आईएमए बन्द के विरोध में निमा आम जनता को देगी निःशुल्क चिकित्सा

सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क चन्दौली
नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन निमा ने आयुर्वेद स्नातकों के सर्जरी संक्रिया की अनुमति दिए जाने पर विरोध कर रहे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वार बन्द किया जाना बिल्कुल गलत है। इस समय कोविड-19 का समय मे तो आम जनता के साथ अन्याय है। नीमा इस बन्द के दौरान निःशुल्क सेवा देगी और हमेशा की भांति इस बार जनता के लिए तात्पर्य रहेगी। उक्त बातें पं दीनदयाल उपाध्याय नगर के नईबस्ती स्थित एक रेस्टोरेंट में निमा चकिया चंदौली के अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता डॉ ओपी सिंह एवं सचिव डॉ जेएन खान ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा। नीमा के पदाधिकारियों ने कहा कि आईएमए व्यक्तिगत लाभ के लिए इस निर्णय का विरोध कर रही है। आयुर्वेद, विशुद्ध रूप से चिकित्सा विज्ञान है। इस विद्या में बीएएमएस, एमएस, एमडी की डिग्री हासिल की जाती है तो सर्जरी की पात्रता करने वाले ये ही शल्यक्रिया कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने आयुर्वेद को शल्य में शिक्षा के अनुसार 58बीमारियों में अनुमति प्रदान की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेदभाव को समझा जिसके बाद सरकार ने एक अध्ययन टीम बना कर पाया कि आयुर्वेद के सर्जन सर्जरी कर सकते हैं, और इसके बाद अनुमति दिया। नीमा प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर ओपी सिंह ने कहा कि आईएमए ने 11दिसंबर को हेल्थ सेवा बंद करने का ऐलान किया है। किंतु संपूर्ण देश में नीमा के चिकित्सक इस दिन निःशुल्क सेवा करेंगे।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से डॉक्टर आर डी तिवारी,डॉक्टर सीबी सिंह,डॉक्टर आरडी उपाध्याय,डॉक्टर ए के सिंह, डॉक्टर भारत जायसवाल,डॉक्टर सतपाल यादव,डॉक्टर हुजैफा, डॉक्टर ओपी सिंह,डॉक्टर मनोज सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।