सरकार बने या ना बने मंदिर का निर्माण हो उद्धव ठाकरे
सच की दस्तक डेस्क अयोध्या
सरकार रहे या जाए सरकार बने या ना बने इसकी चिंता छोड़ कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को राम मंदिर निर्माण के लिए कृत संकल्पित होकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में कदम बढ़ाते हुए अध्यादेश लाना चाहिए शिवसेना उसका समर्थन करेगी उक्त बातें शिव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा।
श्री ठाकरे ने कहा कि 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जनता से वादा किया था की अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। साढे 4 साल बीतने को आए भाजपा ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जिससे लगे की भाजपा मंदिर निर्माण के लिए वे वचनबद्ध है। चुनावी सभा में नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि संविधान के दायरे में रहते हुए हर संभव प्रयास किया जाएगा जिससे भव्य राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो। लेकिन साढे 4 साल बीतने के बाद भी संविधान के दायरे में रहते हुए कभी भी कोई भी भाजपा ने ऐसा प्रयास नहीं किया जिससे यह लगे कि अयोध्या में सरकार मंदिर निर्माण के लिए प्रयासरत है ।उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो आप कुछ भी कीजिए लेकिन राम मंदिर का निर्माण जरूर कीजिए ।अगर यह सरकार मंदिर नहीं बनायेगी तो कौन बनाएगी हिंदू पहले की तुलना में ज्यादा ताकतवर हो गया है। अब मार नहीं खायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शीतकालीन सत्र में यदि भारतीय जनता पार्टी अध्यादेश लाएगी तो शिवसेना साथ में खड़ी है रहेगी।
हिंदू की भावनाओं के साथ केंद्र सरकार खिलवाड़ ना करें क्योंकि अब हिंदू जाग गया है और मंदिर का निर्माण जरूर होगा। उन्होंने कहा कि बाला साहब ठाकरे ने 1992 में जब विवादित बाबरी मस्जिद ढांचा ढ़हा था तो उस समय कहा था कि हमारे शिव सैनिकों ने जो कार्य किया है वह गर्व की बात है ।शिवसेना मंदिर निर्माण के लिए हर संभव प्रयास करेगी जो संभव हो पाएगा। यदि राम मंदिर का निर्माण होता है तो मैं एक बार पुनः रामलला के दर्शन करने आऊंगा क्योंकि मौजूदा समय में जब मैं रामलला का दर्शन करने आया तो मुझे लगा कि मैं जेल में चला आया क्योंकि भगवान श्रीराम तंबू के नीचे कैद में दिखाई पड़े दिखेे।मुुझे अफसोस लगा कि हम सब की सरकार रहते हुए भी भव्य राम मंदिर का निर्माण अभी तक नहीं बना सके है। पत्रकार वार्ता के पूर्व उद्धव ठाकरे ने परिवार सहित रामलला के दर्शन किए और महाराष्ट्र से लाई गई ईट भी संतों को भेंट की।