तीनों आपराधिक कानून में बदलाव को लेकर पुलिस लाइन में कार्यशाला आयोजित

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सच की दस्तक डिजिटल न्यूज डेस्क वाराणसी चन्दौली 
तीन नए आपराधिक कानून आने वाले एक जुलाई  से लागू हो जाएंगे। सरकार द्वारा पिछले 24 फरवरी  तीनो नये आपराधिक कानून से जुड़ी अधिसूचना जारी करने के बाद अभियोजन निदेशालय की ओर से बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान आयोजक लालचन्द्र प्रसाद गुप्ता ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने व इनमे हुए बदलाव के बारे में चर्चा कि गयी। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली आईपीसी की धारा-302, अब धारा 101 कहलाएगी।
ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा-420 अब धारा-316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा-307, अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा-376 अब धारा-63 होगी। कहा कि  दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है। कार्यशाला में अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों का उल्लेख है। नए कानून के व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत है। भविष्य में होने वाले बदलाव की जानकारी पर चर्चा और परिचर्चा कर लोगों के बीच इसकी उपयोगिता को बताना होगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्रम के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।  जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने कहा कि यह बदलाव भारतीय समाज की आवश्यकता और भावनाओं के अनुरूप है। कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है। आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। वैज्ञानिक और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के महत्व को नए कानून में स्पष्ट किया गया है।

Sach ki Dastak

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