सामने से आओ कायरो ✍️नीरज त्यागी
मन मे ज्वाला धधक रही है,
हर एक मन आज ये बोला है।
आमने – सामने की लड़ाई करो
कायरो,क्यों छिप कर आते हो।।
कायरता भरे कृत्यों को छोड़कर,
एक बार सामने से आओ कायरो,
क्यों ना रण में हम दो दो हाथ करे।
अगर ना फाड़ दी दुःशासन की तरह
तुम्हारी छाती तो हम भारत माँ के लाल नही।
तुम्हारे खून में अगर कायरता नही है,
तो खुलकर सामने क्यों ना आते हो।
तुम्हारे खून से भारत माँ का श्रीगार
करने का हर एक ने अब ठानी है।
एक बार खुल कर सामने आओ कायरो,
तुम्हे याद दिलानी तुम्हारी नानी है।
बार – बार गिरी हुई हरकत करके
क्यों अपनी औकात हमे दिखाते हो।
सचमुच तुम्हारे खून में गंदगी भरी है,
क्यों अपनी माँ के दुध को धिक्कारते हो।
अगर हिम्मत है तो सामने आ करो लडो,
हम तुम्हे तुम्हारी औकात दिखा देंगे।।
भारत माँ के लाल तुम्हे मिट्टी में दफना देंगे,
एक बार अपनी पर आए तो तुम्हे घर मे घुसकर
तुम्हारे सामने खड़े होकर सीने पर गोली मारेंगे।