जननायक नरेंद्र मोदी जी ने पहचानी भारतीय नागरिकों के अंतस की आवाज़
भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले, माँ गंगा व बाबा विश्वनाथ के विश्वासु भारत के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारतीय चंद्र मिशन से भारत को जो प्रतिष्ठा दिलाई है, वह इतिहास की कोई आम घटना नहीं है. मन की बात से सबके मन को मोह लेने वाले जन के जननायक, गरीबों, वंचितों, शोषितों, दिव्यांगजन के उद्धारक, महिलाओं के सम्मानदाता, स्वच्छता और भारतीय सभ्यता के संवाहक, सांस्कृतिक धरोहरों के रक्षक, अमृत पर्व पर भारतीय सेनाओं और स्वाधीनता सेनानियों के स्मरणकर्ता, भारतीय संगीत, कला, दर्शन और विज्ञान के प्रतिष्ठाता, अपनी प्राच्य विरासत के संरक्षक, सतत विकास लक्ष्य के सशक्त हितधारी, अखंड भारत के स्वप्नद्रष्टा नवोन्मेषी विचारक भारत माँ के वरदपुत्र नरेंद्र मोदी भारत के किसी भी अभीष्ट के लिए वरदान साबित हुए हैं. उन्होंने अपने प्रधान मंत्री पद के दायित्व के साथ अपनी माँ के प्रति जो आस्था और रिश्ता रखा वह भारत के लिए उदहारण है. उनके मन में भारत प्रथम रहा है अब वह भारत को परिवार और भारतवासियों को परिवारजनों कहने में आत्मसम्मान की अनुभूति करते हैं।
भारत गणराज्य की राष्ट्रपतिश्रीमती द्रौपदी मुर्मू जनवरी में संसद के समक्ष जब अपना अभिभाषण प्रस्तुत कर रही थीं, तो उस दौरान उन्होंने बहुत बड़ी बात कही थी. उन्हीं के शब्दों में-हमारे ग्रंथों में लिखा है-‘अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम्’ यही यह अपना है, यह पराया है, ऐसी सोच सही नहीं होती. मेरी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के हर वर्ग के लिए काम किया है. बीते कुछ वर्षों में मेरी सर्कार के प्रयासों का नतीजा है कि अनेक मूल सुविधाएँ आज या तो शत-प्रतिशत आबादी तक पहुँच चुकी हैं या फिर उस लक्ष्य के बहुत निकट हैं. यह प्रशंसा उस सरकार की थी जिसका नेतृत्व भारत के यशश्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. उनका आज जन्मपर्व है।
एक ऐसे योद्धा का जन्मपर्व जिसपर भारत की एक सौ बयालीस करोड़ जनता विश्वास करती है. विश्व के अनेक देश नरेंद्र मोदी पर विश्वास करते हैं. गाँव, मोहल्ले, छोटे-छोटे कस्बे, शहर और मैट्रोपोलिटन सिटी हो या फिर जंगल सभी जगह के रहवासी उनके जन्मोत्सव पर हर्षित हैं और उन्हें आकाशभर बधाइयाँ दे रहे हैं. उनके दीर्घायु होने की मंगलकामनाएं कर रहे हैं. मेरी ओर से भी भारत के कांतिमय भारतीय नक्षत्र के अक्षय सूर्य प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को अशेष शुभकामनाएं. नरेंद्र मोदी जी की जय हो, उनका जीवन अक्षय हो. यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्होंने भारत की जनता को परिवार माना है. भला ऐसे में कोई प्रधान मंत्री को कोई अपना कैसे नहीं समझेगा? उन्हें बधाइयाँ भी देगा और उनके उत्कृष्ट जीवन के लिए प्रार्थनाएं भी करेगा।
प्रधान मंत्री का जन्म गुजरात में 17 सितम्बर, 1950 में हुआ. इस वर्ष प्रधानमंत्री का 73वां जन्म दिवस है जिसपर उन्हें माँ भारती उनके अबतक के अवदान को स्मरण कर फूले नहीं समा रही है।भारत वर्ष की धरती धन्य है जहाँ ऐसे अनेक सपूत हुए जो अपने समय को प्रभावित किए. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी उन्हीं सपूतों में से एक हैं, किन्तु उन्होंने अपने कर्मों, प्रतिज्ञाओं, और समाज व सृष्टि की सेवा कर यह सिद्ध किया कि वह भारतीय सनातन सभ्यता के सशक्त हस्ताक्षर हैं. उनके मन में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ यह एक सिद्ध मंत्र जो नरेंद्र मोदी के जीवन का श्लोगन बना, उसे जी-20 के अमृत-आयोजन में पूरी पृथ्वी के लोग स्वीकार कर हमारे प्रधान मंत्री की प्रशंसा की. यह प्रशंसाएं यूं ही नहीं मिलतीं, अपितु इसके पीछे बड़ा संकल्प, सूक्ष्म दृष्टि और संवेदनशील सर्वहितकारी रणनीति होती है. नरेंद्र मोदी ने बार-बार इन पैमाने पर स्वयं को भरपूर आँका और भारतीय जनता के बीच जाकर परीक्षित किया और वे सदैव उत्तीर्ण होकर भारतीय गरिमा को बढ़ाने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, यदि ऐसा कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति बात नहीं होगी. उनके इस सफलता के पीछे विश्व के लोग या भारतीय लोग चाहे जो मानें लेकिन सच यह है कि उनकी सफलता के निर्धारक एवं सूत्रधार वे स्वयं हैं।
जब गुजरात में भूकंप आया. वहां की जनता बहुत ही परेशानियों में आ गयी थी. उन दिनों श्रीयुत नरेंद्र मोदी गुजरात राज्य के मुख्य मंत्री का दायित्व सम्हाल रहे थे. उन्होंने गुजरात की जनता के लिए जो एक रणनीतिकार के रूप में अपनी भूमिका निभाई, लोगों को जीवन जीने का विश्वास दिया, वह उनका प्रयास आज भी स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया है. जब देश के प्रधान मंत्री 2014 में वे बने तो इसलिए भारत की जनता ने उन पर भरोसा दिखाया क्योंकि जनता में यह भावना जागृत थी उनके पूर्व के कार्यों और परिणामों को जानकार कि मुश्किल समय में नरेंद्र मोदी हमारे लिए क्या कर सकते हैं और क्या नहीं. यह सरोकार ही किसी भी व्यक्ति की बुनियाद बनकर उसे महल खड़ा करने के लिए शक्ति देती हैं. नरेंद्र मोदी को भरपूर प्यार मिला।देश में पुनः अनेक ऐसे पड़ाव आए जब नरेंद्र मोदी ने भारत सहित विश्व को ससम्मान सहयोग दिया और उनके भीतर भारतीय मनीषियों की वाणी से निकली ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की अमर कामनाओं को पुनर्प्रसारित कर भारत का गौरव बढ़ाया. ऐसे महनीय कर्म वे लोग कर पाते हैं जो स्वयं-सिद्ध होते हैं।
अनुशासित जीवनचर्या के साथ केवल आगे सकारात्मक भाव से बढ़ने की चेष्ठा करते हैं. अपने हित की न सोचते हुए सर्व-मंगल की कामना करते हैं. जी-20 में भारत के प्रधान मंत्री की इस सर्व-मंगल की कामना की प्रशंसा मुक्तकंठ से संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने की. जॉय बायडन ने की. दुनिया से आए देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शिष्ट मंडलों ने की क्योंकि हमने उदारभाव से कहा- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य. इस महान वसुधैव कुटुम्बकम की आत्मशक्ति को नरेंद्र मोदी ने पहचाना और जी-20 में एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का जो श्लोगन दिया उसके प्रणेता निश्चय ही भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं जिसके लिए उनका अभिनन्दन होना चाहिए. यह अभिनन्दन इसलिए होना चाहिए क्योंकि भारत का गौरव जी-20 के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पुनः बढ़ाया है. इस जगत में उन्हीं मनुष्यों का जन्म धन्य माना गया है, जो परोपकार के लिए समर्पित हो जाते हैं. विश्व का इतिहास उठाकर देखेंगे तो यह मिलेगा कि ऐसे परोपकारी सतपुरुषों का विशेष योगदान दृष्टांत बनकर हमें मिलते हैं. भारत ऐसे ही महान लोगों को अपनी आँखों में सदैव विद्यमान रखता है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अभिनव कदम से निःसंदेह कुशल भारत, सक्षम भारत, अद्भुत भारत, वैश्विक सिरमौर्य भारत बन सका है. हम अब चंद्र से सूर्य अध्ययन के लिए जब बढ़ चुके हैं तो भारतीय नेतृत्व की प्रशंसा संपूर्ण जगत में होने लगी है. प्रधानमंत्री कार्यकाल में श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाये गए शिक्षा, संस्कृति, तकनीकी, कूटनीति, राजनीति, सांस्कृतिक वैश्विक प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि हुई है. इसीलिए तो आज भारत के लोग यह महसूस करते हैं कि उनका देश जिस गति से आगे बढ़ रहा है 2047 तक एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा।
भारत विश्वगुरु बनेगा. भारत संयुक्त राष्ट्र में अपनी उपस्थिति अंकित करते हुए वैश्विक शांति और सतत विकास का संवाहक बनेगा. स्वच्छ जल, सक्षम जन, पुनरुत्थान के प्रवाह से बढ़ते हुए नरेंद्र मोदी का युवा मन भारतीय युवाओं को आज प्रेरणा दे रहा है कि तुम कभी रुको नहीं, तुम कभी झुको नहीं, कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़ो, संकल्प यदि सच्चे मन से होगा, सफलता का सिद्धि का हर द्वार खुलेगा. यह सकारात्मक चेतना भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अपने आत्मा की आवाज़ है. आवश्यकता इस बात की है कि भारतीय मन उसे सुनें, समझें और उनके इस मंत्र को आत्मसात कर भारत को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हों. सबसे अहम् बात यह है कि आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारत की एक सकारात्मक यात्रा के सूत्रधार बनकर उभरे हैं. इसे भारतीयों को समझने की आवश्यकता है. इस बात को समझने की आवश्यकता है कि भारत को गतिशील बनने के लिए हमारे देश के नेतृत्व के रूप में नरेंद्र मोदी निःसंदेह सक्षम हैं।
मुझे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कृत साक्षी भव की कुछ संवेदनशील बात स्मरण हो आई. इस पुस्तक के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी माँ के प्रति भावपुष्प समर्पित किए हैं, जिसमें यह उद्धृत है- करुणा प्रत्येक के हृदय को अपना लक्ष्य बना सकती है. और अपनी सिद्धि को सबकी सिद्धि बना सकती है. इसलिए मैं सतत अनुभव करता हूँ-करुणा ही सब सृजन का मूल है. ऐसे करूँ हृदय श्रीयुत नरेंद्र मोदी भारत की जनभावनाओं में करुणा की धार ही बहते हुए देख सकते हैं, इसके अतिरिक्त कुछ नहीं. भारत अपने आध्यात्मिक शक्ति से विश्व में प्रतिष्ठित हुआ है जिसके बीज शब्द में करुणा भी शामिल है।
प्रधान मंत्री उस करुणा की मिठास को पूरे भारत की मधुमय भाषा बनाना चाहते हैं और भारत को उसी करुणा के सूक्ष्म तत्व प्रेम को भारत में प्रवाहित करना चाहते हैं जिसका सत्व असीम है और ईश्वरीय है. ऐसे ईश्वरीय कामना के आकांक्षी नरेंद्र मोदी को उनके जन्मोत्सव पर संपूर्ण देश सहस्रों शुभकामनाएं करता है, उन्हें दीर्घायु बनाने की असीम मंगलकामनाएं करता है. प्रधान मंत्री श्रीयुत नरेंद्र मोदी जी! आपका जन्मपर्व शुभ हो, यशश्वी हो.
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_प्रो. कन्हैया त्रिपाठी
लेखक भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति जी के विशेष कार्य अधिकारी रह चुके हैं। आप वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब में चेयर प्रोफेसर हैं।