आजादी के 4 दशक के बाद भी मुगलसराय विधानसभा की समस्या जस की तस 2022 चुनाव में लड़ाई बनी चतुष्कोणीय
सच की दस्तक नेशनल न्यूज डेस्क
2022 विधानसभा चुनाव में मुगलसराय विधानसभा के मुद्दे
*चंधासी कोयला मंडी का स्थानांतरण,
* मुगलसराय को जाम से मुक्ति
*विज्ञान व कॉमर्स अस्तर का कोई भी राजकीय डिग्री कॉलेज नहीं।
*एक भी ऐसा अस्पताल नहीं जहां ब्रेन हेमरेज हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का तत्काल इलाज हो सके ।
*पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली का कायाकल्प बेरोजगारी व महंगाई भी मुद्दे
मुगलसराय विधानसभा में चतुष्कोण में लड़ाई
मुगलसराय विधानसभा में ऐसे तो उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी कांग्रेस व बहुजन समाज पार्टी में के बीच है ।भारतीय जनता पार्टी ने अपने सेटिंग विधायक साधना सिंह का टिकट काटते हुए वैश्य समाज से ताल्लुकात रखने वाले रमेश जायसवाल को टिकट दिया है वही बहुजन समाज पार्टी से इरशाद अहमद बबलू समाजवादी पार्टी से चंद्रशेखर यादव व कॉन्ग्रेस से तीन बार के भाजपा के विधायक रहे छब्बू पटेल मैदान में हैं।
सिटिंग विधायक साधना सिंह का टिकट कटने से ऐसे फॉरवर्ड लॉबी भाजपा से नाराज हैं चुनाव प्रचार में भी वह जातियां दूरी बनाए रखे हुए हैं। और भितरघात होने की संभावना भी लोगों के अनुसार देखी जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी से चंद्रशेखर यादव मैदान में लेकिन टिकट बंटवारे के समय जिस प्रकार उठापटक हुआ उससे समाजवादी पार्टी में भी भितरघात की संभावना है। जबकि इरशादआमद बबलू बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। यदि उन्हें बसपा कैडर वोट और मुस्लिम वोट बिना बंटवारे के मिला तो एक बार पुनः बसपा सभी को मात दे सकती। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी छब्बू पटेल भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं उनका पारंपरिक वोट भाजपा में रहने के कारण उन्हें मिल सकता है ।बिंद, विहार, जैसे जातियों में भी उनकी पकड़ देखी जा सकती है। कांग्रेस की इस प्रत्याशी के आ जाने से निश्चित तौर पर लड़ाई चतुष्कोण हो गई है। ऐसे मतदान 7 मार्च को होने और गृह मंत्री प्रधानमंत्री की रैली भी निर्धारित है अंत समय में करवट किस तरह बैठेगा वह तो परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा
मुग़लसराय विधानसभा के मतदाता
इस विधानसभा में मतदाताओं की तादाद 389872 है, जिसमें 211193 पुरुष मतदाता हैं. तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 178618 है. जबकि 61 ट्रांस जेंडर वर्ग के मतदाता हैं।
मुगलसराय विधानसभा का इतिहास
पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री की धरती, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुगलसराय का नाम बदलने की पहल की और सबसे पहले मुगलसराय रेलवे जंक्शन का नाम बदला गया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रख दिया गया। इसी कड़ी में मुगलसराय शहर, नगर पालिका परिषद और तहसील का भी नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
1952 में इस सीट का नाम चंदौली रामनगर (257) था. पहली बार इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उमाशंकर तिवारी निर्वाचित हुए. उमाशंकर तिवारी को 11,353 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी और निर्दल उम्मीदवार नामवर को 6,154 वोट मिले थे. उमाशंकर ने पहला चुनाव 5,199 वोटों से जीता था. 1957 में दूसरी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के श्यामलाल यादव चुने गए.
उस वक्त इस सीट का नाम बदलकर मुगलसराय (187) कर दिया गया था. 1962 में हुए तीसरी विधानसभा चुनाव में इस मुगलसराय सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उमाशंकर तिवारी ने कांग्रेस के श्यामलाल यादव को हराकर अपनी हार का बदला लिया. 1967 में चौथी विधानसभा चुनाव में मुगलसराय सीट (245) पर एक बार फिर कांग्रेस के श्यामलाल यादव ने सोशलिस्ट पार्टी के उमाशंकर तिवारी को मात्र 82 वोटों से हरा दिया.
1968 में पांचवीं विधानसभा के चुनाव में एक बार फिर से उमाशंकर तिवारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े जबकि श्यामलाल यादव भारतीय किसान दल के टिकट पर मैदान में उतरे थे. उमाशंकर ने भारतीय किसान दल के श्यामलाल को 4,625 वोटों से हराकर अपनी हार का फिर बदला लिया. छठीं विधानसभा के चुनाव में मुगलसराय (240) सीट पर भारतीय किसान दल के उम्मीदवार गंजी प्रसाद ने जीत हासिल करके कांग्रेस के यदुनाथ सिंह को मात्र 428 वोटों से हराया था. भारतीय किसान दल के गंजी प्रासद को 17,216 और यदुनाथ सिंह को 16,788 वोट मिले थे.
सातवीं विधानसभा (1977) में जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में गंजी प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी के यदुनाथ सिंह को 4,299 वोटों से हराया. 1980 में आठवीं विधानसभा चुनाव में मुगलसराय सीट पर कांग्रेस ने रामचंद्र शर्मा ने दो बार के विधायक गंजी प्रसाद को हराकर कांग्रेस की झोली में सीट को डाली. इस चुनाव में कांग्रेस को 5544 वोटों से शानदार जीत मिली थी. 1985 में नौंवीं विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस (आई) के रामचंद्र शर्मा ने लोकदल के अलखनाथ को 7,017 वोटों से हराया था. 10वीं विधानसभा में निर्दलीय गंजी प्रसाद ने कांग्रेस के रामचंद्र को 2638 वोटों से हराकर 1980 की हार का बदला लिया.
11वीं विधानसभा में पहली बार भाजपा का परचम छब्बू पटेल ने फहराया और गंजी प्रसाद के बेटे रामकिशुन को 6,390 वोटों से हरा दिया. 12वीं विधानसभा में छब्बू पटेल ने एक बार फिर बसपा के मो. हलीम को 14,593 वोटों के अंतर से हराकर भाजपा को जीत दिलाई. 13वीं विधानसभा में भाजपा के छब्बू पटेल ने समाजवादी पार्टी रामकिशुन को 6766 वोटों से हराकर अपनी जीत की हैट्रिक बनाई.
14वीं विधानसभा चुनाव में मुगलसराय (224) सीट पर समाजवादी पार्टी के रामकिशुन यादव ने भाजपा के छब्बू पटेल को 12,044 वोटों से हराकर अपनी दो हार को बदला चुकाया. 2007 में 15वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के रामकिशुन यादव ने भाजपा के छब्बू पटेल को दोबारा करारी शिकस्त दी. हालांकि अबकी बार हार का अंतर कम होकर 1937 वोटों का हो गया था. लेकिन बसपा की लहर में सपा की जीत के मायने थे.
2012 में 16वीं विधानसभा (2012) में मुगलसराय सीट से बसपा से टिकट पर उतरे बब्बन चौहान ने सपा से यह सीट छीन ली थी. समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और तत्कालीन सांसद रामकिशुन यादव के भाई बाबूलाल को 15,440 वोटों के अंतर से हराकर बसपा को जीत दिलाई. बाबूलाल को चुनाव में 43,643 और बब्बन चौहान को 59,083 वोट मिले.
सामाजिक तानाबाना
मुगलसराय एक तरफ जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्म स्थली के रूप में मशहूर है. मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के अंतिम पड़ाव के रूप में भी जाना जाता है और यही वजह है कि मुगलसराय शहर और तहसील का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर बदल दिया गया. मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा रेलवे यार्ड स्थित है.
दूसरी तरफ एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडियों में शुमार चंदासी कोयला मंडी भी है. हाल ही में इस विधानसभा क्षेत्र में ही चंदौली वाराणसी सीमा पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन का निर्माण कराया गया है. मुगलसराय विधानसभा में तकरीबन हर वर्ग के लोग रहते हैं.
वर्तमान समय मे विधानसभा में मतदाताओं की तादाद 389872 है, जिसमें 211193 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 178618 है. जबकि 61 अन्य वर्ग के मतदाता हैं.
जातिगत आंकड़ों की बात करें तो मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में तकरीबन 45000 मुस्लिम मतदाता हैं. जबकि दूसरे नंबर पर यादव मतदाता हैं और इनकी तादाद करीब 42000 है. इस विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या तकरीबन 36000 है और 28000 ब्राह्मण मतदाता हैं. क्षेत्र में 30 हजार के करीब वैश्य मतदाता हैं. जबकि 26 हजार बिंद, 20 हजार बियार, 26 हजार चौहान, 15 हजार पटेल, 10 हजार लोहार, 9 हजार खटीक, 9 हजार राजभर, 9 हजार मल्लाह, 6 हजार सिख, 5 हजार कायस्थ और तकरीबन 30 हजार अन्य जातियों के मतदाता हैं.
2017 का जनादेश
2017 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ तब पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी और भारतीय जनता पार्टी की साधना सिंह ने समाजवादी पार्टी के बाबूलाल यादव को हराकर इस सीट पर भाजपा का परचम लहराया. 2017 के चुनाव में विधानसभा क्षेत्र में कुल 376583 मतदाता थे जिनमें 232670 लोगों ने मतदान किया. विधानसभा चुनाव में कुल 61.77% मतदान हुआ.
इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी साधना सिंह को कुल 87401 वोट मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बाबूलाल यादव को 13243 मतों से हराया. समाजवादी पार्टी के बाबूलाल को 74158 वोट मिले थे और इनका वोट प्रतिशत 31.88 था. वहीं बहुजन समाज पार्टी के तिलकधारी बिंद को 57219 वोट मिले. प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के बब्बन चौहान को मात्र 7811 वोट मिले. जबकि बहुजन मुक्ति पार्टी के गोविंद लाल को 1109 वोट मिले.
रिपोर्ट कार्ड
मुगलसराय से भारतीय जनता पार्टी की विधायक साधना सिंह की उम्र तकरीबन 45 साल है. साधना सिंह ने संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रखा है. क्षेत्र में साधना सिंह की पहचान जुझारू नेता के रूप में रही है. साधना सिंह अपने बेबाक बयानबाजी के लिए भी जानी जाती हैं. साथ ही जनता की हक की लड़ाई के लिए तमाम आंदोलन करने के लिए भी जानी जाती हैं.
साधना सिंह के विरुद्ध आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज हुए थे. व्यापारियों के मुद्दे पर हुए आंदोलन में साधना 14 दिन जेल में भी रह चुकी हैं. 2017 में चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार उनकी कुल संपत्ति तकरीबन सवा करोड़ रुपये की है. साधना को 1995 में वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी का कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया. इसके बाद सन 2000 में बीजेपी की चंदौली की जिला मंत्री और 2002 से 2008 तक महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. इसके बाद 2011 से 2014 तक भाजपा की जिला उपाध्यक्ष थीं.
2014 में उत्तर प्रदेश बीजेपी द्वारा उन्हें प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के तौर पर चुना गया. वर्तमान समय में मुगलसराय की विधायक के साथ-साथ उद्योग व्यापार मंडल की जिलाध्यक्ष भी हैं.
साधना सिंह की मानें तो अब तक प्राप्त हुई विधायक निधि तकरीबन पूरी तरह से खर्च हो चुकी है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपने विधायक निधि से स्वास्थ्य, शिक्षा,सड़क और सिंचाई पर विशेष काम किया है. साथ ही साथ कई अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित करवाया.