न्यायालय कर्मियों के समस्त संगठन अपनी समस्याओं के निराकरण को हुए एकजुट

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जनपद न्यायालय में कार्यरत कर्मचारियों की गंभीर समस्याओं के निस्तारण को लेकर दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश लंबे समय से प्रयासरत है। जनपद न्यायालय के कर्मचारीगण का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण दशकों से लंबित है और इस कारणवश दिव्यांग, महिलाएं और बीमारी के आधार पर स्थानांतरण चाहने वाले कर्मचारी व्यथित है, विभागीय नियमावली का संशोधन वर्षो से शासन में लटका है जिस पर शासन में कोई भी ठोस कार्यवाही नही हो पा रही है।

राजपत्रित प्रतिष्ठा का शासनादेश शासन से हो जाने के बावजूद न्याय अनुभाग उक्त प्रतिष्ठा को प्रदान करने में कोई रुचि नहीं ले रहा, मृतक आश्रित कार्मिकों के साथ न्याय प्रदान किए जाने, एफ0टी0सी0 कर्मचारियों के वेतनवृद्धि एवं नियमितीकरण एवं अधीनस्थ न्यायालय में बढ़ते कार्य बोझ जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर पिछले अक्टूबर में दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ ने आंदोलन छेड़ दिया था तब माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारी संघों से सामूहिक वार्ता कर समस्त प्रकरण निस्तारण का आश्वासन दिया था परंतु अभी तक कोई ठोस कार्यवाही न होने से संघ ने पूरे प्रदेश में दिनांक 03 अप्रैल से 07 अप्रैल तक प्रदेश के समस्त न्यायिक कर्मचरियों द्वारा न्यायिक कार्य सम्पादित करते समय काला फीता बांध कर विरोध करने का आह्वान किया है जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं और कल से पूरे प्रदेश के न्यायिक कर्मचारी काला फीता लगाकर ही न्यायिक कार्य संपादित करेगें।

दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव नरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्टेनोग्राफर संघ के प्रदेश महासचिव चंद्र हंस दीक्षित व चतुर्थ श्रेणी न्यायिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव मुकेश कुमार द्वारा पत्र जारी कर आंदोलन को समर्थन दे दिया गया है अब जनपद न्यायालय के सारे संगठन एकस्वर से आंदोलन में हुंकार भरेंगे तथा 30 अप्रैल 2023 को दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश, जनपद प्रयागराज में महासम्मेलन भी अयोजित कर रहा है।

इस महासम्मेलन में पारित ज्ञापन उसी दिन माननीय उच्च न्यायालय को सौप कर न्यायालय कर्मचारी अपने लिए न्याय मांगेंगे और शासन के कर्मचारी विरोधी कार्यप्रणाली में सीधा हस्तक्षेप कर न्याय प्रशासन से न्याय दिलाने का आह्वान करेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष नृपेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी यह बुरी स्थिति तब और बदतर हो गई है जबसे माननीय मुखमंत्री महोदय के पास न्याय विभाग सुरक्षित हुआ तबसे शासन के न्याय अनुभाग में बैठने वाले अधिकारी कर्मचारियों के हितों को समाप्त कर देने पर तुला हुआ है उन्होंने कहा कि संघ की ओर से मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित किया गया है अब आंदोलन यदि तीव्र होता है और पूरे प्रदेश में न्यायिक कार्य ठप पड़ने की स्थिति आती है तो इसके जिम्मेदार शासन में चुप्पी साधे बैठे अधिकारी ही होंगे।

_नरेंद्र विक्रम सिंह
प्रांतीय महासचिव
दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश

Sach ki Dastak

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