दंगाईयों की लंका लगाने वाले सबसे चर्चित मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ


सच की दस्तक के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अपराध में आयी भारी गिरावट और माहौल भयमुक्त, ऐसा वाराणसी, चंदौली, मुगलसराय, औरैया और इटावा, कंनौज, बाराबंकी के लोगों ने कहा।
ADG लॉ एंड आर्डर के अनुसार
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में पुलिस अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभा रही है. यही वजह है कि एनसीआरबी के आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी. किसी भी कीमत पर अपराध और अपराधियों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष कानून व्यवस्था को लेकर जहां एक ओर सूबे की योगी सरकार पर हमलावर है, वहीं नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के ताजा आंकड़ों ने शासन को बड़ी राहत दी है. एनसीआरबी ने 2021 के क्राइम के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके मुताबिक पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा के 378 मामले दर्ज हुए. जिसमें उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक ही मामला दर्ज हुआ. जबकि महाराष्ट्र में 100, झारखण्ड में 77, बिहार में 51 और हरियाणा में 40 मामले दर्ज हुए. इस मामले में राजस्थान पांचवें नंबर पर है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2019 और 2020 में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ. इसे योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.
इतना ही नहीं एनसीआरबी के डाटा से यह भी खुलासा हुआ है कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में भी यूपी में कमी आई है. देश की तुलना में साईबर क्राइम में भी यूपी में कमी आई है. आंकड़ों के मुताबिक 2019 में यूपी में बच्चों के खिलाफ 18943 मामले दर्ज किए गए जबकि 2021 में यह घटकर 16838 हो गए. 2019 में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59853 मामले दर्ज किए गए जो 2021 में घटकर 56083 हो गए. यूपी में 2019 में साइबर क्राइम के 11416 मामले दर्ज किए गए जो 2021 में घटकर 8829 हो गए. आंकड़ों से साफ है कि कानून व्यवस्था को लेकर योगी मॉडल कारगर दिख रहा है. 2019 की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 6.2 फ़ीसदी की कमी आयी है. बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 11.11 फ़ीसदी की कमी और साइबर क्राइम के मामले में भी 22.6 फीसदी की आई कमी देखने को मिली है.