रेलवे में कूड़े का अम्बार स्वच्छता मिशन को चिढ़ा रही हैं मुह

0

सच की दस्तक चन्दौली डेस्क 

जहां एक तरफ केन्द्र सरकार लगातार स्वच्छता अभियान के तहत करोड़ रुपए खर्च कर रही है। तो दूसरी तरफ मुगलसराय मण्डल में रेलवे कॉलोनी की स्थिति स्वच्छता की दृष्टि से इस अभियान को मुह चिढ़ा रही है। मुगलसराय में कॉलोनियों में गंदगियों ने अपना डेरा डाल रखा है और रोगों को अपने आगोश में लेने के लिए दावत दी रही है। मुगलसराय में लगभग 13की संख्या में रेलवें कर्मचारियों के रहने के लिए कॉलोनियां है। जिनमे यूरोपियन कॉलोनी, मानस नगर, लोको कॉलनी, गया कालोनी, सेंट्रल कॉलोनी, हापर कॉलोनी, डीजल कॉलोनी, प्लाण्ट डिपो कॉलोनी, शास्त्री कॉलोनी, इंडियन इंस्टीट्यट कालोनी, आरपीएफ कालोनी, रोजा कालोनी, पुलिस कालोनी इन सभी कालोनी में स्वच्छता मिशन औन्धे मुह गिरा हुआ है।
जहां रेलवे मंत्रालय स्वच्छता के लिए करोड़ रुपए खर्च कर रही है। वहीं रेलवे के आलाधिकारियों की लापरवाही से व संबंधित विभाग में सफाई कर्मियों की कमी से प्रधानमंत्री का स्वच्छता मिशन बदनुमा दाग लगता जा रहा है।
ऐसे तो मंडल रेल प्रबंधक पूरे मंडल में मुगलसराय को उच्च स्थान देने के लिए हमेशा सबके सामने तैयार रहते हैं लेकिन यदि कॉलोनिओं की स्थितियां देखा जाए तो इनके दावों की हकीकत दिखाई दे जाएगी। मौजूदा समय मे चारों तरफ नालियों का पानी दिखाई पड़ेगा। नालियां भी बजबजती दिखाई पड़ रही हैं। चारों तरफ कूड़े का अम्बार है। स्वच्छता मिशन कार्यक्रम के तहत जब कभी अधिकारियों को भी जब साफ सफाई करनी पड़ती है तो वह उन स्थानों को चुनते हैं जहां पहले से ही साफ सफाई रहती है। स्थिति देखकर ये कहावत फिट बैठता है की मुगलसराय मण्डल के अधिकारियों ने हाथियों के दांत खाने को और दिखाने को और की तर्ज पर काम करते हैं। सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि मंडल रेल प्रबंधक का जहां आवास है उस कॉलोनी का नाम ऐसे तो यूरोपियन कॉलोनी है इनके आवास के चारों तरफ काफी साफ-सफाई दिखेगी। परन्तु उनके पीछे वाली लाइन में जिसमें रेलवे कर्मचारियों का आवास है गंदगीओं से पटी दिखाई पड़ेगा।
एक कहावत है दीपक तले अंधेरा यहां पर चरितार्थ होती नजर आ रही है क्योंकि पूरे मण्डल का सबसे बड़ा अधिकारी मण्डल रेल प्रबंधक पंकज सक्सेना का इसी कॉलोनी में आवास है।
इसके अलावा अन्य कालोनी की स्थितियों की बात की जाए तो उससे भी ज्यादा खराब है। नालियां बजबजाती हुई दिखाई पड़ती है। रेलवे कर्मचारी की आवासां के चारों तरफ जलजमाव की स्थिति है। जो निश्चित तौर पर रोगों को दावत देती हुई पड़ रही है। इस संबंध में मानस नगर निवासी आरके कश्यप के अनुसार कई बार कम्प्लेन करने के बाद भी साफ सफाई के लिए कोई सुनने वाला नहीं है। सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि रेलवे के अन्तर्गत बाकायदा साफ-सफाई के लिए अलग डिपार्टमेंट है। इनके अधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हमारे पास सफाई के लिए कर्मचारियों का अभाव है जो कर्मचारी रिटायर हो गए हैं। उनकी जगह पर नियुक्तियां नहीं हुई है। ऐसे में सफाई कर्मचारियों की कमी से कॉलोनी की स्थिति खराब खराब हो गई है। लेकिन जल्द ही इसके लिए बकायदा टेण्डर करके मजदूरों को रखने का कार्य रेलवे ने प्रारम्भ कर दिया है। उसका परिणाम सबके सामने आएगा। ऐसी जो भी हो यह निश्चित तौर पर कहा जाए कि रेलवे मंत्रालय जिसकी जिम्मेदारी पियूष गोयल की है जो भारत के वर्तमान में वित्त मंत्रालय की कमान भी संभाले हुए हैं।

Sach ki Dastak

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x