Sonbhadra News: सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने के बाद प्रियंका का धरना खत्म-

0

.. प्रियंका गांधी से मिलीं सोनभद्र कांड की पीड़ित महिलाएं

.. धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी से किसी तरह मिलने पहुंच गयीं पीड़ित परिवारों की कुछ महिलाएं।

मिर्जापुर.

दो दिन पहले सोनभद्र में जमीन पर कब्जे के लिये 10 लोगों की बर्बरता पूर्वक हत्या के बाद उनके परिवारों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को प्रशासन ने चुनार में हिरासत में ले लिया। फिर जब पीड़ित के परिजन खुद किसी तरह प्रियंका से मिलने पहुंचे तो उन्हें भी मिलने से रोक दिया गया। इसके बाद गुस्से में आयीं प्रियिंका गांधी ने कार्यकर्ताओं का घेरा बनाकर पुलिस घेरे को तोड़ते हुए आगे बढ़ीं और धरने पर बैठ गयीं। इस बीच किसी तरह से पीड़ित परिवार की कुछ महिलाएं उनतक पहुंचने में कामयाब हुईं। प्रियंका से मिलते ही पीड़ित परिवार की महिलाओं की आंखों से आंसू छलक पड़े वो प्रियंका की गोद में सर रखकर रोने लगीं। प्रियंका ने उनको गले लगाया और उनके आंसू पोंछे।

सोनभद्र नरसंहार में घायलों को वाराणसी में देखने के बाद सोनभद्र में घटनास्थल पर जाने के दौरान मिर्जापुर में रोकी गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपना 24 घंटा से भी अधिक समय तक चला धरना समाप्त कर दिया। उनकी जिद के कारण मिर्जापुर जिला प्रशासन ने सोनभद्र नरसंहार में पीडि़त परिवार के लोगों की प्रियंका गांधी से भेंट करा दी।

प्रियंका गांधी की जिद को देखते हुए मिर्जापुर जिला प्रशासन ने सोनभद्र नरसंहार के चार पीडि़त परिवार की महिलाओं को चुनार किला के गेस्ट हाउस में बुलाया। इन सभी से प्रियंका गांधी से भेंट की है। इनसे सोनभद्र कांड के बारे में उन्होंने काफी कुछ जानना चाहा। चुनार गेस्ट हाउस के बगीचे में पीड़ित परिवार की महिलाओं ने प्रियंका गांधी को देखते ही रोना शुरू कर दिया। प्रियंका गांधी से पीड़ित परिवार के लोग मिले तो उनका रो-रोकर बुरा हाल था। प्रियंका ने सबको सांत्वना दी।

 

प्रियंका ने कहा सोनभद्र के वनवासियों की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी। भविष्‍य में नरसंहार के गांव उभ्‍भा भी जरूर जाएंगी। प्रियंका ने मांग की कि मृतकों के परिवार को कम से कम सरकार की तरफ 25-25 लाख रुपये सहायता राशि दी जाए। जिन जमीन पर वनवासी पीढि़यों से काबिज हैं उन्‍हें तत्‍काल कानूनी अड़चने दूर कर उनके नाम किया जाए। निर्दोषों पर लगाए मुकदमे भी वापस  लिए जाएं।

प्रियंका की कांफ्रेंस के दौरान उभ्भा गांव से आए पीडि़त रामराज, सुखवंती और रामधनी ने मीडिया से बताया कि उन्हें कई वर्षों से प्रताडि़त किया जा रहा है। कई मुकदमे कायम किए गए। गुंडा एक्‍ट तक लगाया गया। हम लोगों ने घटना से तीन दिन पहले ही घोरावल थाने को यह जानकारी दी थी कि जमीन कब्जा करने को लेकर ग्राम प्रधान का गुट हमला कर सकता है। बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया गया और घटना हो गई। हम पर गोलियां चलाई गईं। जो गोेली खाकर गिर गए थे उनको हिलाकर देखा गया कि जिंदा तो नहीं हैं, किसी पर शक हुआ तो उसे एक गोली और मारी गई। करीब 300 लोग आए थे हमला करने। इनमें 150 लोग विवादित जमीन पर आए थे जबकि करीब 150 नदी पार खड़े थे। सभी मुख्य आरोपित ग्राम प्रधान ट्रैक्टर में भरकर लाया था। उनके साथ बंदूकें, डंडा, गड़ासा आदि हथियार भी थे।

इस दौरान प्रियंका भावुक हो गईं। उन्होंने महिलाओं से बातचीत की और उन्हें पानी पीने के लिए कहा। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि क्या इन आँसुओं को पोंछना अपराध है। प्रियंका ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि 15 पीड़ित परिवारों की मुझसे मुलाकात नहीं कराई है सिर्फ 2 लोगों को मुझसे मिलाया गया है। प्रियंका ने कहा कि पीड़ित परिवारों को गेट के बाहर ही रोका गया है। प्रियंका ने कहा कि यूपी में संवेदनाओं की मौत का खौफ पसरा हुआ है। अजय सिंह बिष्ट सरकार इस क्रंदन को नजरंदाज कर संवेदनहीनता की नई मिसाल पैदा कर रही है। इस विलाप से निकले हर एक आंसू का हिसाब लिए बिना हम पीछे नहीं हटेंगे।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने मुझे पीड़ित परिवारों से मिलने को कहा था। वो मेरे नेता हैं और उनके निर्देश पर मैं यहां आई हूं।प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल गांधी ने मुझे पीड़ित परिवारों से मिलने को कहा था। वो मेरे नेता हैं और उनके निर्देश पर मैं यहां आई हूं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अपनी मांग पर अड़ जाने के कारण मिर्जापुर जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया। उसने चुनार गेस्ट हाउस में सोनभद्र के पीडि़तों की प्रियंका गांधी से मुलाकात कराई। प्रियंका ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 15 पीडि़त परिवारों की मुझसे मुलाकात नहीं कराई है सिर्फ दो लोगों को मुझसे मिलाया गया है। प्रियंका ने कहा कि पीडि़त परिवारों को गेट के बाहर ही रोका गया है। सोनभद्र में नरसंहार में मारे गए दस लोगों के परिवार के सदस्यों से मिलने की जिद पर अड़ीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एक बार फिर चुनार गेस्ट हाउस के बाहर धरना पर बैठ गई। उनके साथ कांग्रेसी भी धरना पर बैठे ।

वाराणसी सोनभद्र नरसंहार की आंच अब देश भर में फैलने लगी है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का एक दल शनिवार की सुबह इंडिगो एयरलाइंस के विमान 6इ713 से सुबह वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से टीएमसी सांसदों व विधायकों का प्रतिनिधिमंडल सोनभद्र में मृतकों के परिजनों और गंभीर रूप से घायलों से मुलाकात करना चाह रहा था। मगर सभी को जब जिला प्रशासन ने रोक दिया गया तो टीएमसी नेता परिसर में ही धरने पर बैठ गए। तीन घंटों तक बबातपुर एयरपोर्ट पर चले ड्रामे के बाद प्रशासन ने टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को शहर प्रस्थान की अनुमति दे दी। टीम लीडर ने कहा कि हम लोग अभी ट्रामा सेंटर जा रहे हैं उसके बाद सोनभद्र भी जाएंगे और पीडितों से मुलाकात करेंगे। वहीं जब तक एयरपोर्ट परिसर में विवाद की स्थिति बनी रही उस दौरान शीर्ष टीएमसी नेताओं की भी सक्रियता वाराणसी एयरपोर्ट पर अपने नेताओं को रोके जाने को लेकर बनी रही। दोपहर करीब 12 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचे कांग्रेस नेता राज बब्बर, जतिन प्रसाद और राजीव शुक्ला सहित उनके साथ पहुंचे कांग्रेस के दस अन्य सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया। वहीं सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट पर भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ ही किसी भी नेता को एयरपोर्ट परिसर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। हालांकि काफी देर के बाद कांग्रेस टीम को भी शहर जाने की इजाजत दे दी गई। इस दौरान परिसर में काफी गहमागहमी बनी रही।

 कानून व्यवस्था पर सवाल 

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगी सरकार संवेदनहीन है। मैं पीड़ितों के आंसू पोछने आयी हूं। इसे अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। यदि सोनभद्र के पीडि़त परिवार के लोग आए हैं तो मिलने में क्या समस्या है। कल से हजारों कार्यकर्ता यहां आ रहे है लेकिन पीडि़तों और उनके परिजनों को आने से रोकना प्रदेश सरकार की मंशा को उजागर करता है। मिर्जापुर के चुनार किला में देर रात तीन बजे तक कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करने वाली प्रियंका गांधी को सुबह करीब 4:30 बजे नींद आई। इसके बाद 10:30 बजे वह कमरे से बाहर आकर लोगों से मिलीं। इस दौरान उन्होंने फिर दोहराया कि वो बिना मिले वापस जाने वाली नहीं हैं। प्रशासन चाहे तो पीडि़तों और उनके परिजनों को चुनार ले आये या फिर कहीं और मिलवा दे। या उन्हें चार लोगों के साथ सोनभद्र जाने की इजाजत दे। इसके साथ ही प्रियंका ने कहा कि उन्हें चुनार में पिछले करीब 24 घंटों से किस आधार पर रखा गया है इसका जवाब प्रशासन नहीं दे रहा है। प्रशासन की बस एक ही रट है कि वह सोनभद्र नहीं जा सकती।

सोनभद्र में दस लोगों की हत्या के बाद वहां धारा 144 लागू होने के बाद भी पीडि़त परिवार के लोगों से मिलने जाने की जिद पर अड़ीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को आज तड़के करीब चार बजे नींद आई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 24 घण्टे बाद भी चुनार के गेस्ट हाउस में हैं। प्रियंका बिना पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात किये वापस जाने को तैयार नहीं हैं। उमस भरी गर्मी के बीच चुनार किले के गेस्ट हाउस में कैद प्रियंका गांधी ने रात में गेस्ट हाउस की कैंटीन का ही भोजन किया।

प्रियंका वाड्रा को मनाने के लिए शनिवार आधी रात के बाद कमिश्नर मीरजापुर मंडल और वाराणसी मंडल पहुंचे। इनके साथ मे एडीजी पुलिस मौजूद रहे लेकिन वार्ता बेनतीजा साबित हुई। प्रियंका को मनाने देर रात वाराणसी से एडीजी ब्रजभूषण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी पहुंचे और दो दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। देर रात अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने अपना रुख कुछ लचीला भी किया था और पीडि़तों के परिजनों से कहीं भी मुलाकात को तैयार हो गई थीं लेकिन जिला प्रशासन ने कोई आश्वासन नहीं दिया।

आज सुबह से ही कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया। चुनार के गेस्ट हाउस में रात भर कार्यकर्ताओं का भी जमावड़ा लगा रहा। रात भर गेस्ट हाउस पर भीड़ कुछ कम रही। सुबह होते ही एक बार फिर भीड़ बढऩे लगी है। राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया रात तीन बजे तक यहीं रहने के बाद सुबह सात बजे फिर पहुंच गए हैं।

प्रियंका वाड्रा ने रात को चुनार गेस्ट हाउस में बने सादा दाल, चावल और सब्जी का ही भोजन किया। वहां पर अन्य कार्यकर्ताओं के लिए भोजन के पैकेट्स आए। भीषण गर्मी में बार-बार बिजली कटौती से परेशान प्रियंका गेस्ट हाउस के दूसरी ओर अकेले टहलती रहीं। उनके पीए संदीप ने बताया कि भोर में करीब साढ़े चार बजे प्रियंका गांधी सोने के लिए कमरे में गईं।

रात ढाई बजे के बाद तक वह गेस्ट हाउस के कमरे में राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया से बातें करती रहीं। बातचीत के दौरान ही वह गेस्ट हाउस के पिछले दरवाजे से बाहर आकर टहलने लगीं। अभी तक इस गेट पर केवल एसपीजी के जवान ही तैनात थे। प्रियंका को पिछले गेट से निकलकर टहलते देख जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई। एसडीएम मडि़हान सुरेंद्र बहादुर सिंह ने तत्काल वहां भी फोर्स की तैनाती कराई। चुनार किला के गेस्ट हाउस में आधी रात के बाद प्रियंका गांधी को पिछले दरवाजे पर टहलते देख वहां पर मौजूद अधिकारियों की सांसें अटक गईं। वहां एसडीएम मडि़हान के निर्देश पर फोर्स की तत्काल तैनाती की गई और जवानों को विशेष निर्देश दिए गए। प्रियंका गांधी शुक्रवार रात दो बजे तक कई दौर में अधिकारियों के साथ बैठक करती रहीं।

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा हिरासत में हैं। प्रियंका गांधी को शुक्रवार को एसडीएम ने सोनभद्र जाने से रोका है। एसडीएम ने अपने अधिकारों का प्रयोग करके उस इलाके में धारा 144 लगाई थी। धारा 144 का उल्लंघन करने पर प्रियंका गांधी को रोका गया है।

फिलहाल प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है। बॉन्ड भरने पर प्रियंका गांधी को छोड़ा जाएगा। उधर लोकल फाल्ट के कारण चुनार गेस्ट हाउस की बिजली कट गई है। इसके बाद भी प्रियंका गांधी अंधेरे में ही गेस्ट हाउस में कार्यकर्ताओं से मिलती रहीं।

जिला प्रशासन की इस कार्रवाई पर प्रियंका ने कहा कि मेरे वहां पर जाने से कोई कानून-व्यवस्था पर असर नहीं पडऩे वाला है। उन्होंने कहा कि मुझे किस कानून के तहत रोका गया। यह भी मुझे पता नहीं। प्रियंका ने कहा कि मुझे जिला प्रशासन के अधिकारी के ऑर्डर की कॉपी दिखाएं।

मुझे किस नियम के तहत रोका गया है। मैंन तो यहां तक कहा कि सोनभद्र जाने के दौरान मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे। इस बात पर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।

इस मामले में यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि प्रियंका गांधी को हिरासत में नहीं लिया गया है। डीजीपी कार्यालय के मुताबिक सोनभद्र में धारा 144 लगी हुई है। कांग्रेस ने वहां जाने की कोई परमिशन नहीं ली है।

मिर्जापुर के डीएम अनुराग पटेल ने कहा कि मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में बिजली कटौती रूटीन कटौती थी। यहां पर रोस्टर के मुताबिक बिजली कटी थी। यह विद्युत विभाग की रूटीन कट था। वहां बिजली जाने पर जिला प्रशासन ने वहां जेनरेटर की व्यवस्था की है। कुछ देर बाद बिजली भी आ गई है। ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।

 

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x