मौनी अमावस्या पर लाखो ने लगाई आस्था की डुबकी
सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी
चंदौली
शुक्रवार को मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर मां भागीरथी के पश्चिम वाहिनी बलुआ तट पर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में डुबकी लगाई। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा से आर्शीवाद लिया। पश्चिमवाहिनी मां गंगा के बलुआ तट पर ऐसा लग रहा था कि आज सांक्षात देवाताओं ने मुनष्य रूप धारण कर पृथ्वी पर उतर आये हो और मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर मां गंगा की गोद में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बनना चाह रहे हो।
पंचबहनी स्नान पर्व (पश्चिम वाहिनी) यह पूरे भारत वर्ष में सिर्फ तीन जगहों पर हैं। पहला गौमुखी यानी उद्गम स्थल, दूसरा काशी (वाराणसी-चन्दौली) जनपद के बलुआ घाट और तीसरा बंगाल की खाड़ी यानी गंगासागर के पास है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पश्चिम वाहिनी स्नान पर्व की कहानी गंगा अवतरण से जुड़ी हुई है। राजा भगीरथ अपने पूर्वजों को उद्धार कराने के लिए गंगा का पृथ्वी पर लाये थे। रास्ते में भागीरथ गंगा जी से भगवान भोले नाथ के उदार स्वभाव का वर्णन करते समय इतना प्रेममग्न हो गये कि दिशा का भान ही नहीं रहा और वह उत्तर के बजाय पश्चिम की दिशा को चलने लगे जब कथा समाप्त हुआ तो दिशा ज्ञान हुआ तो फिर उत्तर वाहिनी हो गये।
एक अन्य मान्यता के अनुसार घाट के पास आज भी वाल्मीकि जी का आश्रम व कुण्ड है उनका दर्शन करने के लिए मां गंगा कुण्ड में कुछ समय के लिए रूकी और आर्शीवाद ले आगे चली गई। वाल्मीकि जी के स्वभाव का वर्णन भगीरथ जी गंगा जी को बता रहे थे कथा में मग्न होने के कारण दिशा का ज्ञान ही नहीं था जब मौनी आश्रम का दर्शन हुआ तो दिशा का ज्ञान हुआ आज भी मौनी आश्रम के सामने से उत्तर वाहिनी हुई हैं। उस दिन भी मौनी अमावस्या था। कहा जाता है कि मौन व्रत धारण कर इस दिन जो स्नान दान करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है और एक राजसू यज्ञ के बराबर फल मिलता है।
जनपद चन्दौली पश्चिमी वाहिनी के बलुआ तट पर मौनी अमावस्या के दिन जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, मउ, आजमगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित बिहार प्रान्त के समीपवर्ती जिले के श्रद्धालू आकर गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर दानपुन्य कर यश के भागी बनते है।
गुड़हिया जिलेबी पर उमड़ी रही भीड़
पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों ने स्नानकर दान्य पुन्य के उपरान्त बूढ़े, बच्चों ने गुड़हिया जिलेबी पर टूट पड़े। पूरे दिन गुड़हिया जलेबी की दुकानों पर मेले में आये हुए लेगे का हुजूम उमड़ा रहा।
महिलाओं ने जमकर खरीदी घर गृहस्ती के सामान
पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों ने स्नानकर दान्य पुन्य के उपरान्त घर के सदस्यों ने घरेलू चीजों को खरीदने से नही चुके जिसके पास जो भी घर गृहस्ती का सामन उपलब्ध नही था उसकी जमकर खरीदारी। ओखली व मुसल ऐसे आम बाजारो में नही उपलब्ध होता है। लेकिन पश्चिमी वाहीनी मेले में इसकी उपलब्धता होती जिससे इसकी जमकर खरीदारी हुई और लोग उसे अपने सिर पर रखर अपने गनतब्य को जाते रहे।
जिला प्रशासन की लापरवाही से कराहते रहे स्नानार्थी
पश्चिम वाहिनी मेले में आये स्नानार्थियों में किसी प्रकार दिक्कते न हो उसका सामना करने में जिला प्रशासन काफी निष्क्रिय दिखा। लापरवाही की सारी हदे पार करते हुए जिला प्रश्सासन द्वारा बलुआ पुल पर बाहनां पर प्रतिबन्ध नही लगाया गया। जिससे चहनिया बाजार से लेकर बलुआ घाट तक लोग एक दुसरे से टकराते चीटी की चाल चल रहे थे। वही स्नार्थियों का कहना था कि जिला प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण ऐसी दुर्दशा हो रही जबकि प्रदेश मे प्रयागराज के बाद बलुआ घाट पर सनानार्थियों की अपार भीड़ जुटती है। जिसे जिला प्रशासन द्वारा हल्के में लिया गया और लोगो को कठिनाइयो का सामना करना पड़ा।