बेच दिया जाएगा एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम – वित्त मंत्री
मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि सरकार चाहती है मार्च तक एयर इंडिया और ऑइल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगले साल की शुरुआत में ही ये दोनों काम पूरे हो जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को इन दो कंपनियों को बेचने से इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ का फायदा होगा।
सीतारमन ने कहा, ‘एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह देखा गया है।’ पिछले साल निवेशकों ने एयर इंडिया को खरीदने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था इसलिए इसे नहीं बेचा जा सका था। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह में गिरावट को देखते हुए सरकार विनिवेश और स्ट्रैटजिक सेल के जरिए रेवेन्यू जुटाना चाहती है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए समय पर जरूरी कदम उठाए गए हैं और कई क्षेत्र अब सुस्ती से बाहर निकल रहे हैं। सीतारमन ने बताया कि कई उद्योगों के मालिकों से कहा गया है कि वे अपनी बैलेंस शीट में सुधार करें और उनमें से कई नए निवेश की तैयारी कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कुछ क्षेत्रों में सुधार से जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा। इसके अलावा सुधार के कदमों से भी कर संग्रह बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार स्टील पर जो फैसला सुनाया है इससे काफी सुधार देखने को मिला है और अगली तिमाही में इसका प्रभाव बैंकों की बैलेंस शीट पर देखने को मिलेगा।
कर्ज और हिस्सेदारी –
BPCL में सरकार की 53.29 फीसदी हिस्सेदारी है और इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है। सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी और मौजूदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से उसे करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
दूसरी तरफ, एअर इंडिया की हालत खस्ता है और उसके खरीदार नहीं मिल रहे।इसमें सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है और सरकार किसी तरह इसका खरीदार हासिल कर इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार ने पिछले साल भी एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी, लेकिन खरीदार न मिल पाने की वजह से इसे टालना पड़ा था। एअर इंडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा –
उन्होंने कहा कि लोगों में बदलाव आया है क्योंकि त्योहारों के दौरान बैंकों ने 1.8 लाख करोड़ का लोन बांटा है। सीतारमन ने कहा, ‘अगर उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति पटरी पर न होती तो वे बैंकों से लोन लेने के बारे में विचार ही क्यों करते? और ऐसा पूरे देश में है।’