UP बार काउंसिल के अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या –
ताजनगरी में बुधवार को दिन दहाड़े बड़ी वारदात हुई जिससे हर कोई स्तब्ध रह गया। दीवानी परिसर में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरवेश को तीन गोली मारी गईं। साथी अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से दरवेश पर गोलियां बरसाने के बाद खुद को भी गोली मार ली। उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। गोलीकांड की घटना के बाद दीवानी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स यहां तैनात कर दिया गया है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या की निंदा की है। साथ ही काउंसिल ने अपने सदस्यों के लिए सुरक्षा और यूपी सरकार से उनके परिवार को न्यूनतम 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव-
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव के पैतृक गांव चांदपुर श्रद्धांजलि देने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल और प्रदेश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हमें बदनाम करने के लिए गवर्नर साहब ने न जाने क्या-क्या कहा, लेकिन अब प्रदेश कैसे हाथों में है? अब इस पर कुछ बोलें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं जिस पर अंकुश लगाने में सरकार फेल है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा में बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या ने साबित कर दिया है कि प्रदेश में कोई भी किसी को कहीं भी मार सकता है।
पहली बार चुनी गई महिला अध्यक्ष और अधिवक्ता को चेंबर में गोली मार दी गई। बार अध्यक्ष और अधिवक्ता की चेंबर में हत्या निंदनीय है। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब भी मुख्यमंत्री बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं, उसी दिन प्रदेश में बड़ी घटना होती है। बुधवार को मुख्यमंत्री बैठक कर रहे थे और अपराधी अपराध कर रहे थे। प्रदेश में अपराधियों को खुली आजादी मिली हुई है। कहा जाता था कि हमारी सरकार में अपराध होते हैं, लेकिन अब क्या हो रहा है। अलीगढ़, प्रतापगढ़, हमीरपुर, आगरा की घटनाएं इसका प्रमाण हैं। सरकार मदद में भी भेदभाव कर रही है। अलीगढ़ में दो लाख दिए और हमीरपुर में 10 लाख दिए, लेकिन बार काउंसिल अध्यक्ष को कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि हत्या का खुलासा हो। इसकी हाईकोर्ट के वर्तमान जज से जांच कराई जाए। पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिले।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिस पर निशाना साधा कि पुलिस के संरक्षण के बिना कोई घटना नहीं हो सकती। पुलिस की भूमिका की भी जांच हो। जो सरकार बार काउंसिल अध्यक्ष की सुरक्षा नहीं कर सकती, वह लोगों को सुरक्षा का भरोसा कैसे दिलाएगी। चुनाव के बाद सपा नेताओं की हत्या हो रही है। राज्यपाल से मिलकर सब घटनाओं की जानकारी देंगे। उन्होंने शामली में पत्रकार की घटना को लेकर भी सरकार को घेरा। सरकार जिम्मेदारी से बच रही है। सुरक्षा के नाम पर चुनावी भाषण थे। सरकार बन गई, अब उनको कोई मतलब नहीं है। जनता सड़क पर आई, तो सरकार चली जाएगी।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार इन दिनों पश्चिम बंगाल पर नजर लगाए है। वह सत्ता के भूखे हैं और सत्ता पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का मुद्दा उठाया जा रहा है, लेकिन प्रदेश पर नजर डालें कि यहां क्या हो रहा है। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कहते हैं कि हम सेटेलाइट उड़ाएंगे, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में विमान ढूंढने में तीन दिन लग गए।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने दरवेश यादव की भतीजी कंचन और भाई पंजाब सिंह के साथ आगरा के अधिवक्ताओं से बात कर घटना की जानकारी ली। परिजनों को मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि यह सरकार मदद नहीं करेगी तो हम सरकार बनने पर 50 लाख का मुआवजा देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने दरवेश यादव के चित्र पर पुष्प भी अर्पित किए।
बता दें कि प्रयागराज में आगरा की दरवेश यादव और वाराणसी के हरिशंकर सिंह रविवार को यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष संयुक्त रूप से चुने गए थे। अध्यक्ष पद पर हरिशंकर सिंह व दरवेश यादव को 12-12 बराबर वोट मिले। बराबर मत के आधार पर दोनों को छह-छह माह के लिए चयनित किया गया। परंपरा व सहमति के आधार पर दरवेश यादव पहले छह माह और हरिशंकर सिंह को शेष छह माह अध्यक्ष रहना था।