टीईटी -2018 भी पुनः निर्णायक न्याय के लिए कोर्ट की चौखट पर-

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जैसा कि श्वेता पाठक व 31 अन्य के द्वारा पुनः टीईटी -2018 के नौ विवादास्पद प्रश्नों को लेकर योजित की गई याचिका संख्या – 5666/2019 की पहली निर्णायक बहस इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच की जज श्रीमती सुनीता अग्रवाल जी की कोर्ट में हो चुकी हैं, जिस पर जज साहिबा जी ने पीएनपी एवं राज्य सरकार से उक्त सभी विवादास्पद प्रश्नों पर प्रमाण के साथ जवाब लगाने के लिए आदेश जारी कर दिया है,
जोकि अब अगली सुनवाई 06 मई को होनी हैं, स्मरण हो कि टीईटी -2018 के विवादित प्रश्नों की सुनवाई एक बार इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिंगल बेंच से लेकर डबल बेंच तक मैराथन दौड़ हो चुकी हैं, जिसमें सिंगल बेंच के दो अंक देने को लेकर डबल बेंच अपना मोहर लगा चुकी हैं,
इस बार यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिये गये आदेश में कहा गया है कि यदि किसी विवादास्पद प्रश्नों को लेकर कई पुस्तकों में कामन उत्तर हैै तो वही उत्तर मान्य होगा और कोई संस्था अपने उत्तर को ही सही नहीं कह सकती है, इसी के क्रम में उक्त कोर्ट ने पुनः विवादास्पद प्रश्नों को लेकर पुनः जबाव मांगा है,
अब देखना दिलचस्प नजारा होगा कि अगली सुनवाई पर पीएनपी कौन सा अपना पैतरा भांजने में सफल हो जाती है क्योंकि अभी तक कोर्ट में पीएनपी ने अपना ही लाजिक समझाने में सफल हो चुकी हैं। 
टीईटी संघर्षरत स्टूडेंट्स जिन्होंने लाखों टीईटी – 2018 पीड़ित अभ्यर्थियों की आवाज़ बने हैं जिन्होंने सच की दस्तक से बातचीत में कहा कि हम सबको न्याय चाहिए 
अगर हाईकोर्ट  सुप्रीम कोर्ट कहीं न्याय न मिलेगा तो हम सब कहां जायेगें। पीनपी की तानाशाही बर्दाश्त नहीं करेगें जो कहती है कि हमारी स्टैंडर्ड बुक में यह जवाब नहीं वो नहीं तो जब हमारी हिन्दी बुक्स गलत है तो प्रकाशन को ही बेन कर दो ना आप.. स्टूडेंट्स की क्या गल्ती ।गलत सवाल आपने पूछे, स्टूडेंट्स ने नहीं। 

Sach ki Dastak

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