रोहतक रैली – किसानों के मसीहा ”सर छोटू राम” की 64 फुट प्रतिमा का प्रधानमंत्री ने किया अनावरण –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरियाणा के रोहतक में सांपला का दौरा किया और दीनबंधु सर छोटू राम की प्रतिमा का अनावरण किया। एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने रेल कोच मरम्मत कारखाना, सोनीपत की आधारशिला रखे जाने के मद्देनजर एक पट्टिका का अनावरण किया।
इस कारखाने का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर यह उत्तरी क्षेत्र में रेल डिब्बों (कोच) के लिए एक महत्वपूर्ण मरम्मत और रखरखाव सुविधा के रूप में उभर कर सामने आएगा। मॉड्यूलर एवं प्रीफैब्रिकेटेड निर्माण तकनीकों, आधुनिक मशीनरी और पर्यावरण अनुकूल खूबियों का इस्तेमाल कर इस कारखाने की स्थापना की जा रही है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि चौधरी छोटू राम जी उन सामाजिक सुधारकों में से एक थे जिन्होंने भारत में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सर छोटू राम को पीड़ितों और वंचितों के उद्धार के लिए निरंतर कार्य करने वाली शख्सियत के रूप में वर्णित किया।
जानिये – यह महान शख्सियत सर छोटू राम जी बारे में –
सर छोटूराम हरियाणा के रोहतक जिले के गढ़ी सांपला गांव के रहने वाले थे। ब्रिटिशों के शासनकाल में उन्होंने किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।सर छोटूराम को नैतिक साहस की मिसाल माना जाता है।ब्रिटिश राज में किसान उन्हें अपना मसीहा मानते थे।वे पंजाब राज्य के एक बहुत आदरणीय मंत्री थे, उन्होंने वहां के विकासमंत्री के तौर पर भी काम किया था।
यह पद उन्हें 1937 के प्रोवेंशियल असेंबली चुनावों के बाद मिला था।1930 में उन्हें दो महत्वपूर्ण कानून पास कराने का श्रेय दिया जाता है। इन कानूनों के चलते किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिली।ये कानून थे पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस, 1934 और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 1936। इन कानूनों में कर्ज का निपटारा किए जाने, उसके ब्याज और किसानों के मूलभूत अधिकारों से जुड़े हुए प्रावधान थे।
सर छोटूराम को नैतिक रूप से बहुत ताकतवर माना जाता है। वह भाई-भतीजावाद के सख्त खिलाफ थे।उन्हें ‘राव बहादुर’ की उपाधि भी दी गई थी। उन्हें लोग ‘दीनबंधु’ भी कहा करते थे। सर छोटूराम का नैतिक बल कैसा था, इसका उदाहरण उनकी पत्नी बताती हैं। इंडियन सिविल सर्वेंट एसके कृपलानी अपने बेटे की सिफारिश लेकर उनके पास पहुंचे।
उन्होंने अपने बेटे को नौकरी में प्रमोशन देने की बात सर छोटूराम से कही।इस पर छोटूराम का जवाब था, “मैंने अपने कामों का एक पैमाना बना रखा है कि कभी किसी रिश्तेदार, करीबी या दूर के किसी जानने वाले की सरकारी या प्राइवेट नौकरी पाने में कोई मदद नहीं करूंगा।
अगर कोई भाई-भतीजावाद में मेरे खिलाफ उंगली उठाता है तो मेरे पास पॉलिटिक्स छोड़ देने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है,”सर छोटूराम बहुत ही साधारण जीवन जीते थे।और वे अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा रोहतक के एक स्कूल को दान कर दिया करते थे।
ऐसे थेे छोटूू राम जी कि जिनके सम्मान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रेल कोच मरम्मत कारखाना सोनीपत और समूचे हरियाणा राज्य के विकास में अहम योगदान देगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल इस क्षेत्र के छोटे उद्यमी लाभान्वित होंगे, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार अवसर भी सृजित होंगे।
प्रधानमंत्री ने सर छोटू राम के विजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस संदर्भ में उन्होंने भाखड़ा बांध के बारे में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए सर छोटू राम द्वारा की गई अनगिनत पहलों का उल्लेख किया और इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में भी बताया।
आयुष्मान भारत योजना की दिशा में हुई प्रगति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्वास्थ्य आश्वासन योजना का प्रथम लाभार्थी इसी राज्य का है। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि महज दो हफ्तों में ही 50,000 से भी ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत हुई शानदार कामयाबी का भी उल्लेख किया। उन्होंने यह बात रेखांकित की कि हरियाणा के गांवों में जन्म लेने वाली बालिकाएं विश्व स्तर पर अपने देश को गौरवान्वित कर रही हैं और इसके साथ ही हरियाणा के युवा भारत को खेलकूद के क्षेत्र में एक वैश्विक ताकत बनाने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे ये संकेत मिलते हैं कि हम सर छोटू राम के सपनों को साकार करने की दिशा में बड़ी तेजी से प्रगति कर रहे हैं।