पीएसएलवी-सी47 ने कार्टोसैट-3 व13 व्यावसायिक नैनो उपग्रह का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन ने अपनी 49वें उड़ान (पीएसएलवी-सी47) में कार्टोसेट-3 के साथ अमेरिका के 13 नैनो उपग्रहों का बुधवार 27 नवम्बर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) एसएचएआर, श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया।
पीएसएलवी-सी47 ने दूसरे प्रक्षेपण पैड से सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर उड़ान भरी। इसके 17 मिनट 38 सैकेंड के बाद कार्टोसेट-3 सूर्य की एक 509 किलोमीटर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया।
इसके बाद 13 नैनो उपग्रह भी अपनी निर्धारित कक्षाओं में छोड़े गए। पीएसएलवी-सी47 से अलग होने के बाद कार्टोसेट-3 के सौर श्रेणी स्वत: स्थापित हो गए और बेंगलुरू में स्थित इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क ने उपग्रह का नियंत्रण संभाल लिया है। आने वाले दिनों में यह उपग्रह अपने अंतिम संचालन स्थिति में लाया जायेगा।
इसरो के अध्यक्ष डॉ• के• सिवन ने कहा कि इसरो द्वारा निर्मित कार्टोसेट-3 बहुत जटिल और पृथ्वी पर नज़र रखने वाला उन्नत उपग्रह है। उन्होंने बताया कि यह तीसरी पीढ़ी का सर्वाधिक स्पष्ट तस्वीर लेने वाला उपग्रह है।
कार्टोसेट-3 का जीवनकाल पांच साल का है। यह व्यापक पैमाने पर शहरी योजना, ग्रामीण संसाधन और आधारभूत ढांचे का विकास, तटीय भूमि उपयोग आदि की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।
इसरो के अध्यक्ष डॉ• के• सिवन ने मिशन से जुड़े प्रक्षेपण वाहन और उपग्रह टीम को बधाई दी। उन्होंने भारतीय उद्योग की मदद की भी सराहना की।
पीएसएलवी सी-47 एक्सएल आकृति में पीएसएलवी की 21वीं उड़ान है। यह श्रीहरिकोटा में एसडीएससी एसएचएआर से 74वां प्रक्षेपण वाहन मिशन और कार्टोसैट श्रृंखला का नौंवा उपग्रह था। श्री हरिकोटा में लगभग पांच हजार लोगों ने उपग्रहों का प्रक्षेपण होते देखा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी कार्टोसैट-3 उपग्रह और अमरीका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रहों सहित पीएसएलवी-सी-47 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं स्वदेशी कार्टोसैट-3 उपग्रह और अमरीका के एक दर्जन से अधिक नैनो उपग्रहों सहित पीएसएलवी-सी-47 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो की पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूं। उन्नत कार्टोसैट-3 से हमारी हाई रिजोल्यूशन क्षमता बढ़ेगी। इसरो ने एक बार फिर से देश को गौरवान्वित किया है।’
■ चंद्रयान-III
आवश्यक प्रौद्योगिकी पर दक्षता के लिए इसरो ने चाँद अन्वेषण का एक रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को अंतरिक्ष आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। विशेषज्ञ समिति के अंतिम विश्लेषण और अनुशंसाओं के आधार पर, भविष्य के चाँद मिशन के लिए कार्य प्रगति पर है।