बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत बच्चों को पिलाई जा रही विटामिन ए की खुराक

सच की दस्तक न्यूज़ डेस्क चंदौली
बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत बच्चों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए विटामिन ‘ए’ संपूर्ण कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्रों में विटामिन-ए की खुराक पिलाई जा रही है। इस दौरान बच्चों को विटामिन ए के साथ-साथ जीवन रक्षक टीके भी लगाए जा रहे हैं। इसी क्रम में धानापुर ब्लॉक के अंतर्गत अभी तक नौ माह से पाँच वर्ष तक के लगभग 8,900 बच्चों को विटामिन ‘ए’ की ख़ुराक पिलायी जा चुकी है। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनएचएम) डॉ आरबी शरण ने बताया कि कोविड-19 की वजह से लोगों के मन में जो डर था, अब वह धीरे-धीरे दूर हो रहा है। बच्चों के टीकाकरण के लिए माता-पिता का उत्साह बहुत ही प्रशंसनीय है। यह अपने आप में एक सकारात्मक माहौल को दर्शाता है। जनपद में नौ ब्लाक हैं। प्रत्येक ब्लॉको के परिवारों का सहयोग अपने बच्चों के प्रति देखने को मिला रहा है। उन्होने बताया कि कुपोषण से बचाने के लिए बाल स्वास्थ्य पोषण माह की शुरुआत 13 अगस्त को की गयी थी। यह अभियान 12 सितंबर तक चलाया जाएगा जिसमें नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को प्रति सप्ताह दो चरणों में विटामिन-ए की खुराक पिलायी जा रही है।
धानापुर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ जेपी गुप्ता ने बताया कि नौ माह से 12 माह तक के बच्चों को विटामिन ए अंतराष्ट्रीय इकाई के मानकानुसार खसरे का पहला टीके के साथ एक चम्मच (एक एमएल) दिया गया। वहीं एक वर्ष से पाँच वर्ष के बच्चों को खसरा का दूसरा टीके के साथ दो चम्मच (दो एमल) दिया गया।
डॉ जेपी गुप्ता ने कहा की बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलाने के साथ ही उनमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए आवश्यक टीके भी लगाए जा रहे है। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पुन: वजन किया जा रहा है। आयोडीन युक्त नमक के प्रयोग की उपयोगिता व प्रयोग को बढ़वा दिया जाने की भी जानकारी दी जा रही है। सप्ताह में दो बार बुधवार और शनिवार को विटामिन-ए की खुराक पिलाने का कार्य सुचारु किया जा रहा है। केंद्र पर खुराक पिलाने के साथ ही बच्चों को जीवन रक्षक टीके भी लगाए लगाए जा रहे है। इस दौरान कोविड-19 बचाव एवं नियमों को ध्यान में रखते हुये स्वास्थ्य केन्द्रों और वीएचएसएनडी सत्रों पर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन, मास्क का प्रयोग और साथ ही सैनिटाइजर के उपयोग की जानकारी भी दी जा रही है।