*अपने आंगन में रौशनी के लिए, घर पड़ोसी का मत जला देना*

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सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली 

एक शाम कौमी एकता के नाम” आयोजित आल इंडिया मुशायरा सह कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन.

  साहित्य समाज का दर्पण होने के साथ ही समाज में स्वस्थ वातावरण बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है अतः यहां की विभिन्न कौमों में एकता, सद्भाव एवं प्रेम का होना आवश्यक है। इन मूल्यों को विकसित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिए। ये बातें दीन दयाल नगर की नवनिर्वाचित चेयरमैन सोनू किन्नर ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहीं, अवसर था नगर की सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था मरकज ए अदब के तत्वावधान में नगर के कसाब महाल चौराहे पर “एक शाम कौमी एकता के नाम” आयोजित आल इंडिया मुशायरा सह कवि सम्मेलन का।

     कार्यक्रम में देर रात तक उपस्थित शायरों एवं कवियों ने अपनी रचनाओं, गजलों, गीतों के माध्यम से लोगों को सोचने पर मजबूर करने के साथ ही आनंदित करते रहे। शुरुआत मायल चंदौलवी के कलाम ‘ अपने आंगन में रौशनी के लिए, घर पड़ोसी का मत जला देना’ से हुई। बनारस से आया शायर राज़ बनारसी ने सुनाया कि ‘जद में शोलों की ये दुनियां है गज़ल कैसे कहूं, जहन रोटी ही में उलझा है गज़ल कैसे कहूं। इलाहाबाद से आई शायरा मिस्बाह इलाहाबादी ने सुनाया कि  मैं अमनों प्यार का पैगाम लेकर आई हूं, इलाहाबाद की शाम लेकर आई हूं। जनपद के प्रसिद्ध युवा कवि सुरेश अकेला ने ‘किसी झूठे पे ना एतबार हो जाए,किसी ज़ालिम से ना तुमको प्यार हो जाए, सुनाकर आज की नवयुवतियों को सलाह देने का प्रयास किया। मिर्जापुर से आए प्रसिद्ध शायर शहंशाह मिर्जापुरी ने ‘हम चिराग ऐसे हैं आंधियों में जलते हैं’ सुनकर युवाओं में जोश भर दिया। चकिया से आए वरिष्ठ गीतकार मनोज व्दीवेदी मधुर ने  ‘ तहजीबों को गुलशन भारत हम गुलशन की शान, हमारा नाम राम रहमान’ सुनाकर कौमी एकता को मजबूती देने का प्रयास किया। अंतराष्ट्रीय शायर सुहैल उस्मानी ने प्रेम को इंगित करते हुए सुनाया कि ‘जब खयालों में आप आते हैं,हम कहां हैं ये भूल जाते हैं। अहरौरा से आए हास्य के धुरंधर कवि नरसिंह साहसी ने व्यंग रचना ‘अपना देश है लूट करके खा जाओ, एक नंबर से कुछ नहीं होने वाला दु नंबर में जाओ डान बनके छा जाओ’ सुनकर सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया। इनके अलावा मिर्जापुर से आई कवयित्री पूनम श्रीवास्तव, अबु शहमा, शरफराज नवाज़, मुस्ताक बनारसी, रौशन अहमद रौशन ने भी अपने कलाम सुनाए।
  कार्यक्रम में मुख्य रूप से चंदेश्वर जायसवाल, अकील अहमद बाबू भाई, शैलेंद्र गुप्ता,आफताब पप्पू, बोदा अंसारी, इस्तियाक अहमद, शमीम मिल्की, सतनाम सिंह उपस्थित रहे। शदारत सेंट अल हनीफ विद्यालय के प्रबंधक हाजी वसीम साहब, संचालन मुख्तार मासूम मुबारकपुरी तथा धन्यवाद ज्ञापन हाजी इलियास ने किया।

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