आयकर विभाग ने 700 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया –
मेघालय, तमिलनाडु, सच की दस्तक न्यूज़।
● आयकर विभाग ने तमिलनाडु में 700 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया
आयकर विभाग ने तमिलनाडु में बीयर और आईएमएफएल के एक प्रमुख उत्पादक कंपनी पर 6 अगस्त 2019 को जांच और तलाशी की कार्रवाई की। जांच कार्रवाई मंगलवार की सुबह तमिलनाडु के चेन्नई, कोयम्बटूर, तंजावुर तथा केरल, आंध्र प्रदेश और गोवा स्थित 55 स्थानों पर की गई। इन परिसरों में कंपनी के प्रमोटरों, प्रमुख कर्मचारियों और सामग्री आपूर्तिकर्ताओं के निवासस्थान शामिल हैं।
यह तलाशी अभियान खुफिया जानकारी पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि यह व्यावसायिक समूह उत्पादन सामग्री की कीमत बढ़ाकर दिखाता है और इस प्रकार बड़े पैमाने पर कर चोरी करता है। तलाशी के दौरान समूह के काम करने के तरीके का पता चला। इसके तहत कच्चे माल और बोतलों की कीमत को अत्यधिक बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था। आपूर्तिकर्ताओं को इस बढ़ी कीमत का भुगतान चेक या आरटीजीएस के द्वारा किया जाता था। बाद में आपूर्तिकर्ताओं से अतिरिक्त धनराशि नकद में वापस ले ली जाती थी। छह वर्षों की अवधि में लगभग 400 करोड़ रुपये की कर योग्य आय को छिपाने का पता चला है।
जांच के दौरान शराब उद्योग के एक अन्य प्रमुख व्यापार समूह के बारे में पता चला जो उक्त तरीके को अपनाकर कर चोरी में लिप्त था। विभाग ने 9 अगस्त 2019 को दूसरे समूह पर भी तलाशी अभियान शुरू किया। चेन्नई और कराईकल के सात परिसरों की तलाशी ली गई। इसमें लगभग 300 करोड़ रुपये की कर योग्य आय को छिपाने का पता चला है।
तलाशी की कार्रवाई के दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर, कर अधिकारियों ने नकदी ले जा रहे कुछ कर्मचारियों का पीछा किया और उन्हें रोककर कार से 4.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इस प्रकार तलाशी कार्रवाई से अब तक 700 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है जिसके बारे में कर निर्धारण के संदर्भ में जानकारी नहीं दी गई थी।
● आयकर विभाग ने मेघालय में पेट्रोल पंप चलाने के बेनामी कारोबार का पता लगाया
एक त्वरित और समन्वित कार्रवाई में आयकर विभाग की जांच इकाई, एनईआर ने 2 अगस्त 2019 को मेघालय के कुछ कारोबारियों की जांच और तलाशी ली जिन्हें कई पेट्रोल पंपों को चलाने और पंपों को बेनामी संपत्तियों के रूप में नियंत्रित करने में शामिल पाया गया है। इन कारोबारियों को राज्य सरकार को दिए जाने वाले टैक्स को कम करने, स्थानीय कर को जमा नहीं करने तथा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26) के तहत छूट का दुरुपयोग करके आयकर की बड़े पैमाने पर चोरी में लिप्त पाया गया है। आयकर की उक्त छूट केवल जनजातीय व्यक्तियों को ही उपलब्ध है।
तलाशी अभियान अगले दिन सुबह तक जारी रहा। तलाशी के दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध दस्तावेजों के साथ 2 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई। यह नकदी पानी की टंकियों जैसे अप्रत्याशित स्थानों में छिपा कर रखी गई थी।
यह अवैध कारोबार मेघालय के स्थानीय लोगों का शोषण करने वाले कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लंबे समय से चलाए जा रहा था। यह रैकेट स्थानीय लोगों को मिली छूट का दुरूपयोग करके कर चोरी कर रहा था। इन लोगों पर पिछले एक साल से नजर रखी जा रही ही।
इन बेनामी पेट्रोल पंपों की जानकारी के बाद खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (केएचएडीसी) के कार्यकारी समिति (ईसी) सदस्य व व्यापार प्रभारी ने 8 अगस्त, 2019 को मीडिया के समक्ष घोषणा की कि राज्य में बेनामी कारोबार की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून के बावजूद, बेनामी लेनदेन कुछ स्थानीय लोगों और उनके जनजतीय व्यापार भागीदारों के बीच मिलीभगत के कारण पनप रहे हैं। केएचएडीसी एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है जो मेघालय में व्यापार और वाणिज्य के विभिन्न पहलुओं का नियमन करता है।
आम लोगों और स्थानीय अधिकारियों ने विभाग की इस कार्रवाई की सराहना की है। इससे बेनामी कारोबार के खतरे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी तथा सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।