*मिलेट्स क्रांति के नाम पर किसानों से धोखा

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सच की दस्तक डिजिटल डेस्क वाराणसी

चन्दौली-सरकारों द्वारा इस वर्ष को मिलेट्स(मोटे अनाजों) वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई है,इस बाबत केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न संसाधनों,संस्थानों के जरिये किसानों को सावा, कोदो,बाजरा,ज्वार,मकई,मड़ुआ आदि का बीज किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराकर उन्हें इन फसलों की प्रचुर खेती करने हेतु प्रोत्साहित किया जारहा है,इस बाबत केंद्र व प्रदेश स्तर पर होने वाले विभिन्न सरकारी आयोजनों में सरकारों द्वारा प्रतिभागियों,मेहमानों को मोटे अनाजों से बने लजीज ब्यन्जनों को गौरव पूर्वक परोसा भी जारहा है,आलम यह है कि अभी अभी हाल फिलहाल में सम्पन्न G20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में शिरकत करने वाले अंतर्राष्टीय मेहमानों को भी इन मोटे अनाजों के बने भोज्य पदार्थ परोसे गये थेl
भारत मे इस तरह के आयोजनों और सरकारी नीतियों से प्रेरित होकर क्षेत्र के किसान कृषि विभाग के सहयोग से संचालित शिवनन्दन एफ पी ओ खड़ान धानापुर द्वारा प्रदत्त मिलेट्स बीजों की विधि विधान से बुआई करने वाले अमादपुर,हिंगुतर गढ़,बुद्धपुर,नौघरा,दीया,पसहटा आदि गांवों के किसान तब बेहद मायूस हुए जब उनके खेतों में लगी यह फसलें बेहद कमजोर व कुपोषित नजर आने लगी,साथ ही अंकुरण का प्रतिशत भी बेहद निम्न रहाlजबकि इन्हीं के साथ बाजार से क्रय कर बोये गये बीजों की फसलें पूरे रौ में लहहा रही हैं,हद तो तब होगई जब सावा की बोई गई बीजों का खेतों में अंकुरण ही नहीं हो पायाlइस तरह किसान अपनी फसल के मारे जाने की पीड़ा किससे कहे,वह अपनी किस्मत के साथ ही साथ जिले के कृषि विभाग को कोसने पर विवश होकर जब बीज प्रदाता एफ़ पी ओ निदेशक रमेश सिंह को बुलाकर अपने खेती और खेतों की दुर्दशा का अवलोकन करवाया तो किसानों का आक्रोश देख उनकी घिघ्घी बंध गयी थी उन्होंने जिलाधिकारी के जरिये किसानों को हुई क्षति की भरपाई का आश्वासन देकर अपनी जान बचाने में सफलता पाईlकिसानों का कहना है कि सरकारी ब्यवस्था के चक्कर मे हम लोग न घर के हुए न घाट के ही,अगर हम लोग सरकारी बीज की बजाय अपने बीज की बुआई किये होते तो आज यह आर्थिक हानि नही उठानी पड़ती,अब तो खेत भी परती रह गया और बुआई,निराई और परिश्रम की लागत भी बर्बाद हुईl
इस बाबत जब सम्बन्धित एफ पी ओ निदेशक रमेश सिंह का कहना है कि जनपद के कृषि विभाग द्वारा जो किट मुझे किसानों के देने हेतु दी गयी थी वही वितरित की गई है,हाँ मिलेट्स बीज बुआई का सीजन ऑफ होने पर मिली तो विलम्बित बुआई भी फसल खराब होने के कारणों में से एक कारण हो सकता है,शेष अन्य कारणों की बिभागीय उच्चाधिकारियों द्वारा जांच कर किसानों के नुकसान की भरपाई कराने का प्रयास किया जाएगा जबकि इस संदर्भ में बजरिये टेलीफोन सम्पर्क करने पर प्रभारी जिला कृषि अधिकारी व उपनिदेशक कृषि जनार्दन पटेल ने कहा कि फिलवक्त मैं अस्वस्थ होने के कारण कुछ भी कहने सुनने में असमर्थ हूँ

Sach ki Dastak

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