विकास के दावे का हिसाब मांग ने निकले पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू

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सच की दस्तक न्यूज डेस्क चंदौली

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू गुरुवार को अपने वादे के मुताबिक सुबह छह बजे चहनियां मंदिर में दर्शन कर पदयात्रा का आगाज किया। दर्जनों गांव से होते हुए जर्जर व गड्ढे में तब्दील हो चुकी चहनियां-मुगलसराय मार्ग पर चले। इस दौरान जगह-जगह ग्रामीण ने पदयात्रा में जुड़कर वृहद आकार प्रदान किया। वहीं ग्रामीण पदयात्रा में शामिल लोगों की सेवा व खिदमत करते दिखे। वहीं किसी ने जल-पान कराया तो किसी ने माल्यार्पण कर जनहित के मुद्दे पर आवाज बुलंद करने वालों का स्वागत व हौसला बढ़ाया। धीरे-धीरे यह कारवां मुगलसराय की तरफ बढ़ा और करीब 11 बजे पदयात्रा नगर क्षेत्र में दाखिल हुआ।
इस दौरान पहले से शरहद पर भारी तादात में स्थानीय लोगों के साथ ही समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता पदयात्रा के इंतजार में खड़े नजर आए और पदयात्रा के साथ नगर में नारेबाजी करते हुए पीडब्ल्यूडी आफिस पहुंचे। वहां मनोज सिंह डब्लू ने एक्सईएन पीडब्ल्यूडी से मुगलसराय-चहनियां मार्ग के निर्माण संबंधित फाइलों को तलब किया। इस दरम्यान किसी बात को लेकर मुगलसराय कोतवाल व सपा नेता मनोज सिंह डब्लू में तनातनी भी हुई। एक्सईएन से सड़क न बनने की वजह जाननी चाही। साथ ही भाजपा के नेताओं पर जमकर हमला बोला। कहा कि चहनियां-मुगलसराय बहुत खराब हो चुकी है और यह सड़क चुनावी सड़क बनकर रह गयी है। यह कोई हवाहवाई बातें नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी विभाग के दफ्तर की फाइल इसे पुष्ट कर रही है। क्योंकि जिस सड़क का स्टीमेट 2018 में 28 करोड़ का बना और उसे अपनी उपलब्धि बताते और गिनाए हुए भाजपा के नेताओं ने 2019 का चुनाव लड़ा और जीते भी। इसके बाद यही सड़क फिर से चुनावी मुद्दा बनी 2021 में स्टीमेट को बढ़ाकर 35 करोड़ कर दिया गया और इसके निर्माण के नाम पर एक बार फिर भाजपा नेताओं ने 2022 का चुनाव लड़े। इसके बाद अब 2023 में एक फिर से सड़क का स्टीमेट नए सिरे से तैयार करते हुए बजट को 78 करोड़ कर दिया है, क्योंकि एक बार फिर इसी सड़क के मुद्दे पर भाजपा 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी में है। हालांकि सड़क नहीं बनने के सवाल का पीडब्ल्यूडी के पास कोई जवाब नहीं है। लेकिन अब यह सड़क नहीं बनी तो पीडब्ल्यूडी को अबकी बार बड़ा आंदोलन होगा और महकमे के साथ ही भाजपा को भी जनता के सवालों का जवाब देना होगा।

28 करोड़ की सड़क के निर्माण पर खर्च होंगे 78 करोड़
चंदौली। पीडब्ल्यूडी विभाग के मुताबिक 15 किलोमीटर लम्बी मुगलसराय-चहनियां का पहला स्टीमेड 2018 में विभाग ने तैयार किया था। उस वक्त उक्त सड़क बनती तो सरकारी खजाने पर 28 करोड़ का बोझ पड़ता, लेकिन चुनावी साल होने के कारण सड़क नहीं बनी और मामला ठंडे बस्ते में चला। एक बार फिर उक्त सड़क के निर्माण का याद 2021 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया। पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक बार फिर सड़क निर्माण का स्टीमेट तैयार किया, जो 35 करोड़ था। फिर भी उक्त सड़क नहीं बन सकी। ऐसे में 2023 में एक बार फिर विभाग की ओर से नया स्टीमेट तैयार किया गया है जो 78 करोड़ का है फिलहाल सड़क अभी भी जर्जर व क्षतिग्रस्त हाल में है उसका निर्माण होना है। यदि मुगलसराय-चहनियां सड़क का निर्माण 2018 में होता तो उस पर 28 करोड़ ही खर्च होते, लेकिन अब उस पर 50 करोड़ रुपये अधिक यानी 78 करोड़ होने है। फिलहाल सड़क कब बनेगी यह तो पीडब्ल्यूडी विभाग भी नहीं बता पा रहा है।सकलडीहा व मुगलसराय में नहीं दिखे दिग्गज
चंदौली। समाजवादी पार्टी के दिग्गज व फायर ब्रांड नेता मनोज सिंह डब्लू जनहित के मुद्दे पर अपनी सक्रियता व मुखरता के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हाल-फिलहाल वह भाजपा के नौ साल चंदौली बदहाल अभियान को लेकर चर्चा में रहे। अभियान खत्म होते ही एक बार फिर से नए सिरे से जनहित के मुद्दों को उठाने में लगे पड़े है। चहनियां से उन्होंने पदयात्रा का आगाज किया। इस दौरान लोग तो जमा हुए, लेकिन सकलडीहा इलाके के समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता उनके साथ चलता नजर नहीं आया। पैदल चलकर वह लोगों का स्नेह व आशीष प्राप्त करते हुए वह मुगलसराय पहुंचे। वहां भी कोई भी दिग्गज नेता जनहित के मुद्दे पर निकली पदयात्रा में नहीं दिखा। जबकि सर्वविदित है कि सकलडीहा में विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव व मुगलसराय में पूर्व सांसद रामकिशुन यादव वरिष्ठ समाजवादी नेता हैं, लेकिन न तो ये खुद नजर आए और ना ही उनके परिवार या उनके समर्थक ही पदयात्रा में दिखे। जिसे लेकर आमजन के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं रहीं।

Sach ki Dastak

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