इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आने से प्रिंट का प्रभाव हुआ कम लेकिन खत्म नही

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन जिला इकाई की बैठक शनिवार को करुणापति त्रिपाठी के अध्यक्षता में नगर पालिका सभासद सभागार में सम्पन्न हुई जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया की दशा और दिशा पर परिचर्चा की गई। करुणापति त्रिपाठी पूर्वी संयोजक ने कहा कि आज के परिवेश में पत्रकारो को बहुत ही चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों जितना मेहनत करते उतना उनका पारिश्रमिक भुगतान नही होता लेकिन मान सम्मान और चौथे स्तंभ की संकल्पना साकार होती है।डॉ अनिल यादव पूर्व प्राचार्य वरिष्ठ पत्रकार मंडल अध्यक्ष ने गोष्टी में प्रिंट और डिजिटल मीडिया के बारे में कहा कि कही न कही कोई चीज़े आगे बढ़ती तो अपने पीछे बहुत सी यादों को पीछे छोड़ जाती है। नए नए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के युग मे निरंतर आगे बढ़ा है प्रिंट और डिजिटल प्रिंट मीडिया के पत्रकारो को भी डिजिटल मीडिया के आने से सहयोग मिला है। पहले खबर को लिखने और भेजने में कठिनाई होती थी लेकिन सोशल और डिजिटल मीडिया के आने से प्रिंट के साथी को सहयोग होता है। वही प्रिंट की अगर बाते करे तो संकलन का काम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नही होता पढ़ने और लिखने वालों के लिए प्रिंट ही सबसे बेहतर प्लेटफार्म है। किताबे और अखबार सबसे अच्छी मित्र होती है.अखबार आज शुद्ध रूप से मैगज़ीन के अवयव मिलते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बिजली की चमक जैसी है लेकिन प्रिंट मीडिया स्थायित्व है।प्रिंट मीडिया का बाजार एक मैगजीन का बाजार है।
जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ने प्रिंट मीडिया पर बल देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आने से प्रिंट का प्रभाव कुछ कम जरूर हुआ लेकिन खत्म बिल्कुल भी नही हुआ है और हमारा यूनियन का उद्धेय है कि सभी लोग एकजुट होकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य करें। एखलाख अहमद सचिव ने कहा कि संगठन में शक्ति होती है और पत्रकार साथियों को किसी भी परिस्थियों में डटकर सामना करना चाहिए। वही निज़ाम बाबू महामंत्री ने गोष्टि में आने वाले सभी पत्रकारों का स्वागत किया। इस मौके पर गौतम पाण्डेय, अशोक यादव,अवधेश यादव, कृष्णकांत गुप्ता, कृष्णमोहन गुप्ता, विजय कुमार,रमेश यादव,सूर्यप्रकाश सिंह,प्रवीण श्रीवास्तव, अमीय पाण्डेय,घूरेलाल कनौजिया, अलीम, डॉ मानवेन्द्र जायसवाल उपस्थित रहे।