Bihar Cabinet की अहम बैठक में 25 प्रस्तावों पर मुहर

(Lockdown) के बीच मंगलवार को बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) की अहम बैठक हुई। शाम सात बजे हुई बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने की। इसमें 25 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कॉम्फेड की 10 परियोजनाओं के लिए 2.34 अरब मंजूर किए गए। बैठक में जन्म-मृत्यु निबंधन में विलंब शुल्क माफ करने तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत वास स्थल क्रय के लिए 60 हजार रुपये की सहायता देने के भी फैसले लिए गए।
मुख्यमंत्री सचिवालय के ‘संवाद’ में करीब तीन महीने बाद कैबिनेट की बैठक हुई। लॉकडाउन के दौरान पिछले तीन महीनों के दौरान ये बैठक वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से ही हुई थी। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ उनके सहयोगी मंत्री और सभी विभागों के प्रधान सचिव शामिल हुए।
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय सहायता योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत चयनित परिवारों को वास स्थल क्रय के लिए 60 हजार रुपये की सहायता राशि देने का फैसला किया है। जल-जीवन-हरियाली के तहत अतिक्रमण हटाने से विस्थापित हुए परिवारों को यह राशि प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी।
बैठक में 25 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। राज्य सरकार ने कॉम्फेड द्वारा राज्य में स्थापित किए जाने वाले आठ दुग्ध संघ और दो डेयरी इकाइयों को पूरा करने के लिए राज्य स्कीम से 234.75 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है। प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल ने भी अपनी स्वीकृति दी है।
मंत्रिमंडल सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन एवं उत्पन्न अन्य परिस्थितियों की वजह से कॉम्फेड की बिक्री में 25 से 30 फीसद की कमी आई है। जबकि, किसानों से दूध की लगातार खरीद की जा रही है।
इस वजह से प्रतिदिन लगभग सात से आठ लाख लीटर सरप्लस दूध का पाउडर बनाया जा रहा है। अब तक करीब दो सौ करोड़ रुपये का स्टॉक जमा हो चुका है। कार्यशील पंजी के अभाव में कुछ किसान संघों में किसानों के भुगतान में विलंब हो रहा है। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने से पहली किस्त की राशि कॉम्फेड की शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
कोरोना काल में अन्य राज्यों से बिहार लौटे श्रमिकों के हक में सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने पांच एकड़ तक की जल संचय योजनाओं का जीर्णोद्धार मनरेगा से कराने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। अब तक एक एकड़ की योजनाओं का जीर्णोद्धार ही मनरेगा से होता था। इस कार्य को कराने के लिए सभी जिलों में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
कोरोना काल में अन्य राज्यों से बिहार लौटे श्रमिकों के हक में सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मंत्रिमंडल ने पांच एकड़ तक की जल संचय योजनाओं का जीर्णोद्धार मनरेगा से कराने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। अब तक एक एकड़ की योजनाओं का जीर्णोद्धार ही मनरेगा से होता था। इस कार्य को कराने के लिए सभी जिलों में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाली 5018 करोड़ रुपये की राशि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के बीच वितरित करने की मंजूरी दी है। राशि ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद के बीच क्रमश: 70, 20 और 10 फीसद के अनुपात में बांटी जाएगी।
मंत्रिमंडल ने अहम फैसला करते हुए जन्म और मृत्यु के निबंधन में देरी पर लगने वाले शुल्क को माफ कर दिया है।
मंत्रिमंडल ने लगातार पांच वर्षों से ज्यादा समय से सेवा से गायब रहने वाले 11 डॉक्टरों को बर्खास्त किया है। इनमें रोहतास से डॉ. ओपी लाल, ड़ुमराव बांका से डॉ. कमरान हबीब, त्रिवेणीगंज सुपौल से डॉ. नित्यानंद पाठक, सारण से याकूब सांगा, सिवान से डॉ. इंद्रमोहन कुमार, गोपालगंज से डॉ. सुनीता कुमारी, कटिहार से डॉ. रेणु कुमारी, छपरा से डॉ. सविता कुमारी शर्मा, सहरसा से डॉ. अबु सुफयान और कटिहार से डॉ. मो. तनवीर आलम हैं। इनके अलावा समस्तीपुर में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण में पदस्थापित इंजीनियर विजेंद्र कुमार जिन्हें सेवा से बर्खास्त किया गया था, कोर्ट के आदेश पर बर्खास्ती का आदेश तो वापस लिया गया परन्तु उनकी दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पास किया है। तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संकल्प में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर
– जहानाबाद में कैदी वाहन से कुचल कर मरने वाले संतोष कुमार के स्वजनों के चार लाख का अनुदान
– व्यवहार न्यायालयों में डाटा इंट्री ऑपरेटरों के पद पर कार्यरत कार्मिकों के भुगतान के लिए 14.3 करोड़ स्वीकृत
– भवन निर्माण विभाग के 49 सहायक अभियंताओं की सेवा को एक वर्ष का अवधि विस्तार