वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का शंखनाद –
वाराणसी में जनवरी माह में होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन की तैयारियाँ जोरों पर है। दुनिया भर से आने वाले मेहमानों का खास अंदाज में स्वागत होगा तो बनारसी व्यंजनों की ब्राडिंग की तैयारी है।
काशीवासियों से लेकर प्रशासन, विभिन्न विभागों खासकर पर्यटन विभग, स्कूल, संस्थाएं अपने-अपने ढंग से इसे यादगार बनाने में जुटी हैं। सौ दिन पहले ही 13 अक्टूबर को अस्सी घाट से सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शंखनाद’ की शुरुआत के मौके पर उन 84 देशों के राष्ट्रीय ध्वज लहराए जाएंगे जहां से भारतीय यहां आ रहे हैं।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए शहर में अलग-अलग तरह की 20 हजार से अधिक होर्डिंग लगाई जाएंगी।
इन होर्डिंग पर संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में लिखे अतिथि देव भव:,वसुधैव कुटुंबकम, जियो और जीने दो, योगक्षेमोवहाम्यहम जैसे भारतीय संस्कृति के दो सौ से ज्यादा सूत्र वाक्य विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिदृश्यों को साझा करने का माध्यम बनेंगे।
इसका जिम्मा राज्य ललित कला अकादमी को सौंपा गया है।
उन्होंने कहा, ‘अगला प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन वाराणसी में 21-23 जनवरी के बीच किया जाएगा। इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए इलाहाबाद में कुम्भ स्नान करने और दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल होने का भी अवसर है।’
अनुराग कुमार नेशनल कम्युनिटी ऑफ एशियन इंडियन एसोसिएशन के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी दे रहे थे।
प्रवासी भारतीय दिवस में अमेरिका की बड़ी हिस्सेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं से कहा कि इसका प्रचार करें ताकि अधिक संख्या में अमेरिका से प्रतिनिध दल कार्यक्रम में हिस्सा ले सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार की साझेदारी से विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित होने वाले 15वें प्रवासी भारतीय दिवस का थीम होगा- ‘नए भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका।’पता हो कि प्रवासी भारतीय दिवस में कई देशों में रहने वाले भारतीय हिस्सा लेते हैं।