उत्तराखंड में कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग पर काम जोरों पर-
उत्तराखंड – सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) उत्तराखंड में तावाघाट – घाटीयाबागड़ – लिपुलेख धुरी बनाने के काम में लगा है। यह कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। तावाघाट से लखनपुर तक 23 किलोमीटर तक की सड़क को जोड़ दिया गया है।
इसी तरह बुधी गांव से आगे लिपुलेख दर्रा तक 51 किलोमीटर लंबी सड़क जोड़ दी गई है। बीआरओ अभी हीरक परियोजना के अंतर्गत लखनपुर से बुधी के बीच 16.5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का काम कर रहा है। यह सड़क कठिन और दुर्गम क्षेत्र से गुजरती है।
हीरक परियेाजना के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने इस बात की पुष्टि की है कि बीआरओ ने 15 जनवरी, 2019 को लखनपुर को नाजंग से जोड़ दिया है।
यह 2.5 किलोमीटर लंबा मार्ग है और बीआरओ सभी बाधाओं के बावजूद नाजंग को मुख्य भूमि से जोड़ने में सफल रहा है। यह जिला प्रशासन, राज्य सरकार तथा स्थानीय सेना के बिना शर्त समर्थन के कारण संभव हुआ है।
अब नाजंग से आगे निर्माण कार्य अबाधित रूप से जारी रहेगा और स्थानीय लोगों के गुंजी और उससे आगे आवाजाही में कोई कठिनाई नहीं होगी क्योंकि नाजंग में खच्चर मार्ग बाईं तरफ कट जाता है और सड़क मार्ग दाई ओर से कटकर मालपा, लमारी, चनकन गांव होते हुए बुधी गांव तक चला जाता है।
लखनपुर से नाजंग का संपर्क बहुत चुनौतीपूर्ण और कठिन रहा है। भारी मशीनों को नदी की सतह के जरिए महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए प्रस्तावित सड़क की सतह तक ले जाया गया।
सीमा सड़क संगठन के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि बीआरओ तय समय सीमा के अनुसार नाजंग से बुधी तक पूरे मार्ग को जोड़ने में सफल होगा।
जनरल ऑफिसर ने कहा कि प्रतिष्ठित परियोजना के निर्माण में शामिल अधिकारी और कर्मचारी बहुत उत्साहित है और समयबद्ध तरीके से यह परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे।