनिश्चित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाईयों के बीच समन्वय आवश्यक – अमित खरे
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाईयों का पहला वार्षिक सम्मेलन आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा युवा मामले और खेल राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्द्धन राठौड़ ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की।
सम्मेलन के दौरान मीडिया इकाईयों के कामकाज की समीक्षा की गई। सम्मेलन का केन्द्र बिन्दु अपने दैनिक कार्यकलाप में मीडिया इकाईयों के बीच परस्पर समन्वय सुनिश्चित करना था। सम्मेलन में संचार के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग पर भी चर्चा की गई।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कर्नल राठौड़ ने भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के अधिकारियों द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की और इस तथ्य को रेखांकित किया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है। उन्होंने आईआईएस अधिकारियों से बेहतर प्रदर्शन के लिए मिशन दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से नये युग के संचार उपकरणों को अपनाने और उपयोग करने का आग्रह किया। श्री राठौड़ ने कहा कि मीडिया इकाईयों की परीक्षा इस बात से संबंधित है कि वे जमीनी स्तर तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कर पाने में कितना सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी संवाद में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग महत्वपूर्ण है। श्री राठौड़ ने आईआईएस प्रशिक्षुओं को विदेश में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है। यह दोनों स्तरों पर होना चाहिए- नियुक्ति के समय तथा सेवा के दौरान।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा कि प्रभावी आऊटरीच के लिए मीडिया इकाईयों को परस्पर समन्वय को बेहतर बनाना चाहिए। उन्होंने परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए कार्य करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निरंतर बदलते प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय बनाया जाना चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की पूरे देश की विभिन्न मीडिया इकाईयों में कार्य कर रहे 125 अधिकारियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।