स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल की महान विरासत का प्रतीक –

0

गुजरात, 21 जनवरी 2019, सच की दस्तक न्यूज़।

उपराष्ट्रपति एम• वेंकैया नायडू ने कहा है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार पटेल के लिए एक स्मरणीय स्मारक है, जिनकी दृष्टि, साहस और दृढ़ संकल्प ने 565 रियासतों का एकीकरण किया और आधुनिक भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।

रविवार को गुजरात के केवडिया में 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का दौरा करने के बाद, उपराष्ट्रपति ने कहा कि “मेरा ह्दय भावनाओं और गर्व से भरा है। अब हमारे पास एक महान संरचना है जो सरदार पटेल की महान विरासत का प्रतीक है”।

श्री नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण की पहल के लिए सराहना की और कहा कि उन्होंने हमेशा महसूस किया था कि पूर्व में सरदार पटेल को उचित मान्यता नहीं दी गई थी।

उपराष्ट्रपति ने यह कहा-

कि इस यात्रा से उन्हें ‘पूर्णता की भावना’ और ‘मन एवं आत्मा की एकता’ का अनुभव हुआ।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह भव्य प्रतिमा अखंड भारत के राजनीतिक एकीकरण को प्राप्त करने की दिशा में सरदार वल्लभभाई पटेल की दृष्टि और संकल्प का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक प्रतिमा भारत के एकीकरण में सरदार पटेल के संघर्षों की याद दिलाती है।

उन्होंने कहा कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ सरदार पटेल के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के बारे में लोगों में अधिक जागरूकता जागाएगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के महत्व को देखते हुए इसके निर्माण के लिए व्यय की गई राशि “अनमोल निवेश” रहा है।

श्री नायडू ने कहा कि सभी भारतीयों, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरणा और इतिहास को जानने के लिए प्रतिमा का दर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह देश की एकता को बनाए रखने के लिए भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखे।एक किसान परिवार में जन्मे पटेल के जीवन पर चर्चा करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि पटेल ने अपने विशिष्ट गुणों जैसे दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और मजबूत इच्छा शक्ति के साथ अंग्रेजों के खिलाफ कई किसान आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिसकी शुरुआत खेड़ा सत्याग्रह के दौरान किसान आंदोलन से हुई। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि एक किसान एकीकृत आधुनिक भारत का निर्माता था।

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि थी कि हमारे देश ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में लंबे और कठिन स्वतंत्रता संग्राम के बाद औपनिवेशिक शासकों से आजादी हासिल की।

उन्होंने कहा कि यह वास्तव में गुजरात के लिए गर्व की बात है कि भारत की स्वतंत्रता और भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले दोनों वास्तुकार इसी राज्य से हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोग एक दृढ़ संकल्प के साथ भारत को मजबूत बनाने के लिए सदैव सरदार पटेल के आभारी रहेंगे।

उन्होंने कहा कि साहस और दृढ़ संकल्प के इस अनमोल कार्य के लिए सरदार पटेल को सही मायने में भारत का लौह पुरुष कहा जाता है।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x