कानपुर हत्याकांड की जांच 100 टीमें लगीं : गैंगस्टर विकास दुबे की धरपकड़ जारी
- मुठभेड़ वाले दिन बिकरु गांव के बीट दरोगा केके शर्मा के पास शाम 4 बजे विकास ने फोन किया था
- 200 से ज्यादा पुलिसवाले जांच रडार पर, मोबाइल डिटेल खंगाल रही है एसटीएफ
- यूपी पुलिस ने विकास दुबे के 15 सहयोगियों के पोस्टर जारी कर दिए हैं
- ये पोस्टर राज्य भर में लगाए जाएंगे, विकास दुबे पर ढ़ाई लाख का इनाम है
- विकास दुबे और उसके साथियों ने हाल में 8 पुलिसवालों की निर्मम हत्या कर दी थी
कानपुर. शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुुबे का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है, पुलिस की कई टीमें अलर्ट मोड पर विकास को ढूंढने में लगी हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास के साथ उसे सहयोगियों की भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास ने उसके 15 सहयोगियों के पोस्टर जारी किये हैं ये पोस्टर सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहे हैं।
यूपी पुलिस ने राज्यभर में ये पोस्टर लगाने का फैसला किया है। इससे पहले उन्नाव के नबावगंज टोल प्लाजा पर विकास दुबे का पोस्टर लगाया था। बता दें कि डीजीपी ने विकास पर ढ़ाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। उसे ढूंढने के लिए पुलिस और एसटीएफ की 50 से अधिक टीमें लगी हुई हैं।
पोस्टर में हैं इन अभियुक्तों के नाम
पुलिस ने विकास दुबे के सहयोगी अमर दुबे, विष्णु पाल सिंह उर्फ़ जिलेदार, पंडित शिव तिवारी एवं हीरु, राम नरेश नागर, मनोज, चंद्रजीत, संतोष कुमार, गुड्डू त्रिवेदी, रणवीर उर्फ़ बउआ, लाला राम, अजीत कुमार, इंद्रजीत, राम सिंह, सत्यम उर्फ़ लुट्टन, नाहर सिंह उर्फ़ धर्मेंद्र सिंह के पुलिस ने फोटो और नाम जारी किये हैं, जिन्हे पूरे प्रदेश में लगाने की तैयारी है।
कानपुरमें सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच में जुटी एसटीएफ की पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ वालीरात(2 जुलाई) बिकरु गांव के बीट दरोगा केके शर्मा के पास शाम 4 बजे विकास ने फोन किया था। इसमें विकास ने धमकी दी थी कि थानेदार (विनय तिवारी) को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरु से कई लाशें उठेंगी। यही नहीं, सिपाही राजीव चौधरी की भी मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पहले विकास से हुई बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं। फिलहाल, विनय तिवारी, केके शर्मा और राजीव सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है।
प्रदेश के मोस्ट वॉन्टेडकी लिस्ट में विकास तीसरे नंबर पर
8 पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास प्रदेश का तीसरा मोस्ट वॉन्टेडअपराधी हो गया है। अभी तकलूट, हत्या, रासुका जैसी संगीन धाराओं में 60 केस दर्ज होने के बाद भी वह टॉप-10 अपराधियों में शामिल नहीं था। अब विकास पर ढाई लाख का इनाम है। विकास के अलावा उत्तर प्रदेश में दो ऐसे अपराधी हैं जिन पर ढाई-ढाई लाख का इनाम है। इनमें से एक मेरठ का मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो और दूसरा पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी आशुतोष है।
विकास के उत्तराखंड भागने की भी आशंका
सोमवार को अफवाह उड़ी किविकास पश्चिमी यूपी के बिजनौर में अपने छह साथियों के साथ देखा गया। हालांकि, इस बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस सूत्र बताते हैं कि फिलहाल विकास के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। एक आशंका यह भी है कि वह उत्तराखंड भाग सकता है। इसलिए, मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद अब उत्तराखंड पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। पुलिसवालों की हत्या के बाद विकास की लास्ट लोकेशन औरेया में मिली थी। इसके बाद से उसका कुछ भी पता नहीं है।
विकास के आगे पुलिस रहती थी नतमस्तक
एसटीएफ की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है विकास के मददगारों के नाम भी बढ़ते जा रहे हैं। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, शिवराजपुर थाने के 200 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को एसटीएफ ने रडार पर लिया है। इन सभी के मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं। एसटीएफ की जांच में यह भी पता चला है कि विकास का क्षेत्र में ऐसा दबदबा था कि पुलिसकर्मी उसके आगे नतमस्तक रहते थे। विकास की अनुमति के बाद ही पुलिस जांच के लिए जाती थी। अधिकतर मामले विकास अपने घर पर ही बुलाकर हल करा देता था।
कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू की
कानपुर मुठभेड़ की मजिस्ट्रेट्र जांच चौथे दिन शुरू कर दी गई है। एडीएम ने एफआईआर कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बयानों की कॉपी मांगी है। गांव में क्या-क्या हुआ? किसने क्या क्या किया? इसको लेकर मजिस्ट्रेट ने जांच अपनी शुरू की है। मौके के परीक्षण के साथ ही जेसीबी चालक और बिजली काटे जाने के बिंदुओं की भी जांच की जाएगी। एडीएम भू-राजस्व प्रमोद शंकर शुक्ला को जांच मजिस्ट्रेट बनाया गया है।
पता चला है कि रात 2 बजे विकास दुबे (Vikas Dubey) ने पत्नी ऋचा को फोन करके भाग जाने को कहा था. बताया जा रहा है कि ऋचा अपने बेटे को साथ लेकर फरार हो गई. वहीं, भागते वक्त सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी साथ ले गई है.
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में बिकरू गांव में हुए शूटआउट (Shootout) मामले में पुलिस को फरार अभियुक्त विकास दुबे (Vikas Dubey) की सरगर्मी से तलाश है. सूत्रों के अनुसार जय बाजपेई (Jai Bajpayi) ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा (Richa) को फ़रार करवाया. पुलिस के अनुसार विकास की पत्नी ऋचा को भागने के लिए वाहन मुहैया कराने का शक जय बाजपेई पर है. बता दें ऋचा लखनऊ (Lucknow) के कृष्णानगर इलाके में रहती थी. घटना के फौरन बाद से वह घर से फ़रार हो गई है.
बेटे को लेकर लखनऊ से हुई फरार
दरअसल पता चला है कि एनकाउंटर के फौरन बाद रात 2 बजे विकास दुबे ने पत्नी ऋचा को फोन करके भाग जाने को कहा था. बताया जा रहा है कि ऋचा अपने बेटे को साथ लेकर फरार हो गई. वहीं, भागते वक्त सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी साथ ले गई है. सूत्रों के अनुसार, ऋचा अपने पति विकास दुबे के हर गुनाह की राजदार है. फिलहाल पुलिस की कई टीमें फरार आरोपी विकास दुबे और उसकी पत्नी ऋचा की तलाश में छापेमारी कर रही हैं.
विकास दुबे से मिले जय के कनेक्शन
पुलिस को जय बाजपेई और विकास के बीच आर्थिक लेनदेन का भी शक है. विकास दुबे के काले धन को ठिकाने लगाने का जय पर शक है. मामले में यूपी एसटीएफ लगातार जय से पूछताछ कर रही है. दरअसल शनिवार को लावारिस मिली 3 लग्जरी गाड़ियों के मामले में पुलिस ने जय बाजपेई को उठाया, जिसका विकास दुबे से कनेक्शन मिला है.
पूछताछ में पता चला है कि जय बाजपेई विकास दुबे का खजांची था और उसी के पैसे से लोगों को बीसी खिलवाता था. इतना ही नहीं जय बाजपेई की लग्जरी गाड़ियों से ही विकास दुबे सफ़र करता था. कानपुर के बिकरू कांड के बाद विकास दुबे ने अपने मोबाइल से डाटा डिलीट कर दिया था. लेकिन एक ऑडी, एक फॉर्च्यूनर और एक वर्ना कार लावारिस हालत में मिलने के बाद खुलासा हुआ कि गाड़ियां जय बाजपेई की हैं और उसका विकास दुबे से करीबी संबंध है. फिलहाल एसटीएफ लखनऊ लाकर उससे पूछताछ कर रही है.♦