रेलवे की लापरवाही ,120 दक्षिण भारत की यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने से रोका गया

सच की दस्तक न्यूज डेस्क चन्दौली
जहां एक तरफ केंद्र सरकार वाराणसी में तमिल समागम का कार्यक्रम कराकर सभी को एक सूत्र में बांधने का प्रयास कर रही है वही दूसरी तरफ रेलवे की लापरवाही से दक्षिण भारत के दर्शनार्थियों को रिजर्वेशन रहते हुए भी ट्रेन में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार दक्षिण भारत से आए दर्शनार्थी काशी के दर्शन के उपरांत जब शनिवार की रात्रि में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर संघमित्रा ट्रेन में अपनी सीट पर बैठने के लिए प्रवेश करने की कोशिश कर रहे तो जबरन ट्रेन में बैठे यात्रियों ने उन्हें ठेल कर बाहर कर दिया ।
जिसकी वजह से लगभग 120 यात्री रिजर्वेशन की सीट रहने के बावजूद भी ट्रेन में चढ नहीं पाए। इस घटना के बाद भी कोई रेलवे का कोई आलाधिकारी दक्षिण भारत के इन यात्रियों से दुख दर्द जानने तक नहीं आया । इन यात्रियों ने अपनी गुहार आर पी एफ के लोगो से लगाई इन सब के बावजूद कोई भी इनके पास नही आया।भूख प्यासे इन यात्रियों ने किसी तरह रात काटी।रविवार की सुबह जब ये खबर जंगल में आग की तरफ फैलाने लगी। रेलवे विभाग की थू थू होता देख रेलवे का कमर्शियल विभाग हरकत में आया।
भूखे प्यासे लोगो को इस विभाग के राजीव रंजन सिंह की उपस्थिति में दोपहर में भोजन कराया गया और लोकमान्य तिलक ट्रेन द्वारा उसी टिकट पर उन यात्रियों को इटारसी तक भेजा गया।
जानकारी हो की इस प्रकार की दूसरी घटना है । सितंबर माह में भी संघमित्रा ट्रेन में चढ़ते समय जबरन 75 यात्रियों को ठेल कर उतार दिया गया था।उस समय भी काफी हंगामे के बाद दक्षिण भारत के यात्रियों को दूसरे दिन अन्य गाड़ी में बैठाकर रवाना किया गया था
घटना की मुख्य वजह
संघमित्रा एक्सप्रेस दानापुर से खुलती है और इसमें भीड़ काफी होती है
सामान्य दर्जे के बोगियों में तो काफी भीड़ दिखती है । रेलवे के आला अधिकारी इसे जानते हैं और इसी वक्त रेलवे की आय बढ़ाने हेतु टीटी द्वारा चेकिंग करने का आदेश अक्सर दे देते हैं ऐसे में
ज्यादेतर यात्री सामान्य टिकट पर स्लीपर क्लास का फाइन देकर स्लीपर क्लास के बोगी में चढ जाते है ।इस बोगी की सभी बर्थ पहले से आरक्षित होती।लेकिन इन लोगो के आ जाने से स्लीपर क्लास में भी भीड़ बढ़ जाती है जब ये गाड़ी मुगलसराय पहुंचती है तो भीड़ की वजह से ट्रेन में बैठे यात्री गेट नहीं खोलते । जिस यात्री का रिजर्वेशन होता है वो चढ़ने की कोशिश करता है उसे ठेल कर बाहर कर देते हैं। जब यह घटना हो रही होती तो रेलवे सुरक्षा बल भी हाथ खड़े कर देता है और मूकदर्शक बन जाता है ।रेलवे का कोई अधिकारी इस समय मौजूद नहीं होता है।
रेलवे अधिकारी ने बताया
दैन सच की दस्तक ने रेलवे के अधिकारी डीसीएम से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि इनमें हमारी कोई गलती नहीं है । दक्षिण भारत के यात्री जिनकी टिकट अलग-अलग बोगियों में होती है वो केवल एक ही बोगी में घुसने का प्रयास कर रहे थे इसलिए ऐसी घटना घटी लेकिन उसके बावजूद भी हमारे विभागीय कर्मचारियों ने न केवल उनको खाने की व्यवस्था कराई बल्कि इटारसी जक्सन तक जाने की व्यवस्था भी उन यात्रियों को कराएं ऐसे हम प्रयास करेंगे कि इस प्रकार की घटना न घटे।