309 करोड़ रुपए के मूल्य की अतिरिक्त तरल कार्गो जेटी परियोजना

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केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने शुक्रवार 09 अगस्त को मुम्बई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट में एक अतिरिक्त तरल कार्गो जेटी के लिए आधारशिला रखी। देश में पीओएल, एलपीजी, खाद्य तेल, शीरा एवं रसायनिक पदार्थ आदि जैसे तरल कार्गो के संचालन की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए यह परियोजना आरंभ की जा रही है। यह लिक्विड कार्गो ढ़ोने वाले जहाजों को लंगर डालने की सुविधा प्रदान करेगी।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री मांडविया ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंदरगाह केन्द्रित विकास पर ध्यान केन्द्रित किया है। इसे दृष्टि में रखते हुए भारत के बंदरगाहों का वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों के अनुरूप विकास और आधुनिकीकरण किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “प्रत्येक घर में गैस स्टोव पहुंचाने की प्रधानमंत्री की योजना के अनुरूप देश में एलपीजी जैसी तरल वस्तुओं की घरेलू और औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी हुई है। जेएनपीटी की वर्तमान तरल कार्गो क्षमता लगभग 6.5 मिलियन टन वार्षिक (एमटीपीए) है। नया टर्मिनल, जिसका आज शिलान्यास किया गया, इस क्षमता में 4.5 एमटीपीए की बढ़ोतरी कर देगा। यह राष्ट्रीय आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद करेगा और बंदरगाह के लिए भी अच्छा साबित होगा।”

इससे पहले, उन्होंने टर्मिनल के सभी ऑपरेटरों के सीईओ, बंदरगाह के उपयोगकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं एवं जेएनपीटी अधिकारियों के साथ बैठक की। जहाजरानी मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद भारत के सर्वश्रेष्ठ कंटेनर बंदरगाह, जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास (जेएनपीटी) की श्री मांडविया की यह पहली यात्रा थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य समग्र बंदरगाह संचालनों, हाल के घटनाक्रमों और वैश्विक रूप से जेएनपीटी के सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह बनने की सामरिक रूपरेखा पर व्यापक दृष्टिकोण हासिल करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ परस्पर वार्ता करना था।

शिलान्यास समारोह के बाद उन्होंने चौथे कंटेनर टर्मिनल (बीएमसीटीपीएल) एवं जेएनपीटी एसईजेड स्थल का दौरा किया। इस अवसर पर जेएनपीटी के अध्यक्ष संजय सेठी भी उपस्थित थे।

Sach ki Dastak

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