खनन माफियाओं ने दी पत्रकारों को चुनौती
अमीन अहमद की विजनौर से रिपोर्ट
स्योहारा(बिजनोर) अवेध खनन की काली कमाई में कितना रोब और दबंगता होती है इसका नज़ारा स्योहारा क्षेत्र के ग्राम बेर खेड़ा में उस वक़्त देखने को मिला जब ग्राम में स्थित भिखन नदी से बड़ी तादाद में दिन के उजाले में ही लाखो का रेत तस्कर किया जा रहा था।इसकी सूचना जब स्थानीय कुछ पत्रकारों को मिली तो उन्होंने मामले को हल्का इंचार्ज व जिला खनन अधिकारी को भी सूचित करते हुए मोके पर कवरेज को गए।जहां पाया की 20 से 25 ट्रैक्टर ट्राली बेखोफ होकर रेत की तस्करी कर रहे थे।मोके पर पहुंचे पत्रकारों पर वहां खनन में लगे ट्रेक्टर चालक ने न सिर्फ पत्रकारों को कुचलने का प्रयास किया बल्कि वापस आते समय गांव के मोड़ पर बिट्टू त्यागी नामक खनन माफिया ने अपने कई साथियो संग पत्रकारों का रास्ता रोकते हुए वहां पुलिस की मौजूदगी में ही पत्रकारों के साथ न सिर्फ गाली गलौच की बल्कि गांव में आइंदा गांव में घुसने पर जान से भी मारने की धमकी दे डाली।जिसका वीडियो वायरल भी हो चुका है।अब किसी तरह वहां से बचने के बाद जब पत्रकार थाने पहुंचे और वहां तहरीर सौंपते हुए उक्त बिट्टू त्यागी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।पर स्थानीय थाने से टाल मटोल रवैया मिलने के बाद पत्रकार सीओ से मिले जहां सीओ महावीर सिंह राजावत ने आरोपी के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश जारी कर दिए ,उसके बाद भी स्थानीय थाने ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया,इतना ही नही बल्कि खनन माफिया पर कार्यवाही करना स्थानीय थानाध्यक्ष को इतना नागवार गुजरा की उन्होंने आरोपी से हमसाज़ होकर उल्टा पत्रकारों के विरुद्ध तहरीर देने की सलाह दे डाली।
इतना ही नही बल्कि पत्रकारों की खबरों से चिड़े हुए थानाध्यक्ष द्वारा अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दे डाली।जिसका एक ऑडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
अब आप खुद ही अंदाज़ा लगाएं की जब पुलिस ही माफियाओ के साथ हमसाज़ हो जाएं तो ऐसे में कितना आसान हो जाता है पत्रकारों पर हमला होना।और कितना आसान हो जाता है खनन के अलावा सारे काले कारनामे करना।
बरहाल पुलिस की तमाम फ़ज़ीहत के बाद भी अभी तक पत्रकारों की तहरीर पर पुलिस ने खनन माफिया के खिलाफ मुकदमा नही दर्ज किया।